×

लाऊड...नॉट आलाऊड ! अब उतारे जाएंगे गोरखपुर में लाउडस्पीकर

Rishi
Published on: 17 Jan 2018 2:43 PM IST
लाऊड...नॉट आलाऊड ! अब उतारे जाएंगे गोरखपुर में लाउडस्पीकर
X

गोरखपुर : धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों को उतारा जाएगा जिन्होंने अंतिम तिथि तक अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया है। 20 जनवरी से लाउडस्पीकर उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

लाउडस्पीकर बजाने के लिए अनुमति देने और उनकी मॉनिटरिंग के लिए शहर के थानों को 3 जोन में बांटा गया है। सिटी मजिस्ट्रेट को कोतवाली, एसीएम प्रथम को गोरखनाथ और एसीएम द्वितीय को कैंट सर्किल की जिम्मेदारी दी गई है। जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने तीनों मजिस्ट्रेटों को निर्देशित किया है कि सर्किल वार ऐसे धार्मिक स्थलों को चयनित कर ले जहां लाउडस्पीकर लगे हुए हैं। निर्देश आने के बाद से एडीएम सिटी कार्यालय में आवेदकों की भरमार सी लग गई थी। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 16 जनवरी थी जिस दिन काफी भीड़ भी उमड़ पड़ी थी।

नियम तोड़ने पर होगी सजा

अनुमति लेने पर आवेदक निर्धारित मानक के अनुसार डीजे या अन्य उपकरण को प्रयोग करने की शपथ लेगा। इसके साथ ही रात्रि में 10:00 बजे के बाद डीजे व अन्य उपकरण का प्रयोग वर्जित रहेगा। यदि उल्लंघन करता है कोई तो उसके खिलाफ ध्वनि नियम 2000 तथा संशोधित के प्रावधानों के तहत पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अनुसार दंड दिया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा 5 के तहत 5 साल की सजा या एक लाख रूपय अर्थ दंड का प्रावधान भी है।

अभी तक करीब 400 आवेदन

शहर क्षेत्र के कुल 9 थानों को मिलाकर लाउडस्पीकर के करीब 400 आवेदन आए हैं, इन सभी आवेदनों का अब सत्यापन कराया जाएगा। जहां से भी आवेदन आए हैं वहां टीम भेजकर मौके पर सत्यापन कराया जाएगा। देखा जाएगा कि वास्तविकता आखिर क्या है।

स्थान के अनुसार ध्वनि का मानक

ध्वनि का मानक स्थान के अनुसार निर्धारित किया गया है। इसमें दिन का समय सुबह 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक का है और रात्रि का समय रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक का है। औद्योगिक क्षेत्रो में दिन में 75 व रात्रि में 70 डेसीबल, व्यवसायिक में 55 व रात्रि में 45 डेसीबल तथा शांत क्षेत्र में 50 वा रात्रि में 40 डेसीबल मानक निर्धारित किया गया है।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story