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Lucknow: ब्रह्मलीन पं. रघुराज दीक्षित 'मंजू' की जयंती पर 51 शक्तिपीठ तीर्थ स्मारिका का लोकार्पण

Lucknow: विश्व का अद्वितीय इक्यावन शक्तिपीठ तीर्थ धर्म और अध्यात्म के रचनात्मक सरोकारों के लोकार्पण और लोकार्चन का साक्षी बना।

Jyotsna Singh
Published on: 25 Sept 2022 10:08 PM IST
Lucknow News In Hindi
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ब्रह्मलीन पं. रघुराज दीक्षित 'मंजू' की जयंती। (Social Media)

Lucknow: विश्व का अद्वितीय इक्यावन शक्तिपीठ तीर्थ धर्म और अध्यात्म के रचनात्मक सरोकारों के लोकार्पण और लोकार्चन का साक्षी बना। इस सारस्वत कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के उपाध्यक्ष दिनेश कुमार (Vice President Dinesh Kumar) ने बतौर मुख्य अतिथि सहभाग किया। विशिष्ठ अतिथि के रूप में तीर्थ के विशिष्ट सहयोगी राम अवतार सिंहल और पवन तलवार ने सहभाग किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बख्शी का तालाब के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह 'गप्पू' (Bakshi Ka Talab Chairman Arun Kumar Singh Gappu) ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट उपस्थिति विधान परिषद सदस्य पवन कुमार सिंह चौहान (UP Legislative Council member Pawan Kumar Singh Chauhan) की रही।

शक्तिपीठ तीर्थ अनेक मानवीय मूल्यों के प्रताप से बना है: BJP प्रदेश उपाध्यक्ष

आशीष सेवा यज्ञ न्यास (Ashish Seva Yagya Trust) के तत्त्वाधान में आयोजित लोकार्पण एवं लोकार्चन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार (BJP State Vice President Dinesh Kumar) ने कहा कि इक्यावन शक्तिपीठ तीर्थ अपने लक्ष्य, कार्य-सरोकार, स्वरूप और उद्देश्यों के संदर्भ में विश्वपटल पर अद्वितीय है। इस तीर्थ का महत्त्व अति प्राचीन है। उन्होंने कहा कि यह शक्तिपीठ तीर्थ अनेक मानवीय मूल्यों के प्रताप से बना है।

तीर्थ में जनसेवा के विविध प्रकल्प भी सञ्चालित हो रहे हैं। यह तीर्थ की उपादेयता का आदर्श रूप है। शक्तिपीठ की महत्ता को व्यक्त करते हुए कहा कि इस तीर्थ की स्थापना के दूरगामी लाभ हैं। यह तीर्थ राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है। यह श्रद्धालुओं के लिए वरदान है कि उन्हें अपने जीवनकाल में एक ही स्थान पर देश-विदेश में स्थित अनेक पवित्र तीर्थों के दर्शन हो जाते हैं। वस्तुतः यह तीर्थ संस्कृति का परिचायक है जो सर्वथा अकल्पनीय है। वस्तुतः यह तीर्थ मानव मात्र को एक सूत्र में पिरोने की संकल्पना है।

सेवा और साधना के क्षेत्र में इक्यावन शक्तिपीठ तीर्थ का अतुलनीय योगदान: अरुण कुमार सिंह

प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि यह शास्त्रोचित एवं सिद्ध है कि समस्त उपासना पद्धतियों के केंद्र में उपास्य शक्ति ही हैं। मुख्य अतिथि ने कहा कि तीर्थों और मंदिरों के कायाकल्प का सद्कार्य वर्तमान केंद्र और प्रदेश की सरकार कर रही है। अपने अध्यक्षीय उदबोधन में बख्शी का तालाब नगर पंचायत के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह 'गप्पू' (Bakshi Ka Talab Chairman Arun Kumar Singh Gappu) ने इस अवसर पर कहा कि सेवा और साधना के क्षेत्र में इक्यावन शक्तिपीठ तीर्थ का अतुलनीय योगदान है। इक्यावन शक्तिपीठ तीर्थ हमारे क्षेत्र का गौरव है। इस तीर्थ की आभा देखते ही बनती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्रवासी का दायित्त्व है कि वह अपने परिवार के साथ नियमित रूप से मंदिर अवश्य आए।

उन्होंने संस्थापक पंडित रघुराज दीक्षित मंजु के मंदिर निर्माण के योगदान की सराहना की। विशिष्ट अतिथि राम अवतार सिंहल और पवन तलवार ने स्व. पंडित रघुराज दीक्षित के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि उनके पुरुषार्थ का परिणाम यह अतुलनीय शक्ति तीर्थ है।

शक्ति चिंतन स्वयं में साधना है: संचालिका

इस अवसर पर संचालिका कुसुम वर्मा (Director Kusum Verma) ने कहा कि शक्ति चिंतन स्वयं में साधना है। लोकजीवन में इसका अत्यंत ही महत्त्व है। ख़ुशी इस बात की है कि इक्यावन शक्तिपीठ तीर्थ इस दिशा में सम्यक प्रयास कर रहा है। कार्यक्रम में शक्तिपीठ की स्थापनाकाल से जुड़े नागेंद्र बहादुर सिंह चौहान ने इक्यावन शक्तिपीठ तीर्थ की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह तीर्थ आत्मज्ञान की पराकाष्ठा की ओर ले जाने में सक्षम है। शक्तिपीठों की समग्रता को एकत्रित करना और उनकी साधना पद्धतियों को समन्वयित करना दुरूह कार्य था। किन्तु यह तीर्थ आज परिपूर्णता का द्योतक बन चुका है। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन न्यासी नमन तिवारी विभु ने किया।

कार्यक्रम में तीर्थ के विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए सेवा साधकों के लोकार्चन के क्रम में सेवा सम्मान निर्मल श्रीवास्तव और गजेंद्र त्रिपाठी को प्रदान किया गया। इन विभूतियों को सम्मान स्वरूप अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया। मंचासीन अतिथियों को भी शक्तिपीठ का बिम्ब-प्रतीक भेंट किया गया। तीर्थ की प्रगति आख्या ट्रस्टी वरद तिवारी ने प्रस्तुत की। दस महाविद्या आधारित स्मारिका की संपादकीय का वाचन न्यास अध्यक्ष तृप्ति तिवारी ने किया।

इस कार्यक्रम में रहे उपस्थित

इस लोकार्पण और लोकार्चन कार्यक्रम में तीर्थ की सहसंस्थापिका पुष्पा दीक्षित का मुख्य अतिथि द्वारा अभिनंदन किया गया। इस कार्यक्रम में जया तिवारी, भानु सिंह, पुरोहित धनञ्जय पांडेय, अनुराग पांडेय, योगेश त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और साधक उपस्थित थे।



Deepak Kumar

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