×

Lucknow: गुडम्बा के श्यामा अस्पताल में मरीज़ों की जान से खिलवाड़, फ़ोन से हो रहा कैंसर मरीज व 9 साल के बच्चे का इलाज

Lucknow Shyama Hospital: राजधानी के गुडम्बा क्षेत्र स्थित श्यामा हॉस्पिटल में शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय की ओर से गई टीम ने छापेमारी की।

Shashwat Mishra
Published on: 2 Sep 2022 2:57 PM GMT
Patients are being treated for cancer through phone at Shyama Hospital, Gudamba.
X

लखनऊ: गुडम्बा के श्यामा अस्पताल में मरीज़ों का फ़ोन से हो रहा कैंसर इलाज

Lucknow News: राजधानी के गुडम्बा क्षेत्र स्थित श्यामा हॉस्पिटल में शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (CMO) की ओर से गई टीम ने छापेमारी की। जहां मौके पर दो मरीज़ भर्ती थे और इलाज करने के लिए सिर्फ एक डॉक्टर मौजूद थे। भर्ती दो पेशेंट्स में एक महिला कैंसर मरीज़ और एक 9 वर्षीय बच्चा था। आईजीआरएस पोर्टल पर हुई शिकायत के बाद सीएमओ ऑफिस से डॉ. आरके चौधरी, निजी चिकित्सालयों के नोडल अफसर डॉ. अखण्ड प्रताप सिंह और अधीक्षक डॉ. विनय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया।

अस्पताल में सिर्फ एक डॉक्टर

नोडल अफसर डॉ. एपी सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बीएएमएस किये हुए डॉ. अनूप कुमार रस्तोगी मिले, जो अस्पताल के मालिक भी हैं। इसके अलावा, डी. फार्मा छात्र मुकेश कुमार, 11वीं की छात्रा सना बानो, डीएचपी छात्र शिल्पी, बीए प्रथम की छात्रा ऋतु सिंह, ओटी टेक्नीशियन के प्रथम वर्ष छात्र मो. नईम, और फार्मेसी स्टूडेंट अमित कुमार मिले, जिनको प्रति माह 3 से 5 हजार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में डा. रस्तोगी के अलावा कोई अन्य चिकित्सक उपस्थित नहीं थे।


कैंसर मरीज़ का फ़ोन से इलाज

डॉ. एपी सिंह के मुताबिक, अस्पताल में दो मरीज भर्ती थे। जिनका फ़ोन के माध्यम से इलाज किया जा रहा था। इसमें एक महिला मरीज़ पुष्पा देवी थी, जिनका कैंसर रोग का इलाज डॉ. नीरज टंडन द्वारा और 9 वर्षीय आदर्श का इलाज डॉ. फराज के द्वारा फोन पर दी गई सलाह पर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण भी नियमानुसार नहीं किया जा रहा है।

मोहन डायग्नोस्टिक सेंटर भी जांच के घेरे में

डॉ. एपी सिंह ने जानकीपुरम के सेक्टर एच स्थित मोहन माइक्रो बायो लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर की रिपोर्ट को भी संदिग्ध मानते हुए उसे जांच के घेरे में रखा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती बेबी आदर्श को दो यूनिट ब्लड चढ़ाने के बाद हीमोग्लोबीन 7.5 से 16 कैसे पहुंचा, इसकी भी जांच की जा रही है। यह जांच का विषय है।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story