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यात्रीगण ध्यान दें ! सुरक्षित रहना चाहते हैं तो सिटी बसों से न करें सफर
लखनऊ : उत्तर प्रदेश परिवहन निगम भले ही अपने यात्रियों को सुरक्षित व आरामदायक सफर देने का दावा करता हो लेकिन राजधानी की ही सिटी बसें उनकी पोल खोल रही हैं। हादसों व बसों के खराब होने का दौर लगातार जारी है। अभी हाल में ही बर्लिंगटन के पास वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। लेकिन हद तो अब हो गई है, जब लखनऊ के अलग-अलग 3 स्थानों पर सिटी बसों ने दम तोड़ दिया। ब्रेक के प्रेशर पाइप फटने से लेकर पिछला टायर चलती बस में तेज आवाज के साथ पंचर हो गया। आपको बता दें कि, कुछ यात्री तो इतना डर गए कि चलती बस से ही कूद कर अपनी जान बचाने को मजबूर हो गए।
हमने पहले ही किया था आगाह : यूपी में कभी भी थम सकते हैं, कबाड़ हो चुकी सिटी बसों के पहिये
घटना संख्या 1
पहली घटना छन्नीलाल चौराहे के पास हुई है। चारबाग से इंजीनियरिंग कॉलेज जा रही बस का पिछला टायर तेज आवाज के साथ फट गया। इससे यात्री इतना डर गए कि चलती बस से कूदकर जान बचाने लगे।
घटना संख्या-2
सिकंदरबाग चौराहे पर अचानक बस के इंजन से जुड़ा कापर टूट गया। समय रहते चालक ने बस को नियंत्रित कर लिया नहीं तो बस का ब्रेक फेल हो सकता था।
इस तरह से आप देख सकते हैं कि किस तरह से महानगर की सिटी बसें सड़कों पर कार्य कर रही हैं। ये बसें कब अचानक बंद हो जाएगी। इसका पता नहीं है।
इसलिए आ रही है दिक्कत
असल में राजधानी में इस समय 170 से अधिक सिटी बसें दौड़ रही हैं। वहीं, 50 से अधिक बसें खराब होकर दुबग्गा व गोमतीनगर के कार्यशाला में खड़ी हैं। दुर्भाग्य की बात यह है कि, जो बसें सड़कों पर चल रही हैं वे किसी तरह से जुगाड़ पर जिंदा है। बजट के अभाव के चलते दूसरी बसों का पार्ट एक-दूसरे में मजबूरी में लगाया जाता है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि क्या आप महानगर की सिटी बसों में सुरक्षित हैं क्या।
जिम्मेदार का यह है कहना
गोमतीनगर डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक केके गर्ग के मुताबिक, बजट के अभाव के चलते यह दिक्कत आ रही है। जब तक इनके लिए नया बजट नहीं आएगा, ऐसे ही परेशानी होगी। हम लोग पूरा प्रयास करते हैं कि बसों में कोई खराबी न आए।
बर्लिंगटन वाली घटना ने सबको हिला दिया
7 मार्च की रात में बर्लिंगटन चौराहे पर हुई घटना ने सबको हिला कर रख दिया है। आपको बता दें कि, बस का अचानक ब्रेक फेल हो जाने से यह भयंकर हादसा हुआ था। जिसमें कि कई लोग घायल हुए और जान भी गई। जिस बस का एक्सीडेंट हुआ था। उसकी उम्र पूरी हो चुकी थी। 5 लाख किमी से अधिक बस चल चुकी थी लेकिन फिर भी उसको सड़क पर उतार दिया गया था।
इसलिए अगर आप लखनऊ में हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। महानगर की सिटी बसों से सफर करने के बजाय वैकल्पिक वाहनों का सहारा लें।