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लॉकडाउनः सलाम है इनके जज्बे को, हर कोई बोल रहा वाह भाई वाह

यूपी के शाहजहांपुर में एक ऐसा समाजसेवी भी है जो दूर दराज के गांवों में जाकर भोजन तो बांट ही रहा है। लेकिन उसके साथ साथ वह सोशल मीडिया पर मदद मांगने वालों को पैसे से भी मदद कर रहा है।

राम केवी
Published on: 19 April 2020 1:48 PM GMT
लॉकडाउनः सलाम है इनके जज्बे को, हर कोई बोल रहा वाह भाई वाह
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आसिफ अली

शाहजहांपुर। वैसे अभी तक आपने लाॅक डाउन के समय तमाम समाजसेवियों को देखा होगा। जो कच्चा और पक्का भोजन लेकर रोड पर निकले हुए हैं। लेकिन यूपी के शाहजहांपुर में एक ऐसा समाजसेवी भी है जो दूर दराज के गांवों में जाकर भोजन तो बांट ही रहा है। लेकिन उसके साथ साथ वह सोशल मीडिया पर मदद मांगने वालों को पैसे से भी मदद कर रहा है।

खाने और पैसे दोनो से मदद

ऐसा पहली बार देखा गया है कि किसी समाजसेवी ने परेशान हाल लोगों के अकाउंट में मदद के तौर पर पैसा भी ट्रांसफर किया है। खास बात ये है कि पैसे से मदद दूसरे जिलों या फिर दूसरे राज्यों मे रहने वाले लोगों की भी की गई है।

दरअसल हम बात कर रहे हैं रौजा थाना क्षेत्र के दुर्गा इन्कलेव में रहने वाले लखन प्रताप सिंह की है। उनके समाज सेवा करने के जज्बे को सलाम करने का मन करता है। इसका कारण ये है कि वह लाॅक डाउन के चलते पिछले 25 दिन से अपने घर पर हलवाईयों से खाना बनवाकर दूर दराज के गांवों में जाकर परेशान हाल गरीबों का पेट भर रहे हैं।

शहर से दूर गांव में जाकर बांटते हैं खाना

ऐसा नही है कि वह सिर्फ मीडिया में जगह पाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। बल्कि उनकी मदद करने से ऐसा लगता है कि वास्तव में गरीबों केे दर्द को समझते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि शहर में तमाम लोग खाना बांट रहे हैं लेकिन लखन प्रताप सिंह खाना बनवाकर अपने साथियों के साथ अपनी गाड़ी से शहर से करीब 80 किलोमीटर दूर जाकर वास्तव मे जिन गरीबों को खाने की जरूरत थी। ऐसे लोगों का पेट भर रहे हैं।

उन लोगों का पता बताइये जिनके घरों में खाना नहीं बना

आज लखन प्रताप सिंह जैतीपुर के कई ऐसे गांव है जहां पर पहुंच चुके हैं। वह सबसे पहले गांव वालों से पूछते हैं कि इस गांव मे उन लोगों का पता बताइये जिनके घरों मे खाना नहीं बना है। या फिर उनके पास कुछ भी खरीदने के लिये पैसे नही है। हालांकि गांव मे कई परिवार ऐसे थे। जिनके घरों मे खाना नही था। और उनकी सुध वहां के स्थानीय विधायकों और यहां बीजेपी सांसद ने भी नहीं ली है।

खाने के साथ पूछी पैसों की जरूरत

इतना ही नही जिला प्रशासन का भी अधिकारी उन तक नहीं पहुचा है लेकिन जैसे ही लखन प्रताप को पता चला कि कुछ परिवार इस गांव में भूखे हैं। वह खुद खाना लेकर उनके घरों तक पहुंच गए। खास बात ये है कि वह ऐसे परिवार थे जिनके कच्चे घर बने थे। लखन प्रताप सिंह ने उनको खाना तो दिया ही साथ ही उन्होंने सभी से पूछा कि क्या उनको कुछ पैसों की भी जरूरत है। लेकिन पैसे के लिए सभी ने इंकार कर दिया।

सबसे खास बात ये है कि लखन प्रताप सिंह ने लाॅक डाउन के चलते करीब 10 से 12 परिवार ऐसे हैं जिनकी मदद पैसे से की है। वह परिवार शाहजहांपुर के रहने वाले नहीं है। वह दूसरे जिलों या फिर दूसरे राज्यों मे रहते हैं। जिनको वह जानते भी नहीं हैं।

फेसबुक पर भी मदद मांगने वालों को दिये पैसे

दरअसल लखन प्रताप सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है। उनके फेसबुक पर लोग मैसेज करके अपनी परेशानियों के बारे मे बताने लगे। ऐसे ही एक मुस्लिम महिला ने बरेली से फेसबुक पर लखन प्रताप से पैसे की दरकार की। क्योंकि लाॅक डाउन के चलते उस महिला के परिवार के पुरूष काम नहीं कर पा रहे थे। यही कारण था कि उस महिला के पास पैसे नहीं थे।

जब लखन प्रताप के पास उस महिला ने अपना वीडियो बनाकर भेजा तो उन्होंने मैसेंजर से उस महिला से संपर्क किया। और उसके बाद पांच हजार रुपये महिला के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये। इतना ही नही बैंगलोर में भी एक युवक ने फेसबुक पर समाज सेवक से पैसे की मदद मांगी। जिसके बाद उन्होेंने उस युवक से एक वीडियो मांगा जिसमें युवक ने अपनी परेशानी के बारे में बताया। फिर क्या था लखन प्रताप ने उसके अकाउंट मे तीन हजार रूपये ट्रांसफर कर दिये। ऐसे ही करीब 10 से 12 परिवार है कि जिनको पैसे से मदद की है।

समाजसेवी लखन प्रताप सिंह की नेताओं से अपील

समाजसेवक लखन प्रताप सिंह ने newstrack.com से बात करते हुए बताया कि जब से लाॅक डाउन हुआ है। तब से लोगों के काम धंधे बंद हो गए हैं। उनके घरों मे खाना नहीं है। खाने के लिए सामान लाने के लिए पैसा नही है। इसलिए पिछले 25 दिन से वह खाना तो बांट ही रहे हैं। इसके साथ उन्होंने कुछ परिवारों को पैसे से भी मदद की है।

मदद करते वक्त वह लोगों का धर्म और जाति नही देखते है। जिन लोगों की पैसे से मदद की है। उसमे सबसे ज्यादा मुस्लिम हैं। इसलिए उन्होेंने लोगों के साथ साथ तमाम उन नेताओं से अपील की है कि जो नेता घरों मे बैठे हैं। उनका कहना है कि वह घरों से बाहर आएं। उन तक पहुचें जिन्होंने उनको आज विधायक और सांसद बनाया है।

राम केवी

राम केवी

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