Lok Sabha Election 2024: सीट बंटवारे को लेकर सपा-कांग्रेस में बढ़ा टकराव, अखिलेश कर चुके हैं 27 प्रत्याशियों का ऐलान मगर फार्मूले पर सहमति नहीं

Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी की ओर से कांग्रेस को 17 लोकसभा सीटों का अंतिम ऑफर दिया गया है जबकि कांग्रेस की ओर से ज्यादा सीटों की डिमांड की जा रही है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 20 Feb 2024 4:03 AM GMT
Lok Sabha Election 2024: सीट बंटवारे को लेकर सपा-कांग्रेस में बढ़ा टकराव, अखिलेश कर चुके हैं 27 प्रत्याशियों का ऐलान मगर फार्मूले पर सहमति नहीं
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Akhilesh yadav Rahul Gandhi (photo: social media ) 

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। कई दौर की बातचीत के बाद अभी तक दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन सकी है। दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव प्रदेश की 27 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर चुके हैं।

समाजवादी पार्टी की ओर से कांग्रेस को 17 लोकसभा सीटों का अंतिम ऑफर दिया गया है जबकि कांग्रेस की ओर से ज्यादा सीटों की डिमांड की जा रही है। सीट शेयरिंग पर सहमति न बनने के कारण ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को अमेठी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में हिस्सा नहीं लिया था। सपा का साफ तौर पर कहना है कि सीट बंटवारे पर सहमति बनने के बाद ही अखिलेश राहुल की यात्रा में शामिल होंगे। जानकारों के मुताबिक दोनों दलों के बीच प्रदेश की कुछ सीटों को लेकर भी पेंच फंसा हुआ है।

दोनों दलों के बीच क्यों बढ़ा टकराव

समाजवादी पार्टी की ओर से प्रदेश की 16 लोकसभा सीटों पर पहले ही प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया था और सोमवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 11 और सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। अखिलेश यादव ने 27 जनवरी को कांग्रेस को प्रदेश की 11 सीटें देने का एकतरफा ऐलान किया था। इसके तीन दिन बाद ही 30 जनवरी को उन्होंने 16 लोकसभा सीटों पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी घोषित कर दिए थे।

मजे की बात यह है कि सपा की ओर से पहली सूची में जिन 16 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया, उनमें से पांच सीटों फैजाबाद, अकबरपुर, फर्रुखाबाद, खीरी और धौरहरा में 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।

कांग्रेस 2009 के चुनाव नतीजे के आधार पर ही सपा से सीटों की डिमांड कर रही है। इन पांच सीटों पर भी कांग्रेस की ओर से दावेदारी की गई थी। ऐसे में दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे के मुद्दे पर टकराव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।

सपा ने दिया 17 सीटों का अंतिम ऑफर

वैसे सपा ने अब कांग्रेस के लिए सीटों की संख्या बढ़कर 17 सीटों का अंतिम ऑफर दिया है। सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि हमारी ओर से कांग्रेस को अंतिम ऑफर दे दिया गया है। पहले सपा ने कांग्रेस को 15 सीटें देने की बात कही थी मगर अब सीटों की संख्या बढ़ाई गई है। सपा के इस अंतिम ऑफर पर अभी कांग्रेस की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।

दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे का मुद्दा तय न हो पाने के कारण ही सोमवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा में हिस्सा नहीं लिया था। सपा मुखिया अखिलेश यादव का कहना है कि सीट बंटवारे के मुद्दे पर दोनों दलों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है और दोनों दलों ने अपनी-अपनी सूचियों का आदान-प्रदान किया है। जब तक दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनती है तब तक सपा का न्याय यात्रा में शामिल होना संभव नहीं है।

सपा की ओर से दिया गया इन सीटों का प्रस्ताव

जानकार सूत्रों का कहना है कि सपा की ओर से कांग्रेस को अमेठी, रायबरेली, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, वाराणसी, सहारनपुर, बागपत, अमरोहा, बुलंदशहर, फतेहपुर सीकरी, हाथरस, कानपुर, बाराबंकी, कैसरगंज,झांसी, सीतापुर और महाराजगंज सीटों का प्रस्ताव दिया गया है। दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से सपा को 28 सीटों की सूची दी गई है और इनमें से 10 सीटें मुस्लिम बहुल आबादी वाले इलाकों की हैं।

इन दो सीटों को लेकर भी फंसा हुआ है पेंच

कांग्रेस की ओर से मुरादाबाद और बलिया लोकसभा सीट की भी मांग की गई है जिस पर दोनों दलों में सहमति नहीं बन पा रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा ने मुरादाबाद लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी जबकि मेयर के चुनाव में कांग्रेस मुरादाबाद में नंबर दो पर रही थी और कुछ हजार वोटों से चुनाव हार गई थी।

बलिया सीट पर सपा की मजबूत पकड़ मानी जाती है मगर कांग्रेस ने बलिया सीट की भी मांग रखी है। सूत्रों के मुताबिक बलिया सीट पर कांग्रेस अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को चुनाव लड़ना चाहती है। दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर चल रही खींचतान के कारण अब समझौते की संभावना पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।

कांग्रेस ने भी दिया टकराव बढ़ने का संकेत

दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि अभी दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे के मुद्दे पर बातचीत चल रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि अभी सीट बंटवारे को आखिरी रूप नहीं दिया जा सका है और दोनों दलों में बातचीत का क्रम जारी है। उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि अखिलेश यादव प्रदेश में सीट बंटवारे के मुद्दे पर सही फैसला लेंगे।

हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। इस बयान के जरिए कांग्रेस ने भी दबाव बढ़ा दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता के इस बयान से साफ हो गया है कि दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे के मुद्दे पर टकराव बढ़ गया है और गठबंधन टूटने की स्थिति भी पैदा हो सकती है।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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