TRENDING TAGS :
अमेठी के BJP MLA मयंकेश्वर शरण अपनी ही पार्टी से नाराज, दे सकते हैं इस्तीफा!
कांग्रेसी गढ़ अमेठी में असेंबली की 4 सीटें जीतने के बाद से गदगद बीजेपी के अंदर अब सिर फुटौवल की नौबत आ गई है। आलम ये है कि तिलोई विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह और राज्यमंत्री सुरेश पासी में वर्चस्व को लेकर चली आ रही ठना-ठनी जग जाहिर हो गई है।
अमेठी: इन दिनों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं और अफसरों से खासे नाराज चल रहे हैं। इसी को लेकर मयंकेश्वर बुधवार (25 अक्टूबर) को लखनऊ पहुंचे।
कांग्रेसी गढ़ अमेठी में असेंबली की 4 सीटें जीतने के बाद से गदगद बीजेपी के अंदर अब सिर-फुटौवल की नौबत आ गई है। आलम ये है कि तिलोई विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह और राज्यमंत्री सुरेश पासी में वर्चस्व को लेकर चली आ रही ठना-ठनी जगजाहिर हो गई है। आरोप है कि प्रशासनिक अमला राज्यमंत्री के दबाव में उनकी नहीं सुन रहा है। जिसको लेकर उन्होंने इस्तीफे का मन बनाया था। जिसकी भनक लगते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उन्हें मुलाकात के लिए बुलाया है।
बीजेपी में है तानाशाही नीतियों का दौर
आपको बता दें कि विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह इस हद तक नाराज़ थे कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मिलने का समय तक मांग लिया था। इससे साफ झलक रहा है के आज नहीं तो कल वो विधानसभा कि सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं नाराज विधायक के बागी तेवर को देखते हुए खुद सीएम ने विधायक को मुलाकात के लिये बुलाया है। विधायक का कहना है कि बीजेपी में तानाशाही नीतियों का दौर शुरु हो गया है।
नाराजगी के ये हैं अहम कारण
दरअसल, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह बीते कई महीनों से असंतुष्ट चल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस नाराजगी की बड़ी वजह यह है कि उनके कामों में जगदीशपुर विधानसभा के विधायक और राज्य मंत्री सुरेश पासी बराबर हस्तक्षेप कर रहे हैं। विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह के समर्थकों की मानें तो विधायक जब भी किसी काम के लिए डीएम और एसपी को फोन करते हैं तो प्रशासन उनकी बातों को दरकिनार कर देता है। दूसरी ओर, विधायक की नाराजगी का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा है कि एसपी अमेठी पूनम ने सीओ डॉ. बीनू सिंह का स्थानांतरण नगर पंचायत चुनाव के पहले तिलोई से मुसाफिरखाना कर दिया है। ये बात भी चर्चा का विषय है कि मुख्यमंत्री के आगमन पर जिले में सुरक्षा व्यवस्था में डॉ. बीनू सिंह के ड्यूटी काटने में राज्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया था। यही कारण है कि विधायक ने विधानसभा कार्यालय में फोन कर विधानसभा अध्यक्ष से मिलने का समय भी मांगा।
लगे आरोप हैं निराधार
फिलहाल, इस मामले में राज्यमंत्री सुरेश पासी ने बातचीत में कहा कि उन पर लगे सारे आरोप निराधार है। उन्होंने कहा कि उन्होंने विधायक के किसी मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया। जिले के अधिकारी विधायक क्या हमारे भी मातहत नहीं हैं। वे स्वतंत्र हैं और अपने दायित्वों का निर्वाहन कर रहे हैं।
कौन हैं मयंकेश्वर शरण सिंह
-मयंकेश्वर शरण सिंह अमेठी जनपद की तिलोई विधानसभा से बीजेपी विधायक हैं। दो दिन पहले उन्होंने इस्तीफा देने की बात कह कर राजनैतिक गलियारे की हलचल मचा दी थी। जिसके बाद से यूपी की राजनीति में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थी।
-इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में 58,539 वोट पाकर भी कांग्रेस उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे।
-जबकि 2007 के चुनाव में 44,513 वोट पाकर उन्होंने डॉ. मुस्लिम को पराजित किया था।
-इसके बाद 2017 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और तिलोई से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं।