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Lucknow News: जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अभिषेक और विक्रम का हुआ चयन, सम्मेलन में करेंगे प्रतिभाग
Lucknow News: प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दो विद्यार्थियों- अभिषेक अवस्थी और विक्रम सिंह मीणा का चयन छात्र प्रतिनिधि के तौर पर किया गया।
Lucknow News: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा 1 दिसंबर 2022 को जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में विवि की तरफ से छात्र प्रतिनिधि के तौर पर भेजे जाने वाले 2 विद्यार्थियों का चयन किया गया। विवि द्वारा छात्र प्रतिनिधि के चयन के लिये 23 नवंबर को एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दो विद्यार्थियों- अभिषेक अवस्थी और विक्रम सिंह मीणा का चयन छात्र प्रतिनिधि के तौर पर किया गया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा कुछ चयनित विश्वविद्यालयों से दो छात्रों को इस बैठक में हिस्सा लेने का यह अवसर प्रदान किया जा रहा है।
लेक्चर सिरीज़ का हुआ आयोजन
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा "एमिनेंट स्पीकर लेक्चर सिरीज़" का आयोजन किया गया। इस लेक्चर सिरीज़ का पहला लेक्चर आज विवि के पर्यावरण विज्ञान विद्यापीठ के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित हुआ।
पहले व्याख्यान के मुख्य वक्ता एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो0 वसंत शिंदे, सीएसआईआर सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने " हड़प्पावासी - दुनिया में लोकतांत्रिक व्यवस्था के अग्रणी वास्तुकार: पुरातात्विक परिप्रेक्ष्य" विषय पर व्याख्यान दिया। यह लेक्चर सिरीज़ विवि के कुलपति आचार्य संयज सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हो रही है।
प्रो.वसंत शिंदे, ने हरप्पा सभ्यता पर हुए हालिया अध्ययनों में प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर बताया कि हड़प्पा सभ्यता में लोकतांत्रिक व्यवस्था थी। वहां पंचायत व्यवस्था के भी मजबूत साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने वैज्ञानिक तरीकों से हो रहे अध्ययन विशेषकर डीएनए से जुड़ी खोज के बारे में जानकारी दी। डीएनए के अध्ययन से यह बात स्पष्ट होती है कि भारत मे कश्मीर से कन्याकुमारी तक आमजन में जो जीन्स मिले हैं, वह हड़प्पा खुदाई से प्राप्त जीन्स से काफी मेल खाता हुआ है।
यह भारत मे आर्य और द्रविण समुदाय के होने के दावों को गलत सिद्ध करता है। उन्होंने बताया कि विदेशी शक्तियों द्वारा भारत में आर्य और द्रविण समुदाय के लोगों के होने की बात कही गयी, उनके अनुसार भारत के लोगों यानी द्रविण लोगों में इतनी क्षमता नहीं थी कि वे हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसी समृद्ध संस्कृति और विकसित शहरों का निर्माण कर सके।
भारतीयों के डीएनए में है समानता - प्रो.वसंत शिंदे
आर्यों के द्वारा यह सभ्यता विकसित की गई जो बाहर से भारत आये थे। मगर कई अध्ययन यह सिद्ध करते हैं कि जाति, धर्म से अलग सभी भारतीयों के डीएनए में समानता है। उन्होंने हड़प्पा सभ्यता को इजिप्ट और मेसोपोटामिया की सभ्यता से तुलना करते हुए बताया कि हड़प्पा सभ्यता लोक कल्याण की थी जहां हिंसा, गुलामी या किसी राजा के शासन के कोई साक्ष्य नहीं मिलते, जबकी अन्य सभ्यताओं में राजशाही, हिंसा और शोषण के कई साक्ष्य मिले हैं। इस सभी तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट है कि हड़प्पा से ही लोकतांत्रिक व्यवस्था का जन्म हुआ है।
वीसी ने कार्यक्रम को किया संबोधित
विवि के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति उत्कृष्ट थी तभी हम विश्वगुरु के तौर पर दुनिया के लिए एक आदर्श थे। उन्होंने कहा कि यह व्याख्यान विद्यार्थियों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा।
हम सभी को अपनी प्राचीन संस्कृति को पुनः स्थापित करने का प्रयास होना चाहिए। प्रो0 राणा प्रताप सिंह ने सभी का कार्यक्रम में स्वागत किया और मुख्य अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया। डॉ0 सूफिया अहमद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ0 राजश्री ने किया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन/ऑफलाइन/ब्लेंडेड मोड से आयोजित हुआ जिसमें बड़ी संख्या में विवि के शिक्षक, विद्यार्थी एवं शोधार्थी शामिल हुए।