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Lucknow: पैसिव स्मोकिंग है बेहद घातक, एक्टिव स्मोकर्स को कहिए 'एक्सक्यूज मी', नहीं तो हो जाएगा कैंसर

Lucknow News Today: पैसिव स्मोकिंग है बेहद घातक: यदि कोई व्यक्ति सड़क, चौराहे, घर या अन्य किसी सामाजिक स्थानों पर धूम्रपान (smokers) करता नज़र आ रहा है, तो उससे दूर रहने की कोशिश करिए।

Shashwat Mishra
Published on: 19 Sept 2022 7:05 PM IST (Updated on: 19 Sept 2022 8:03 PM IST)
Tell active smokers Iscuse me, otherwise there will be cancer, respiratory and heart diseases patients
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सीनियर पलमोनोलॉजिस्ट डॉ. एनबी सिंह: Photo- Newstrack

Lucknow News: यदि कोई व्यक्ति सड़क, चौराहे, घर या अन्य किसी सामाजिक स्थानों पर धूम्रपान (smokers) करता नज़र आ रहा है, तो उससे दूर रहने की कोशिश करिए। क्योंकि, दूसरे के धूम्रपान करने से भी आपको गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इस बारे में श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के सीनियर पलमोनोलॉजिस्ट डॉ. एनबी सिंह ने 'न्यूज़ट्रैक' संग बातचीत में बताया कि एक्टिव स्मोकर्स (जो प्रत्यक्ष रूप से सिगरेट पी रहे हों) से 8-10 गुना ज़्यादा ख़तरा पैसिव स्मोकर्स जो अप्रत्यक्ष तौर पर धुएं को शरीर में ले जा रहें) को होता है। उन्हें पास खड़े व्यक्ति को तुरंत 'एक्सक्यूज मी' कहकर वहां से दूर हट जाना चाहिए। जिससे वो को गम्भीर बीमारियों की चपेट में आने से बच सकेगा।

इन बीमारियों की आ सकते हैं चपेट में

डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक, पैसिव स्मोकिंग से फेफड़ों की बीमारियां, दमा, कफ, कान में संक्रमण, हृदय सम्बंधी रोग, रक्तचाप और कई तरह के कैंसर का खतरा बना रहता है। जिससे बचने के लिए एक्टिव स्मोकर्स से दूरी ही एक मात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि सामाजिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है। लेकिन, आम लोग इसका पालन नहीं करते।

कैसे बचाएं खुद को? (how to save yourself)

● घर के किसी सदस्य को धूम्रपान की आदत है, तो उसे ऐसा करने से रोकें। घर के भीतर धूम्रपान न करने दें।

● कोशिश करें कि धूम्रपान करने वाले लोगों के संपर्क में आप न आएं या उस समय मुंह को ढंक लें।

● अगर धूम्रपान करने वाले के नियमित संपर्क में रहते हैं, तो तरल चीजों का सेवन अधिक करें। इससे टॉक्सिन शरीर से बाहर निकलते रहते हैं। पौष्टिक भोजन करें, साथ ही नियमित प्राणायाम और सांस के व्यायाम करें।

● गर्म पानी से भांप लें।

हर साल 13 लाख लोगों की मृत्यु

दुनियाभर में हर साल करीब 13 लाख लोगों की मृत्यु अप्रत्यक्ष धूम्रपान से होती है। खासकर, छोटे बच्चों का बीड़ी व सिगरेट के धुएं भरे माहौल में रहना, उनमें सांस की गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है।



Shashi kant gautam

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