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बहू को जलाकर मारने की आरोपी सास का आजीवन कारावास रद्द

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहू को जलाकर हत्या के आरोप में सत्र न्यायालय मथुरा द्वारा सास को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा रद्द कर दी है। पिछले 11 साल से जेल में कैद सास विद्यादेवी को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने यह आदेश बहू को जलाकर मार डालने का पर्याप्त साक्ष्य न होने व दो मृत्युकालिक बयानों में विरोधाभास होने के आधार पर आरोप से बरी कर दिया।

Rishi
Published on: 25 March 2019 1:41 PM GMT
बहू को जलाकर मारने की आरोपी सास का आजीवन कारावास रद्द
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प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहू को जलाकर हत्या के आरोप में सत्र न्यायालय मथुरा द्वारा सास को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा रद्द कर दी है। पिछले 11 साल से जेल में कैद सास विद्यादेवी को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने यह आदेश बहू को जलाकर मार डालने का पर्याप्त साक्ष्य न होने व दो मृत्युकालिक बयानों में विरोधाभास होने के आधार पर आरोप से बरी कर दिया।

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कोर्ट ने मृत्युकालिक बयान को सजा के लिए पर्याप्त नहीं माना और कहा कि सत्र न्यायालय ने साक्ष्यों का परीक्षण करने में कानूनी गलती की है।

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की खण्डपीठ ने सास विद्या देवी की सजा के खिलाफ अपील को स्वीकार करते हुए दिया है।

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अपील पर अधिवक्ता का कहना था कि राल गांव में अपने घर में 15 अगस्त 07 को खाना बनाते समय आग लगने से बहू मीना की जलने से मौत हो गयी। 96 फीसदी जली हालत में उसके दो बयान पुलिस ने पेश किए। एक में सास पर जलाने तथा दूसरे में पूरे परिवार को मिलकर जलाने का बयान दिया। अभियोजन द्वारा पेश अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य भी सिद्ध नहीं हुए।

पति मुकेश व ससुर हरि सिंह को सत्र न्यायालय ने ही बरी कर दिया था। कोर्ट ने मृत्युकालिक दो बयानों में विरोधाभास व अन्य साक्ष्य न होने के कारण आरोपी को सुनायी गयी सजा सही नहीं माना और कहा कि सत्र न्यायालय ने सजा देने में कानूनी गलती की है। कोर्ट ने हत्या के आरोप में सुनायी गयी आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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