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Lok Sabha Election 2024: सीट बंटवारे पर सपा-कांग्रेस के बीच फंसा पेंच, मामला नहीं सुलझा तो राहुल और अखिलेश करेंगे फैसला
Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने बैठक के बाद कहा कि दोनों दलों के बीच आधा रास्ता तय किया जा चुका है जबकि आधा रास्ता अभी बाकी है।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गतिरोध बना हुआ है। बुधवार को दोनों दलों के नेताओं के बीच सीट बंटवारे को लेकर हुई बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने बैठक के बाद कहा कि दोनों दलों के बीच आधा रास्ता तय किया जा चुका है जबकि आधा रास्ता अभी बाकी है।
दूसरी ओर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि दोनों दलों के बीच एक और बैठक होनी है। इस बैठक के दौरान बात नहीं बनी तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सपा मुखिया अखिलेश यादव से बातचीत करेंगे।
जानकारों का कहना है कि प्रदेश की कई सीटों पर दोनों दलों के बीच अभी तक सहमति नहीं बन सकी है। कांग्रेस की ओर से ज्यादा सीटों की डिमांड की जा रही है जबकि सपा कांग्रेस को इतनी ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। इस कारण सीट बंटवारे के मामले में पेंच फंस गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे के मुद्दे को सुलझाने के लिए जल्द ही एक और बैठक होने की संभावना है।
दोनों दलों के बीच एक-एक सीट पर चर्चा
बुधवार की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान सपा के प्रमुख महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि कांग्रेस की गठबंधन समिति के साथ एक-एक सीट पर विस्तार से चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि मजबूत संभावित प्रत्याशियों को लेकर दोनों दलों के बीच गहन चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा कि हम सीट बंटवारे के मुद्दे पर आधा रास्ता तय कर चुके हैं। सपा नेता के बयान से साफ हो गया है कि अभी तक दोनों दलों के बीच प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों को लेकर आम राय नहीं बन सकी है।
कांग्रेस की गठबंधन कमेटी के संयोजक मुकुल वासनिक के घर हुई बैठक के बाद कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि उत्तर प्रदेश की एक-एक सीट को लेकर दोनों दलों के नेताओं ने विस्तार से चर्चा की है।
दोनों दलों के नेताओं ने अपना-अपना पक्ष सामने रखा है और जल्द ही दोनों दलों के नेताओं की फिर बैठक होगी। अगर इस बैठक में मामला नहीं सुलझा तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सपा मुखिया अखिलेश यादव से चर्चा करेंगे।
कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने के लिए सपा तैयार नहीं
दोनों दलों के बीच भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के लिए कई मुद्दों पर सहमति बन चुकी है मगर सीट बंटवारे का मामला अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है। दरअसल कांग्रेस की ओर से प्रदेश में कम से कम 25 लोकसभा सीटों की मांग की जा रही है जबकि समाजवादी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस को अपनी ताकत के हिसाब से प्रदेश की 12 से 15 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारने चाहिए। सपा कांग्रेस को उसकी डिमांड के मुताबिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं दिख रही है।
दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रदेश में भाजपा के खिलाफ इंडिया गठबंधन की लड़ाई दिखनी चाहिए न कि भाजपा बनाम सपा की। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को भी डिमांड के मुताबिक सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। दोनों दलों के नेताओं ने सीटों को लेकर अपना-अपना पक्ष रखा मगर अभी तक आम राय कायम नहीं हो सकी है।
सीट बंटवारे पर नहीं खत्म हुआ गतिरोध
बैठक के दौरान कांग्रेस की ओर से 28 सीटों पर अपने संभावित मजबूत प्रत्याशियों के नाम सामने रखे गए। कांग्रेस का कहना था कि समाजवादी पार्टी को भी इन सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का खुलासा करना चाहिए ताकि किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके। प्रदेश में कई लोकसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर दोनों दलों की ओर से दावेदारी की जा रही है और यह गतिरोध भी बुधवार की बैठक में नहीं सुलझ सका।
कांग्रेस का कहना है कि पार्टी को सम्मानजनक संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के अलावा राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल को मजबूत माना जाता है। ऐसे में राष्ट्रीय लोकदल के लिए भी सीटों की संख्या तय की जानी बाकी है।
अब अगली बैठक पर निगाहें
उत्तर प्रदेश में अभी तक सीटों के बंटवारे में बहुजन समाज पार्टी को लेकर पेंच फंसा हुआ था मगर अब बसपा ने अपने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस बसपा को भी इंडिया गठबंधन में शामिल करने की वकालत कर रही थी मगर अब बसपा ने अपना रुख साफ कर दिया है।
बसपा का रुख साफ न होने के कारण ही पिछले दिनों कांग्रेस और सपा की बैठक टल गई थी। बुधवार को हुई बैठक के दौरान दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे का मुद्दा नहीं सुलझने के बाद जल्द ही दोनों दलों के नेताओं की फिर बैठक होगी। इस बैठक में सीट बंटवारे को लेकर आखिरी फैसला लिया जा सकता है।