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Lokesh Prajapati Interview: पहले जहां फुटकर में समाज के वोटों को बेचा जाता था वहीं, बहनजी ने थोक में वोटों को बेचा है- लोकेश प्रजापति
Lokesh Prajapati Interview: न्यूजट्रैक के साथ विशेष बातचीत में एक तरफ जहां डॉ. लोकेश कुमार प्रजापति ने PM मोदी और CM योगी आदित्यनाथ की शान में कसीदे पढ़ें, वहीं उन्होंने मायावती पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के मिशन से भटकने का आरोप लगाया है।
Lokesh Prajapati Interview: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष (NCBC Vice Chairman) डॉ. लोकेश कुमार प्रजापति (Lokesh Prajapati) मीडिया में चर्चा तब बने थे जब वह 2019 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की खुशी में कावड़ लेकर आए थे। 2009 से 2015 तक उत्तर प्रदेश परिषद के सदस्य रहे लोकेश प्रजापति उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) में 2007 से 2009 तक कृषि शिक्षा अनुसन्धान राज्य मंत्री भी रहे हैं। मेरठ (Meerut) के गंगानगर निवासी डॉ. लोकेश कुमार (Dr. Lokesh Kumar Prajapati) प्रजापति पिछले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunaav) से पहले बसपा छोड़ कर बीजेपी (BJP) में शामिल हुए थे। बीजेपी में लोकेश प्रजापति पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष रहे।
न्यूजट्रैक के साथ विशेष बातचीत में एक तरफ जहां डॉ. लोकेश कुमार प्रजापति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की शान में कसीदे पढ़ें, वहीं उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) के मिशन से भटकने का आरोप लगाया। बसपा से पिछले कुछ चुनावों से दलितों के छिटकने के सवाल पर लोकेश प्रजापति कहते हैं, काठ की हांडी आप एक बार चढ़ा सकते हो। ज्यादा से ज्यादा रिपेयर करके दो बार चढ़ सकती है।
आप किसी भी समाज का, किसी भी वर्ग को बहुत ज्यादा दिन तक बेवकूफ नहीं बना सकते। बकौल लोकेश प्रजापति, मान्यवर डॉ.भीमराव अम्बेडकर ने कहा था कि वोट बेचना पाप है। कांशीराम जी ने भी इसका अनुकरण किया। लेकिन आज बाबा साहब व कांशीराम जी की आत्मा कहीं ना कहीं रोती होगी। यह देखकर कि जिस वर्ग व जिस समाज का वोट हम बेचने से रोकने की बात करते थे। आज उनकी नेता उनको थोक में बेचने का काम कर रही है। पहले फुटकर में बिकते थे। अब थोक में बिक रहे हैं।
पूरी दुनिया में बज रहा मोदी का डंका
लोकेश प्रजापति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से काफी प्रभावित दिखते हैं वह कहते हैं, आज पूरी दुनिया में मोदी का डंका बज रहा है। विदेशों में भी भारत को नई पहचान मिली है। बकौल लोकेश प्रजापति, मोदी जी का ध्यान हमेशा पूरे देश के विकास पर रहा है। पिछड़ों को लेकर मोदी जी गंभीर हैं। जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आएंगे। पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति ने कहा कि पिछड़े वर्ग का हित भाजपा में ही सुरक्षित है।
आपको जो पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है, उस पर कुछ कहेंगे। न्यूजट्रैक के इस सवाल पर लोकेश प्रजापति गंभीर अंदाज में कहते हैं, पिछड़ा वर्ग आयोग यूं तो 1993 में बन गया था। लेकिन उसे संवैधानिक दर्जा नहीं मिला था। अगर उसे तभी संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया होता, तब आज पिछड़े वर्ग के लोगों की सामाजिक दशा कुछ और होती।
बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में सरकार बनने के बाद 2018 में आयोग को संवैधानिक दर्जा मिला। पिछड़े वर्ग के सशक्तिकरण की दिशा में यह महत्वपूर्ण पहल की है। यह देश की बड़ी आबादी वाले पिछड़े वर्गों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक सशक्तिकरण एवं उनका सम्मान सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने से क्या लाभ हैं?
पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने से क्या लाभ हैं ? इसके जवाब में लोकेश प्रजापति कहते हैं, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने से इस आयोग को वे सारे अधिकार प्राप्त हो जाएंगे, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति राष्ट्रीय आयोग को प्राप्त हैं। इस वर्ग के जितने भी लोग सरकारी या प्राइवेट संस्थानों में नौकरी कर रहे है, अगर उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है, उनके साथ ज्यादती हो रही है, तब वे आयोग के समक्ष याचिका दायर कर कर सकेंगे। आयोग को इसकी जांच करने और उचित कदम उठाने का अधिकार होगा।
लोकेश प्रजापति कहते हैं, पिछड़े वर्गों में कुछ ऐसी जातियां हैं जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के समान ही आर्थिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़ी हैं। इनको सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ इस वर्ग के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के संदर्भ में भी आयोग सलाह देगा। पिछड़ा वर्ग आयोग को डाक या पोस्ट के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकेगा, आयोग इस पर संज्ञान लेगा और कार्रवाई करेगा।
उपाध्यक्ष के तौर पर किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
पिछड़ा वर्ग आयोग का उपाध्यक्ष बनने के बाद किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इस सवाल पर गंभीर अंदाज में लोकेश प्रजापति कहते हैं,कोरोना पीरियड के चलते करीब दो साल हम उतना काम नही कर सके।जितना करना चाहते थे। फिर भी हमने तो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में पहली बार जाने के बाद हमने पूरे देश में केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय और आर्मी स्कूलों में पिछड़ों का जो आरक्षण नही था, प्रवेश में वह हमने कराया। हाल फिलहाल में नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट (नीट) नही था। नीट में २७ फीसदी आरक्षण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कैबिनेट में कराया। यह सब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रत्यावेदन पर किया गया।
यही नही, विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पहले क्या था कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग यूजीसी की गाईड लाइन १९५६ के अनुसार २०० प्वाइंट रोस्टर और यूनिट संस्थान हुआ करती थी। २००६ में संशोधन करके १३ प्वाइंट रोस्टर लागू करने की कोशिश की गई। लेकिन भारत सरकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अनुरोध पर इस पर एक विधेयक लेकर आई जिसमें २०० प्वाइट रोस्टर व संस्थान को यूनिट माना गया। ऐसे ही तमाम कार्य आयोग की कोशिशों के चलते हुए हैं।
सीएम योगी के लिए कही ये बात
केंद्रीय पिछड़ा आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति न्यूजट्रैक से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करना भी नही भूलते हैं। वह कहते हैं, "योगीजी ने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाया। प्रदेश में इस दौरान अपराध मुक्त, भयमुक्त एवं भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन की स्थापना हुई।" उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश को दंगों और गुंडागर्दी का प्रदेश कहा जाता है। लेकिन इस साढ़े 4 साल के कार्यकाल में एक भी दंगा कहीं नहीं हुआ। बहू बेटियां भी भयमुक्त होकर अपनी दिनचर्या कर रही हैं।
लोकेश प्रजापति यहीं पर नही रुकते हैं, वह आगे कहते हैं, "पिछले 70 वर्षों से विभिन्न राजनीतिक दलों देश को भुखमरी के कगार पर पहुंचा दिया था। देश के भविष्य के लिए कोई विकास कार्य नहीं कराया। मोदी और योगी की सरकार ने बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछड़ा वर्ग द्वारा दिए गए 10 बिंदुओं को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। जिससे प्रजापति कुम्हार, कश्यप, पाल गड़रिया आदि जातियों को आरक्षण का पूर्ण लाभ मिलेगा।
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