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Mathura News: वृंदावन शरणागति आश्रम में श्रीनाथ जी ने खेली कुंज होली, भक्त रंगने को दिखे आतुर

Mathura News: लड्डू होली, लठ्ठ होली, छड़ी होली और फूलों की होली के बाद आज भगवान श्याम सुंदर ने अपनी प्रियतमा राधा रानी और सखियों के साथ निकुंज होली खेली ।

Mathura Bharti
Published on: 6 March 2023 2:02 AM GMT
Mathura News: Shrinath ji played Kunj Holi in Vrindavan Sharanagati Ashram, devotees were eager to paint
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 मथुरा: वृंदावन शरणागति आश्रम में श्रीनाथ जी ने खेली कुंज होली, भक्त रंगने को दिखे आतुर

Mathura News: लड्डू होली, लठ्ठ होली, छड़ी होली और फूलों की होली के बाद आज भगवान श्याम सुंदर ने अपनी प्रियतमा राधा रानी और सखियों के साथ निकुंज होली खेली। वृंदावन प्रेम मंदिर स्थित शरणागति आश्रम में सबसे पहले श्रीनाथजी के विग्रह को गर्भ ग्रह से निकालकर लताओं पताओ फूलों के साथ अंगूरों से बनी निकुंज में विराजमान कराया गया ॉ। सोने चांदी व नौ रत्नों के साथ सोलह श्रृंगार मे विराजमान श्रीनाथजी और उनकी अलबेली सरकार की छटा अपने आप में अलौकिक दिखाई दे रही थी।

भगवान ने अंगूरों से बने बगीचे में विराजमान होकर जमकर होली की ली मस्ती

इस अलौकिक छटा के बीच भगवान को सबसे पहले सेवायतों द्वारा अबीर गुलाल लगाया गया अबीर गुलाल लगाने के साथ भगवान के कुंज में अबीर गुलाल की बरसात की गई और उसके बाद भगवान को टेसू के फूलों से बने रंग से होली खिलाई गई। राधा कृष्ण प्रिया प्रियतम के होली खेलने के साथ ही भक्तों का भगवान के साथ होली खेलने का सिलसिला जो शुरू हुआ वह घंटो तक जारी रहा। आखिर राधा कृष्ण के बीच प्रेम की खेले जाने वाली होली सभी धर्मो ऊंच नीच जाति पांती के भेदभाव को मिटाती हे तभी होली उत्सव में शामिल लोग एक दूसरे पर गुलाल लगाते रंग डालते नजर आए। सभी ने रंग डलने के साथ ही सभी लोग जमकर नाचे गाए। भक्त एक दूसरे पर तरह-तरह के रंगों के गुलाल को रंगते नजर आए तो वही कुछ लोग टेसू के फूलों से बने हर्बल कलर से लोगों को भिगो कर खुशी का एहसास लेते नजर आए। लोग एक तरफ होली की मस्ती में सराबोर थे तो वही होली के रसियाओ पर क्या गोप क्या गोपी क्या भक्त क्या साधु क्या संत सभी मदमस्त तरीके से झूम रहे थे नाच गा रहे थे और होली की मस्ती के धमाल में सराबोर थे।

अपने लाडले को रिझाने के लिए गोपियों संग सज-धजकर आई सखियां

आज के उत्सव की जानकारी देते हुऐ मंदिर सेवायत रसिया बाबा ने बताया कि ठाकुर जी यमुना तट पर श्रीजी के साथ साखियो के साथ होली खेलने आते है। यमुना तट मची होली कान्हा यमुना तट मची होली के इसी स्वरूप इसी भाव में यमुना जी का स्वरूप विराजमन किया गया हमारे श्रीनाथ जी स्वामिनि जी के सहित ब्रज भक्तों के ऊपर अपनी कृपा का वर्षण करते हैं वही हम ब्रज वासियों के लिए होली है कृपा का गुलाल कृपा की रोली कृपा की केसर ठाकुर जी बरसाते हे। जिससे जीव के ह्रदय में उनके प्रति श्रद्धा प्रेम और जैसा गोपीजन में ठाकुर जी के प्रति का भाव हमारे मन में बने इसी भाव से ठाकुर जी को आज फागुन माह में बगीचा होली का आयोजन किया गया।

कुंज निकुंज होली के बारे में। बताते हुए रसिया बाबा ने बताया कि पहले लताएं पताए झरोखा जैसा बना लेती है उसे झरोखा कहते है। बगीचा में ठाकुर जी के बड़े बड़े चार खंबे लगाकर के उसमें कदली के खंबे लगाकर के सुंदर बगीचा बनाया जाता है बगीचा पत्तियों का भी होता है फूलों का भी होता है फलों का भी होता है। जैसे-जैसे ब्रज भक्त हैं जैसा भाव जिस वक्त का है ठाकुर जी को रहता है वह उसी भाव से ठाकुर जी को लाड़ लड़ाते हुए बगीचा बनाता है।

साधु संतो सखियों सहित सभी श्रद्धालु राधा कृष्ण के प्रेम की होली में हुए मदमस्त

रसिया बाबा मंदिर सेवायत ने कहा कहा कि रसीले भक्त है वह फलों का बनाते है, सुगंधित भक्त है वह फूलो का बनाते है खुश्क सुस्ख वह पत्तों को बनाते हैं तो इसी प्रकार से आज हमारे यहां फूलों का भी था पत्तों का भी था फल भी थे तो सभी भक्तों ने मिलकर के ठाकुर जी की सेवा करी है बगीचा का निर्माण किया है आनंद उल्लास के साथ ठाकुर जी का निकुंजबनाया है और उत्सव का आनंद लिया है ठाकुर जी ऐसे ही उत्साह बरसाते रहे उत्सव यहां होते रहें आप लोगो के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएं बहुत-बहुत बधाई होली की।

उधर होली उत्सव में शामिल हुऐ संतो ने होली के पर्व की महिमा बताते हुए गोपेश बाबा ने कहा कि जहां पर छोटे बड़े सहित सभी प्रकार का भेदभाव ऊंच-नीच सब समाप्त हो जाता हैं। सब लोग एकजुट होकर एक ही रंग प्रेम के लाल रंगों में हो जाते है और वही हमारे प्रिय लाल का रंग खूब आनंद अपने भक्तों को सुख देता है। यही होली का आनन्द होता है।

उधर भक्तो ने भगवान के साथ होली खेल अपने को भगवान के रंग में रंगने का प्रयास किया और भक्तो को ऐसा लग रहा था मानो भगवान खुद धरती पर उतर आए है और उनके साथ होली खेल रहे है।

16 श्रृंगार कर आई सखियों ने नाच कर होली में बाधा समा

विशेष श्रृंगार में एक सखी ने कहा कई घंटों तक होली की मस्ती और भक्ति का आनंद देकर श्रीनाथ जी गर्भ गृह को रवाना हुए उससे पहले भक्तो ने श्रीनाथ जी की आरती उतार अपने जीवन को प्रकाशमान बनाये रखने की कामना की।

Shashi kant gautam

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