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गिड़गिड़ाता रहा पिता: बेटे की लाश को कंधा देने वाला कोई नहीं, ऐसे किया अंतिम संस्कार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बेहद चौका देने वाला मामला सामने आया है।

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Report By NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 19 April 2021 12:14 PM IST
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।
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मजबूर पिता(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कहर से हर कोई खौफ में है। इस आफत से सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव मानव जाति पर पड़ा है। जिसके बारे में कभी किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी। हर रोज जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला तक कोई नहीं है। ऐसे में एक बहुत ही भयावह कहानी सामने आई है जिससे रूह कांप जाती है कि इस कोरोना ने इंसानियत और मानवता को भी झकझोर के रख दिया है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बेहद चौका देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स के 13 साल के मासूम बेटे की मौत पर उसे कंधा देने तक कोई नहीं आया। पिता गिड़गिड़ाता रहा, अपनी बेबसी और हालातों को कोसता रहा है लेकिन कोई आगे नहीं आया।

नाले के पीछे दफनाया बेटे को

समय के मारे इस मजबूर पिता ने हर तरफ मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोरोना का डर इस हद तक लोगों के अंदर घर कर गया है कि लोगों ने दूर रहना ही सही समझा। जिसके चलते पिता ने दिल को मजबूत करते हुए कुछ दूरी पर नाले के पीछे मिट्टी खोदी और बेटे की लाश को अंतिम संस्कार कर दिया। इस बच्चे की मौत कोरोना की वजह से नहीं हुई थी।

बता दें, ये मामला लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र का है। इस घटना में पीड़ित पिता सूरजपाल के 13 साल के बेटे को एक हफ्ते से तेज बुखार था। इस बच्चे का इलाज घर पर किया जा रहा था। पर एक दम से हालत बिगड़ने पर उनके बेटे की मौत हो गई। फिर बेटे की मौत के बाद जब कंधा देने के लिए उन्होंने पड़ोसियों से मदद मांगी, तो करोना संक्रमण के डर से कोई भी व्यक्ति उनके बेटे को कंधा देने नहीं आया।

इस समय लोगों में कोरोना का खौफ इस हद तक था कि रिश्तेदार भी शामिल नहीं हुए। ऐसी हालत में मजबूर पिता ने बेटे की लाश कंधे पर रखी और चिनहट के लौलाई उप केंद्र के पास बने नाले के पीछे मिट्टी खोदकर अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया। हालातों से मारे पिता का रो रो कर बुरा हाल था। इन विकट परिस्थितियों में लोगों का कोरोना संक्रमण का खौफ इस कदर है कि नॉन कोविड बेटे की मौत पर लोग कंधा देने से भी घर से बाहर नहीं निकले।

Vidushi Mishra

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