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पूर्व जज की संक्रमित पत्नी की मौत, ना मिली एंबुलेंस और ना लाश उठाने वाला
सोशल मीडिया पर एक पूर्व जज रमेश चन्द्र के वायरल हुए इस पत्र ने प्रशासनिक व्यवस्था की कलई खोल दी है।
लखनऊ। एक पूर्व जज की पत्नी की प्रशासन की लापरवाही से हुई मौत का मामला बेहद गरमाता जा रहा है।सोशल मीडिया पर एक पूर्व जज रमेश चन्द्र के वायरल हुए इस पत्र ने प्रशासनिक व्यवस्था की कलई खोल दी है। 67 वर्षीय वृद्ध पूर्व जज मदद के लिए बुलाते रहे पर मदद के अभाव में उनकी पत्नी की जान चली गयी।
राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित विनम्र खंड निवासी 67 वर्षीय रमेश चन्द्र ने अपने पत्र में कहा है कि वह स्वंय तथा उनकी 64 वर्षीय पत्नी मधू चन्द्रा कोरोना से पीड़ित होने के बाद जब उन्होंने कल सुबह सात बजे से मदद और इलाज के लिए पचासों फोन किए परन्तु न तो उपलब्ध कराए गए नम्बरों से कोई घर पर दवा देने आया और न ही अस्पताल में भर्ती की प्रक्रिया की गयी। प्रशासन की इस लापरवाही से पत्नी मधू चन्द्रा की सुबह दस बजे मृत्यु हो गयी। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि इस समय उनकी पत्नी की डेडबाडी उठाने वाला कोई नहीं है। उन्होंने इस पत्र की मदद से मीडिया के लोगों से भी मदद मांगी।
पूर्व जज का कहना है कि उनके बार बार फोन करने पर भी हर बार यही कहा जाता रहा कि बस पांच मिनट, कभी 10 मिनट, कभी सिर्फ 20 मिनट और तो कभी केवल आधे घंटे में आपके घर एंबुलेंस पहुंच रही है, लेकिन यह करते डेढ़ दिन बीत गए। एंबुलेंस नहीं। पत्नी मधु चंद्रा की हालत इस दौरान बेहद नाजुक हो गई। उनका ऑक्सीजन स्तर 80 से नीचे पहले ही दिन जा चुका था जो कि लगातार गिर रहा था। हम लोग एंबुलेंस का इंतजार करते रहे मगर सुबह उनकी सांसें उखड़ गई यह कहते पूर्व जिला जज का गला रूंध गया।