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Lucknow: प्रोजेक्ट कार्यशाला में बोले सहगल, उद्यमियों को नई तकनीक से जोड़ने की जरूरत

Lucknow: यूपी क्लीन एअर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा लाये जा रहे प्रोजेक्ट के जरिए लघु उद्योगों को तकनीकी से जोड़कर प्रदूषण कम किया जाएगा।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 27 April 2022 4:56 PM GMT
Additional Chief Secretary Navneet Sehgal
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अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल। 

Lucknow: उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ी संख्या में एमएसएमई इकाइयां है। जिनके माध्यम से करोङो लोगो को रोजगार मिला है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इनकी मत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन वायु प्रदूषण भी गंभीर समस्या है। इसका समाधान इकाइयों को प्रदूषण मुक्त बनाकर किया जा सकता है। इसके लिए उद्यमियों को जागरूक करने के साथ साथ उनको नई तकनीकों से जोड़ने की जरूरत है। राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।

यह कहना है अपर मुख्य सचिव का

वह आज गोमती नगर स्थित एक निजी होटल में आयोजित यूपी क्लीन एअर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट कार्यशाला (UP Clean Air Management Project Workshop) को अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल (Additional Chief Secretary, Micro, Small and Medium Enterprises Dr. Navneet Sehgal) संबोधित कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के लिए प्रस्तावित स्वच्छ वायु प्रबंध परियोजना के लिए विश्व बैंक के साथ दो दिवसीय ''स्टेक होल्डर्स कन्सल्टेशन'' कार्यशाला के दूसरे दिन अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा लाये जा रहे प्रोजेक्ट के जरिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को वित्त एवं तकनीकि सहायता उपलब्ध कराई जायेगी, जिससे वह अपनी मौजूदा तकनीक को बदल सकें और वायू प्रदूषण को कम किया जा सके।

इन जगहों पर बड़ी संख्या में स्थापित होगी औद्योगिक इकाइयां

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विश्व बैंक के सहयोग से तैयार की जा रही रणनीत अवश्य ही मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि मुरादाबाद, अलीगढ़, फ़िरोज़ाबाद सहित कई जनपदों में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां स्थापित है। वहां क्लस्टर में उद्यमियों और कारीगरों को प्रदूषण मुक्त सयंत्र लगाने के लिए प्रेरित करने की कार्ययोजना बनाई जाय। इकाइयों में कोयले के स्थान पर गैस के इस्तेमाल पर जोर दिया जाना चाहिए। साथ ही उनको इसके लिए सब्सिडी एवं वित्तीय सहायता भी दी जानी चाहिए। इस प्रकार के कदम से निश्चित ही औद्योगिक इकाइयों से होने वाला वायु प्रदूषण काफी हद तक काम होगा।

उल्लेखनीय है कि विश्व बैंक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत बढ़ रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रदेश को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के जरिए सरकार की मंशा है कि उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण के जोखिम को कम किया जाये, जिससे परिवहन प्रणाली में सुधार हो, साथ ही एअर क्वालिटी मैनेजमेंट में नौकरियों के अवसर उत्पन्न किया जा सके।

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Deepak Kumar

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