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Rampur By Election: कौन हैं आजम खान के करीबी आसिम राजा, जानिए इनका राजनीतिक सफर
Lok Sabha by Polls: रामपुर में लोकसभा उपचुनाव (Rampur By Election) को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) ने आजम खान के बेहद करीबी माने जाने वाले आसिम राजा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
Rampur Asim Raja News: रामपुर लोकसभा उपचुनाव (Rampur By Election) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से आजम खान (Azam Khan) के बेहद करीबी रहे आसिम राजा (Asim Raja) के नाम के एलान के बाद सपा में खुशी की लहर। रामपुर में नामांकन के आखिरी दिन तक समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस था हालांकि सपा की ओर से दो नामांकन पत्र खरीदे गए थे एक आसिम राजा के नाम से और एक आजम खान की पत्नी डॉ ताज़ीन फातमा के नाम से लेकिन नामांकन के आखिरी दिन और नामांकन खत्म होने से कुछ घंटे पहले ही आजम खान ने समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष आसिम राजा के नाम पर आखिरी मुहर लगा दी।
नामांकन के दौरान आसिफ राजा के साथ नहीं थे आज़म खान
हालांकि यह पहला मौका था कि समाजवादी पार्टी के लोकसभा के नामांकन में आजम खान दूर रहे जी हां हम बात कर रहे हैं आजम खान ने अपनी पत्नी को प्रत्याशी न बना कर असीम राजा को सपा से प्रत्याशी ज़रूर बनाया लेकिन नामांकन में आजम खान या उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति आसिम राजा के साथ शामिल नहीं था। असीम राजा अकेले चमरोआ के विधायक नसीर अहमद खां के साथ नामांकन के लिए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। आसिम राजा के सामने जो भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी वह भी अभी कुछ ही महीने पहले समाजवादी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और वे भी काफी आजम खान से क़रीबी रह चुके हैं अब इस वक्त दोनों ही आजम खान के करीबी आपस में एक दूसरे के मुकाबले में है।
कांग्रेस से शुरू किया था आसिफ राजा ने राजनीतिक सफर
सपा प्रत्याशी आसिफ राजा पूर्व सभासद भी रह चुके हैं, व्यापारी नेता भी है और शमसी बिरादरी से आते हैं। शमसी बिरादरी में आसिम राजा की अच्छी पकड़ है लोग उनकी बात को मानते हैं और सुनते भी हैं। आजम के करीबी आसिम राजा रामपुर शहर के मोहल्ला घेर सैफुदीन खां थानागंज के रहने वाले हैं। 59 साल के आसिम के पिता का नाम दिलदार अहमद है और आजम खान की जाति पठान से आते हैं। आसिम राजा ने परस्नातक तक की पढ़ाई कर रखी है, लेकिन शादी नहीं की है। आसिम राजा ने अपना सियासी सफर कांग्रेस से शुरू किया, लेकिन आजम के संपर्क में आने के बाद सपा का दामन थाम लिया।
आसिम राजा ने नब्बे के दशक में राजनीति में एंट्री की और 1995 से 2002 तक कांग्रेस में कार्यकर्ता रहे। साल 2002 में कांग्रेस को छोड़कर आसिम राजा ने समाजवादी पार्टी की सदस्ता ग्रहण कर ली। आसिम राजा को सपा में लाने में आजम खान की भूमिका रही है। साल 2015 से रामपुर नगर अध्यक्ष के पद पर नियुक्त हैं, जिसके बाद से अभी तक काबिज हैं।
आसिम राजा मुख्य तौर पर ठेकेदारी और प्रॉपर्टी डीलिंग का कारोबार करते हैं। इतना ही नहीं, फिक्र-ए सेहत नाम से मासिक पत्रिका जो दिल्ली से प्रकाशित होती है उसके संपादक भी हैं। आजम खान ने जेल में रहते 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा तो आसिम राजा ने जाकर उनका नामांकन भरा था। आसिम राजा के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जो उन पर 2018 के बाद लगे हैं। अब रामपुर से सपा के टिकट पर किस्मत आजमाने के लिए उतरे हैं। देखना है कि आजम क्या रामपुर से सीट से उन्हें जीत दिला पाते हैं कि नहीं?