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तो इसलिए नहीं पसीजे धरती के भगवान, निकल गई प्रसव पीड़िता का जान

परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। पूरे मामले में सीएमओ का कहना है प्रकरण की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा कार्यवाही की जाएगी।

Rahul Joy
Published on: 13 Jun 2020 6:07 AM GMT
तो इसलिए नहीं पसीजे धरती के भगवान, निकल गई प्रसव पीड़िता का जान
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zila hospital

हरदोई। कहते है कि डॉक्टर को धरती का भगवान है लेकिन अगर वही भगवान अपने मरीज से मुह मोड़ ले तो मरीज की सांस थम जाना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही हुआ और धरती के भगवानों की चौखट पर दौड़ती रही पूजा ने हार मानकर दम तोड़ दिया। प्रसव पीड़ित महिला को उसके परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर भटकते रहे लेकिन किसी ने भर्ती नहीं किया जिससे महिला की जान चली गई।

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दोषी पर होगी कार्यवाही

हालांकि यह महिला जिला अस्पताल में भर्ती कराई गई थी जहां से परिजन उसे निजी अस्पताल के लिए ले गए थे। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। पूरे मामले में सीएमओ का कहना है प्रकरण की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा कार्यवाही की जाएगी।

महिला को मृत घोषित किया

जिला महिला अस्पताल में उस समय हंगामा मच गया जब एक महिला को मृत घोषित कर दिया गया। यह महिला प्रसव पीड़ा से पीड़ित थी और करीब 4 घंटे जिला महिला अस्पताल में भर्ती रही थी। उसके बाद से परिजन इसे संदिग्ध परिस्थितियों में लेकर शहर के कई अस्पतालों तक दौड़ते रहे लेकिन किसी ने उसे भर्ती नहीं किया।

बताया जाता है कि महिला को खांसी आ रही थी जिसके कारण किसी भी निजी अस्पताल के डॉक्टर ने उसे हाथ नहीं लगाया और पुनः जब परिजन महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तब तक महिला की सांस थम चुकी थी।

चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगा

इसके बाद परिजनों ने जिला अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगा दिया और जमकर हंगामा किया।इस पूरे प्रकरण में सीएमओ डॉक्टर एस के रावत का कहना है महिला भर्ती थी तो उसको इन लोगों ने कुछ पिलाया और उसके बाद कोल्ड ड्रिंक भी पिलाई जिससे महिला को समस्या बढ़ गई और यह लोग बिना बताए उसे उठा ले गए।

उनका कहना है कि अस्पताल के चिकित्सकों की कोई लापरवाही नहीं है फिर भी पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। लेकिन एक सवाल यह भी है कि महिला जिला अस्पताल में भर्ती थी और उसे नहीं किया गया तो फिर उसे कैसे उठा ले गए इस सवाल पर कोई भी डॉक्टर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

रिपोर्टर - मनोज तिवारी, हरदोई

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