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Lok Sabha Election 2024: कैसरगंज से बृजभूषण को टिकट मिलना तय! पहले चरण के मतदान के बाद होगी घोषणा
Kaiserganj Seat Se BJP Candidate: हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh Ticket) के खिलाफ लंबा आंदोलन चलाया था। जिसके चलते बीजेपी उन्हें टिकट देने में देरी कर रही है।
Lok Sabha Election 2024: महिला पहलवानों की शिकायत लेकर बीते दिनों विवादों में आये भाजपा नेता व सांसद बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh Ticket) ने भाजपा हाई कमान (BJP High Command) की मुश्किलें खासी बढ़ा दी हैं। पार्टी हाई कमान का बृज भूषण शरण सिंह के साथ रिश्ता- ‘ भई गति साँप छछून्दर केरि’ सरीखा हो गया है। थक हार कर पार्टी ने बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh Seat) को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) में कैसरगंज (Kaiserganj Seat) से ही उतारने का फ़ैसला कर लिया है। पहले चरण के चुनाव के बाद पार्टी बृज भूषण शरण सिंह के टिकट की घोषणा कर सकती है।
BJP के आगे ये मजबूरी
बृज भूषण शरण सिंह को टिकट देना पार्टी (BJP) की कई मामले में अब मजबूरी हो गई है। पहला, इन दिनों उत्तर प्रदेश में ठाकुर मतदाता (UP Thakur Voters) भाजपा के खिलाफ लामबंद होकर अपने ग़ुस्से का इज़हार करा रहे हैं। इसके पीछे केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला द्वारा दिया गया बयान तो है ही। इसी के साथ क्षत्रिय समाज के लोगों का यह आरोप भी है कि भाजपा ने इस बार उनके समाज के लोगों को कम टिकट दिया है। ग़ाज़ियाबाद से वी के सिंह के टिकट को काटे जाने की वह अपनी बैठकों में नज़ीर दे रहे हैं। वी के सिंह दो बार के सांसद हैं। हालाँकि भाजपा ने प्रदेश में मुख्यमंत्री इसी समाज से बना रखा है। यही नहीं, आठ टिकट क्षत्रिय समाज से दिये गये हैं।
दूसरा, कैंसरगंज सीट पर बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के सामने जीतने की स्थिति में कोई नहीं है। तीसरा, बृज भूषण शरण सिंह की ओर उम्मीद लगाकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी देख रहे हैं। माना जा रहा है कि भाजपा ने बृज भूषण शरण सिंह से कन्नी काटी तो अखिलेश यादव उन्हें साइकिल पर बैठा कर संसद भेज देंगे। बृज भूषण शरण सिंह आसपास की एक दो सीटों को भी प्रभावित करेंगे।
आंदोलन के चलते टिकट मिलने में हो रही देरी
बृज भूषण शरण सिंह को अभी तक टिकट ने देन के पीछे पार्टी की भी कम मजबूरी नहीं है। हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लंबा आंदोलन (Wrestlers Movement) चलाया था। महिलाओं पहलवानों ने तो उन पर यौन शोषण (Sexual Exploitation) तक के आरोप लगाये थे। यदि भाजपा पहले इनके टिकट की घोषणा कर देती तो हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाक़ों में चुनाव में दिक़्क़त का सामना करना पड़ता।
कहा जाता है कि सांसद बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए नहीं तैयार हैं। यहां तक कि उन्होंने कैसरगंज में अपनी पत्नी केतकी सिंह या बेटे प्रतीक भूषण को चुनाव मैदान में उतारने के भाजपा नेतृत्व के ऑफर को भी ठुकरा दिया है। महिला पहलवानों के आरोपों के बाद विवादों का केंद्र बनने वाले बृजभूषण शरण सिंह को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बार टिकट नहीं देना चाहता, मगर उनकी नाराजगी का जोखिम भी नहीं उठाना चाहता।
कैसरगंज सीट पर भाजपा के प्रत्याशी का सबको इंतजार है क्योंकि सभी यह जानने को बेकरार हैं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बृजभूषण शरण सिंह के सियासी भविष्य को लेकर क्या फैसला लेता है।
यूपी में सात चरणों में वोटिंग
उत्तर प्रदेश में 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में मतदान होना है। 19 अप्रैल को पहले चरण में प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान होगा जबकि 1 जून को पीएम मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी समेत पूर्वांचल की कई अहम सीटों पर मतदान होना है। जिन सीटों पर अभी तक प्रत्याशी नहीं घोषित किए गए हैं, वहां मतदान बाद के चरणों में होना है। इसलिए भी भाजपा नेतृत्व प्रत्याशी तय करने में इतना वक्त लगा रहा है।