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Lucknow Air Pollution: लखनऊ की आबोहवा में मामूली सुधार, 300 के नीचे आया AQI

Lucknow Air Pollution: मंगलवार को लखनऊ के अधिकतर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के नीचे दर्ज किया गया।

Krishna Chaudhary
Published on: 15 Nov 2022 8:58 AM IST
Lucknow Air Pollution
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लखनऊ की आबोहवा में मामूली सुधार (फोटो: Newstrack)

Lucknow Air Pollution: उत्तर भारत के अधिकांश शहर इन दिनों वायु प्रदूषण से त्रस्त हैं। उत्तर प्रदेश के ज्यादातर बड़े शहरों का भी यही हाल है। हालांकि, राजधानी लखनऊ की आबोहवा में थोड़ी सुधार आई है। पिछले दिनों लखनऊ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया था, जो कि 'अत्यंत खराब' की श्रेणी में आता है। मंगलवार को लखनऊ के अधिकतर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के नीचे दर्ज किया गया।

दरअसल, लखनऊ में वायु प्रदूषण बढ़ने के बाद प्रशासन हरकत में आया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अधिकारियों की एक टीम बनाकर लखनऊ में सक्रिय उद्योगों की जांच पड़ताल की। प्रदूषण फैलाने वाले 35 उद्योगों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस भेजा गया। केवल उन्हीं फैक्ट्रियों को चलाने की अनुमति दी गई, जहां ईंधन के रूप में सीएनजी, पीएनजी का इस्तेमाल होता है।

लखनऊ के कुछ इलाके में एक्यूआई का हाल

तालकटोरा – 286 एक्यूआई – खराब

लालबाग – 264 एक्यूआई – खराब

सेंट्रल स्कूल - 217 एक्यूआई – खराब

बीआर अंबेडकर विवि – 203 एक्यूआई – खराब

गोमती नगर – 179 एक्यूआई – मध्यम

कुकरैल – 167 एक्यूआई – मध्यम

दरअसल, प्रत्येक साल लखनऊ में अक्टूबर से फरवरी के बीच वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खतरनाक हो जाती है। इस साल भी ऐसा ही देखा गया। पिछले हफ्ते राजधानी की हवा का स्तर अत्यंत खराब स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उमेश चन्द्र शुक्ला ने तालकटोरा और ऐशबाग क्षेत्र के सभी उद्योगों को बंद करा दिया था। बोर्ड की सख्ती के बाद हालात में धीरे – धीरे सुधार देखने को मिल रहा है।

बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0 से 100 के बीच अच्छा माना जाता है। जबकि 100 से 200 के बीच मध्यम, 200 से 300 के बीच खराब, 300 से 400 के बीच बहुत खराब और 400 से 500 या इससे ऊपर के स्तर को गंभीर माना जाता है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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