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Lucknow Dengue : लखनऊ में डेंगू के 20 नए मामले, CMO ऑफिस नहीं दे रहा जानकारी, सूचनाएं भी छुपाई जा रही

Lucknow Dengue: सीएमओ की तरफ से डेंगू के मरीजों की हर रोज सूची रोजाना जारी होती थी, लेकिन इसके भी आकड़ों को छुपाया जा रहा है ।

Shashwat Mishra
Published on: 23 Sept 2022 9:20 AM IST
Lucknow Dengue news
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राजधानी लखनऊ में डेंगू के टेस्ट रेट (फोटो: सोशल मीडिया )

Lucknow Dengue: राजधानी में प्रमुख सरकारी अस्पतालों में गुरुवार को डेंगू की प्रारम्भिक जांच में 20 नए मरीज पॉजिटिव आए, इसमें आठ मरीज तेज बुखार के साथ अस्पतालों में भर्ती हुए। कार्ड टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सभी मरीजों के नमूना एलाइजा जांच के लिए भेजे गये हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग मरीजों की जानकारी नहीं दे रहा है।

इसके अलावा मच्छर जनति रोग पनपने न पाए, इसलिए सीएमओ स्तर से टीम घर-घर जाकर मच्छर का लार्वा मिलने पर नोटिस जारी करने का अभियान चलाती थी, इसकी जानकारी छिपायी जा रही है। सीएमओ की तरफ से डेंगू के मरीजों की हर रोज सूची रोजाना जारी होती थी, लेकिन इसके भी आकड़ों को छुपाया जा रहा है । संचारी रोग नोडल अधिकारी की तरफ से डेंगू की जानकारी नहीं मिलती है। साथ ही मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण भी ठंडे बस्ते में पड़ा है।

लोकबंधु अस्पताल में सबसे अधिक 8 मरीज़ मिले

कानपुर रोड स्थित लोकबंधु अस्पताल की ओपीडी में 8 मरीज़ों की रिपोर्ट कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव आयी है। ये मरीज आलमबाग, आशियाना, कानपुर रोड के निवासी है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल की ओपीडी में पांच मरीज कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव आए है। बलरामपुर अस्पताल में पांच संक्रमित आए है। वहीं, राजाजीपुरम में रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय और ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल में तीन मरीज मिले हैं।

'अस्पतालों को किया गया अलर्ट'

कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके चौधरी ने बताया कि संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए अक्टूबर माह में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान चलाया जायेगा। मरीज़ में लक्षण देखते हुए उसकी जांच और उपचार मिलना बहुत आवश्यक है। इसको लेकर अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया गया है।

डेंगू के लक्षण:-

● तेज बुखार, तेज बदन दर्द, सिर दर्द।

● शरीर पर चकत्ते का पाया जाना।

● दांत से, मुंह से, नाक से खून आना।

● खून की जांच में प्लेटलेट काउंट एक लाख से कम।

● डेंगू पूर्व से ग्रसित रोग जैसे डायविटीज, रीनल फेलियर, श्वसन, इम्यूनो कम्प्रेस्ड व्यक्तियों में अधिक गंभीर हो सकता।

कैसे बचाएं?

● घर के अन्दर व आसपास कूड़ा एकत्र न होने दें।

● यदि बुखार का रोगी है, तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें, ऐसे कमरे में रखें। जिसकी खिड़की, दरवाजे पर जाली लगी हो।

● चिकित्सकीय परार्मश के बिना दवा न दें।

● डेंगू से ग्रसित रोगी एस्प्रीन, ब्रूफेन, कार्टिस्ट्राड आदि दवाएं न दें।

● एलाइजा टेस्ट जल्द से जल्द कराएं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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