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आइये जानें क्या है यूपी में विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान 21 अक्टूबर को रखी गयी है जहां सुबह सात बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होना है। वोटों की गिनती का काम 24 अक्टूबर को कराई जाएगी। आज चुनाव की तिथि आते ही इन जिलों में आचार संहिता लागू हो गयी है।
लखनऊ: यूपी में बहुप्रतीक्षित विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम आज घोषित कर दिया गया। 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख 21 अक्टूबर है जबकि मतगणना 24 अक्टूबर को होनी है।
नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसकी अंतिम तिथि30 सितम्बर
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि गंगोह (सहारनपुर), रामपुुर (रामपुर), इगलास(अजा) (अलीगढ),लखनऊ कैण्टोनमेंट (लखनऊ),गोबिन्दनगर (कानपुर नगर),मानिकपुर (चित्रकूट),प्रतापगढ़ (प्रतापगढ़),जैदपुर (अजा) बाराबंकी, जलालपुर(अम्बेडकर नगर), बलहा (अजा) (बहराइच) तथा घोसी (मऊ) में होने वाले उपचुनावों में अधिसूचना 23 सितम्बर को जारी की जाएगी। 11 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसकी अंतिम तिथि30 सितम्बर रखी गयी है।
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इन नामांकन पत्रों की जांच के काम की तिथि एक अक्टूबर रखी गयी। इसके बाद यदि प्रत्याशी अपना नाम वापसी चाहते हैं तो 3 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकते हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान 21 अक्टूबर को रखी गयी है जहां सुबह सात बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होना है। वोटों की गिनती का काम 24 अक्टूबर को कराई जाएगी। आज चुनाव की तिथि आते ही इन जिलों में आचार संहिता लागू हो गयी है।
टूंडला सीट का का मामला कोर्ट में होने के कारण अभी तारीख का एलान नहीं हो पाया है
बताते चलें कि 13 रिक्त पडी यूपी की 13 सीटों में हमीरपुर सीट पर चुनाव का ऐलान पहले ही हो चुका है। यहां 23 सितम्बर को को वोटिंग होने जा रही हैं। बची अब 12 विधानसभा सीटों पर टूंडला सीट का का मामला कोर्ट में होने के कारण अभी तारीख का एलान नहीं हो पाया है। अब केवल 11 सीटों पर चुनाव हो रहे है। इन 11 विधानसभा सीटों में से रामपुर की सीट सपा और जलालपुर की सीट बसपा के पास थी और बाकी सीटों पर बीजेपी का कब्जा था।
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बसपा पहली बार उपचुनाव लड़ने जा रही है। अभी तक वह उपचुनाव में नहीं थी सपा अलग चुनाव लड़ रही है। कहीं इस चुनाव में बसपा हावी रही तो यह सपा के लिए खतरे की घंटी होगी, क्योंकि दोनों अभी गठबंधन से उबरे है। अगर सपा को बढ़त हासिल हुई तो यह उनके लिए संजीवनी साबित होगी। अन्यथा चुनौतियां बढ़ेंगी। कांग्रेस अभी चर्चा में कहीं नहीं है। एक-आध सीटों को छोड़ दें तो फिलहाल कांग्रेस की डगर अभी बहुत कठिन है।