TRENDING TAGS :
जानिए लखनऊ में क्यों ऑटो-टैम्पो के 44 रूटों को बदलने की चल रही तैयारी
परिवहन विभाग ने राजधानी लखनऊ को जाम से निजात दिलाने के लिए ऑटो-टैम्पो के 44 रूटों को बदलने की तैयारी पूरी कर ली है। 15 जून के बाद होने वाली संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक में इसको मंजूरी मिल जाएगी।
लखनऊ: परिवहन विभाग ने राजधानी लखनऊ को जाम से निजात दिलाने के लिए ऑटो-टैम्पो के 44 रूटों को बदलने की तैयारी पूरी कर ली है। 15 जून के बाद होने वाली संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक में इसको मंजूरी मिल जाएगी।
एआरटीओ प्रशासन राघवेंद्र सिंह ने बुधवार को बताया कि राजधानी को जाम से निजात दिलाने के लिए ऑटो-टैंपो के 44 रूटों को बदलने की तैयारी पूरी कर ली गई है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के सामने परिवहन विभाग ने प्रस्तावित रूट का मसौदा भी प्रस्तुत कर दिया है। इसके तहत मेट्रो रूट पर ऑटो-टैम्पो के साथ सिटी बसों का संचालन बंद कर उसे दूसरे रूट पर शिफ्ट करने की योजना है। नए रूटों का भौतिक सत्यापन तीन दिन में कर लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें...सिख भावनाओ को आहत करने वाला colours TV का ये सीरियल- ‘छोटी सरदारनी’
सत्यापन रिपोर्ट को अंतिम मंजूरी के लिए 15 जून के बाद प्रस्तावित आरटीए की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। मंजूरी मिलते ही इसे लखनऊ में लागू कर दिया जाएगा। इससे पहले वर्ष 2009 में ऑटो-टैम्पो के रूटों का निर्धारण हुआ था। तब से लेकर अब तक रूट बदलने की कवायद चल रही है।
उन्होंने बताया कि राजधानी को जाम से निजात दिलाने के लिए 28 प्रमुख मार्गों पर बिना परमिट दौड़ रहे ई-रिक्शा का संचालन भी प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके अलावा शहर में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) जल्द लागू किया जाएगा। शहर के जिन चौराहों पर सिस्टम लग चुका है, वहां नियम तोड़ने वालों के खिलाफ चेतावनी एसएमएस जारी करने का काम तीन दिन में शुरू कर दिया जाएगा। आईटीएमएस के तहत दो कॉरिडोर के 20 चौराहों पर काम अंतिम दौर में है जो 30 जून तक पूरा हो जाएगा।
यह भी पढ़ें...वायुसेना ने N-32 के मलबे वाली जगह के पास हेलिकॉप्टर से 15 जवान और पर्वतारोही उतारे
दरअसल, राजधानी को जाम से निजात दिलाने के लिए वर्ष 2016 में आईटीएमएस प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। इसको मंजूरी मिल गई है फिर भी यह अटका हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत 212 करोड़ रुपये खर्च कर शहर के छोटे-बड़े 177 चौराहों को सुधारने के साथ रोड इंजीनियरिंग से सड़कों का ट्रैफिक लोड कम किया जाएगा।