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संसद की गिरती गरिमा पर लोक गठबंधन पार्टी ने व्‍यक्‍त की चिंता

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Published on: 3 Dec 2016 10:52 AM GMT
संसद की गिरती गरिमा पर लोक गठबंधन पार्टी ने व्‍यक्‍त की चिंता
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लखनऊ: लोक गठबंधन पार्टी ने संसद की गिरती गरिमा और हो रही अर्थहीन बहसों पर चिंता व्यक्त की है। पार्टी के समन्वयक हरीश चन्द्र पांडेय ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि पिछले कई सालों से संसद में चर्चाएं अप्रासंगिक बनती जा रही हैं। गंभीर विषयों को पूर्णतया नजरअंदाज करके घोर अर्थहीन विषयों को राष्ट्रीय मुद्दों की परिधि में लाकर उन्हें अतिरंजित करके प्रस्तुत किया जा रहा है। इससे संसद के दोनों सदनों की गरिमा ही नहीं गिरती, बल्कि जनता में यह संदेश स्पष्ट जाता है कि संसद का होना अथवा न होना कोई मायने नहीं रखता।

उन्होंने कहा कि जनता यह भी सोचने के लिए मजबूर हो जाती है कि जब संसद को या तो चलना ही नहीं है अथवा वहां क्षुद्र एवं अर्थहीन विषयों को चर्चा में लाकर व्यर्थ में राष्ट्र के धन व समय का दुरुपयोग ही होना है तो फिर प्रत्येक 5 साल के बाद जनता के द्वारा सांसदों को चुनने में करोड़ों रुपए व्यय किए जाने का औचित्य ही क्या है?

श्री पांडेय ने कहा कि चालू संसदीय सत्र में विमुद्रीकरण के महत्वपूर्ण विषय पर अभी तक चर्चा के नाम पर केवल शोर-शराबा ही हुआ है। आश्चर्य की बात यह है कि कांग्रेस द्वारा सांसद राहुल गांधी की ईमेल हैक किये जाने का विषय उठाया गया तथा तृणमूल कांग्रेस द्वारा बचकाने व तथ्यविहीन तथ्य देकर सेना पर तख्ता पलट करने जैसा गंभीर लांछन लगाया गया।

वास्तविकता यह है कि हर साल देश व प्रदेश में सैकड़ों ईमेल की हैकिंग, सामान्यतः, उपभोक्ताओं के द्वारा बरती गई असावधानी से संभव होती है। जहां तक पश्चिम बंगाल में हुये सैनिक अभ्यास का प्रश्न है तो यह सैनिक अभ्यास तो साल दर साल नागरिक-सैन्य तालमेल अभ्यास के रूप में वर्षों से किया जा रहा है, इसमें कोई नई बात नहीं है।

उन्होंने कहा कि संसद के सत्र छोटे होते जा रहे हैं, चर्चाओं के विषय अर्थहीन होते जा रहे हैं और चर्चाएं अपने आप में बेतुकी हो रही हैं। लगता है कि सांसदों को गरीबी, अशिक्षा, बीमारी व बेरोजगारी की समस्याओं से जूझती हुई देश की जनता के उपर ध्यान देने के लिए समय नहीं मिलता है।

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