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लिव-इन में रहते गर्लफ्रेंड ने किया सुसाइड, बॉयफ्रेंड पर चलेगा दहेज-हत्या का मुकदमा, जानें हाई कोर्ट की टिप्पणी
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव-इन में रहने वाली लड़की के सुसाइड वाली याचिका पर आज सुनवाई की है।
Allahabad High Court: प्रयागराज में एक युवक के साथ लिव-इन में रहने वाली युवती ने आत्महत्या कर लिया। जिसके बाद युवक के ऊपर दहेज और हत्या का मुक़दमा चलाया गया। अपने ऊपर लगे आरोपों के चलते युवक ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में शख्स ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया था। बाद में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे गलत पाया और उस याचिका को खारिज कर दिया. आपको बता दें कि प्रयागराज के आदर्श यादव एक युवती के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहता था और युवती ने सुसाइड कर लिया और उसकी मौत हो गई।
याचिका में युवक ने क्या कहा
अपने याचिका में युवक ने कहा कि वो महिला का पति नहीं है और उस पर लगाया गया हत्या और दहेज का मामला गलत है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने कहा कि भले ही कानूनी तौर पर दोनों की शादी नहीं हुई थी, लेकिन रिकॉर्ड में साक्ष्य के तौर पर दोनों का मौके पर लिव-इन में रहना एक पर्याप्त साक्ष्य हैं। इसीलिए कोर्ट ने युवक के ऊपर लगे आरोपों को सही माना है।
पहले से शादीशुदा थी युवती
आरोपी आदर्श ने बताया कि उसके साथ लिव-इन में रहने वाली युवती पहले से शादीशुदा थी और उसने अपने पहले पति को तलाक नहीं दिया था। ऐसे में दोनों साथ तो रह रहे थे, लेकिन दोनों ने शादी नहीं की थी। लेकिन बाद में कोर्ट ने इस बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि युवती की ओर से की गई शिकायत में उसके पहले पति से हुए तलाक के सारे सबूत दिए गए हैं।
शादी कानूनी नहीं लेकिन आरोप सही- कोर्ट
युवती के परिवार वालों की तरफ से यह कहा जा रहा था कि दोनों ने कोर्ट में ही शादी की थी। लेकिन आरोपी ने इस बात को पूरी तरह से नकार दिया। तब कोर्ट ने कहा कि भले ही दोनों की कानूनी शादी का मामला स्पष्ट नहीं किया जा सका है, लेकिन फिर भी उसपर लगाए गए आरोपों को खारिज नहीं किया जा सकता है।
दरअसल इस मामले को लेकर परिवार वालो का कहना था कि युवक लड़की पर दहेज़ का दबाव बनाता था। जिसपर युवक ने कहा कि वह कानूनी तौर पर पीडि़ता का पति नहीं है इसलिए उसपर दहेज हत्या व दहेज उत्पीड़न का केस नहीं चलाया जा सकता। लेकिन बाद में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि केवल पति ही नहीं बल्कि उसके रिश्तेदार भी दहेज हत्या के लिए आरोपित हो सकते हैं। भले ही यह मान लिया जाए कि मृतका कानूनी रूप से विवाहित पत्नी नहीं थी। किंतु साक्ष्य है कि वे पति और पत्नी की तरह एक साथ रह रहे थे। इसलिए दहेज हत्या के प्रावधान इस मामले में लागू होंगे।