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UP News: लिफ्ट लगवाने वालों सावधान, यूपी में आ रहा नया कानून, सजा और जुर्माने का प्रावधान

UP News: उत्तर प्रदेश सरकार लिफ्ट के बंद होने, टूटकर गिरने और अन्य कारणों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए कठोर कानून लाने की तैयारी कर रही है।

Jugul Kishor
Published on: 18 Oct 2023 2:17 AM GMT (Updated on: 18 Oct 2023 2:28 PM GMT)
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लिफ्ट (सोशल मीडिया)

UP News: उत्तर प्रदेश में आए दिन किसी न किसी शहर से लिफ्ट टूटकर गिरने, लिफ्ट अटकने, लिफ्ट में लोगों के फंस जाने या अन्य किसी प्रकार की दुर्घटना से जुड़ी खबर आती रहती है। शहर चाहें कोई भी हो, लिफ्ट से होने वाली दुर्घटनाओं में लोगों के घायल होने या फिर जान गंवाने की खबरें अब आम हो चुकी हैं। जांच करने पर सामने आता है लिफ्ट में मेंटेनेंस की कमी के कारण हादसा हो गया। लेकिन, अब उत्तर प्रदेश सरकार लिफ्ट के बंद होने, टूटकर गिरने और अन्य कारणों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए कठोर कानून लाने की तैयारी कर रही है।

जुर्माना और सजा का प्रावधान

ऊर्जा विभाग ने यूपी लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट का मसौदा तैयार कर लिया है। जिसमें सुनिश्चित किया गया है कि बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी प्रदेश के अंदर लिफ्ट नहीं लगा सकेगा। लिफ्ट या एस्केलेटर से हादसा होने पर एक रूपए जुर्माना और तीन महीने की सजा या दोनों का प्रावधान किया गया है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों , संस्थानों, सार्वजनिक उपक्रमों के साथ सरकारी कार्यालयों में लगने वाली सभी लिफ्ट इसके दायरे में आएंगी। घरेलू लिफ्ट को छोड़कर अन्य सभी लिफ्ट में प्रशिक्षित आपरेटर रखना अनिवार्य होगा।


विद्युत सुरक्षा निदेशालय में कराना होगा रजिस्ट्रेशन

किसी भी बहुमंजिला इमारत में लिफ्ट लगाने से पहले विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। लिफ्ट लगने के बाद निदेशालय की टीम लिफ्ट सुरक्षा का आडिट करेगी। इसके साथ ही लिफ्ट के वार्षिक मेंटीनेंस, लिफ्ट आपरेटर की अनिवार्यता भी रजिस्ट्रेशन की शर्त में शामिल होगी। जो भी संस्था लिफ्ट लगाने के लिए आवेदन करेगी, उसे बाध्य किया जाएगा कि वह आटो रेस्क्यू डिवाइस वाली लिफ्ट ही लगाए। जिससे अचानक बिजली जाने या कोई अन्य तकनीकी खरीबी आने पर लिफ्ट बीच में न अटककर किसी फ्लोर पर आकर रूके। साथ ही फ्लोर पर पहुंचते ही दरवाजा स्वयं खुल जाए। इसके साथ ही लिफ्ट मालिक को लिफ्ट का थर्ड पार्टी बीमा भी करवाना होगा, जिससे हादसे होने पर पीड़ित पक्ष को मुआवजा दिलवाया जा सके।

कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव

जानकारी के मुताबिक मंगलवार को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता की उपस्थिति में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सामने मसौदे को पेश किया गया। जिसमें एक्ट में शामिल किए गए प्रावधानों को अलग-अलग रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्तावित अधिनियम को जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने की तैयारी की जा रही है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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