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LPG Consumers in UP : अप्रैल 2014 में LPG उपभोक्ताओं की संख्या 1.67 करोड़ थी, अब चार करोड़ से भी ज्यादा

LPG Consumers in UP : रसोई गैस को लेकर होने वाली दुश्वारियों को केंद्र तथा राज्य सरकार ने मिल कर खत्म किया है। इसके लिए लोगों को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने के साथ ही उज्ज्वला योजना का लाभ गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा।

Rajendra Kumar
Written By Rajendra KumarPublished By Vidushi Mishra
Published on: 27 Sept 2021 6:39 PM IST
lpg consumers in up
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एलपीजी कनेक्शन (फोटो- सोशल मीडिया)

LPG Consumers in UP : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)अब देश में सबसे अधिक एलपीजी उपभोक्ताओं (LPG Upbhokta ID) वाला राज्य बन गया है। नियोजन विभाग की समीक्षा के अनुसार, राज्य में सब्सिडी कनेक्शन वाले एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 4,26,33,197 हो गई है। इनमें से 4,07,10,440 सब्सिडी कनेक्शन वाले एलपीजी उपभोक्ताओं को डिजिटलाइज्ड डाटाबेस से जोड़ दिया गया है।

यह नया रिकार्ड है, क्योंकि सूबे के 4,26,33,197 सब्सिडी कनेक्शन वाले एलपीजी उपभोक्ताओं में से 95.49 फीसद एलपीजी उपभोक्ता अब डिजिटाइज्ड डाटाबेस से जुड़ गए हैं। इनती बड़ी संख्या में देश के किसी अन्य राज्य में अभी तक सब्सिडी कनेक्शन वाले एलपीजी उपभोक्ताओं को डिजिटाइज्ड डाटाबेस से नहीं जोड़ा जा सका है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने उज्ज्वला 2.0 योजना के तहत 20 लाख लोगों को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने की मुहिम को तेज किया है।

अब हालात बदल गए

गौरतलब है कि करीब पांच वर्ष पूर्व राज्य में रसोई गैस की समस्या से हर कोई जूझ रहा था। लोगों को रसोई गैस के कनेक्शन से लेकर उसे रिफिल कराने के लिए तमाम समस्याओं से जूझना पड़ता था। लेकिन अब हालात बदल गए हैं।

सूबे में गरीबों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिये प्रदेश सरकार ने जहां एक तरफ राशन वितरण की व्यवस्था को भ्रष्टाचार रहित बनाते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) योजना के तहत नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया को तेज किया है।

राशन कार्ड (फोटो- सोशल मीडिया)

वही दूसरी तरफ रसोई गैस को लेकर होने वाली दुश्वारियों को केंद्र तथा राज्य सरकार ने मिल कर खत्म किया है। इसके लिए लोगों को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने के साथ ही उज्ज्वला योजना का लाभ गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा। सरकार के ऐसे प्रयासों से ही प्रदेश में सब्सिडी कनेक्शन वाले एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 4.26 करोड़ हो गई है।

जबकि वर्ष 2014 में प्रदेश में एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 1.67 करोड़ थी। प्रदेश में सिर्फ कनेक्शन में बढ़ोतरी नहीं हुई है, बल्कि एलपीजी कवरेज एरिया में भी बढोतरी हुई है। प्रदेश में अप्रैल 2016 में एलपीजी कवरेज 55.6 प्रतिशत था, जो इस साल अप्रैल तक बढ़कर 106.8 प्रतिशत हो गया है। यह भी एक रिकॉर्ड है।

गरीबों और जरूरतमंदों को राहत

कोरोना संकट के दौरान भी सरकार ने गरीबों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिये गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। नियोजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बीती फरवरी में राज्य में सब्सिडी कनेक्शन वाले एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 4,22,23,097 थी, जो बीती 31 अगस्त में बढ़कर 4,26,33, 197 हो गई। इन आंकड़ों के अनुसार छह माह में 4,10,100 अन्य एलपीजी कनेक्शन राज्य में लोगों को मुहैया कराए गए।

नियोजन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, देश के कुल लाभार्थियों में 18.34 प्रतिशत लाभार्थी उत्तर प्रदेश से हैं। कुल मिलकर अब "प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना" के तहत चूल्हे के धुएं से मुक्ति के लिए चलाए जा रहे महाभियान के तहत उत्तर प्रदेश में सब्सिडी कनेक्शन वाले एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या यह साबित कर रही है कि इस योजना का लाभ लोगों तक पहुचाने में यूपी ने अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

जिसके चलते प्रदेश में उज्ज्वला योजना के माध्यम से 1.47 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों के जीवन को धुएं से मुक्ति मिली है।अब प्रदेश के 10 जिलों सोनभद्र, बांदा, महोबा, चित्रकूट, रायबरेली, हरदोई, बदायूं, अमेठी, फतेहपुर और फर्रुखाबाद में चूल्हे के धुएं से मुक्ति का महाभियान "प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना" के दूसरे चरण में प्रदेश की 20 लाख और घरों को धुएं से मुक्ति मिलेगी।




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Vidushi Mishra

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