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Lucknow: लखनऊ के 200 से ज्यादा मकानों पर आज नहीं चलेगा बुलडोजर, जानिए अब क्या होगा?
Lucknow News: देर रात जारी आदेश में कहा गया कि चित्ताखेड़ा में रहने वाले वालों ने लिखित मांग की है कि उनके निर्माण तोड़े जाने के आदेश के खिलाफ कोर्ट में अपील की गई है।
Lucknow News: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राजधानी में ऐशबाग के चित्ताखेड़ा बस्ती में आज 200 से अधिक मकानों को तोड़ने की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लग गई है। सोमवार देर शाम तक प्राधिकरण के दफ्तर में वीसी की अध्यक्षता में मैराथन बैठक हुई। जिसमें पूरी कार्ययोजना तैयार की गई थी। इसी बीच देर रात जारी आदेश में कहा गया कि चित्ताखेड़ा में रहने वाले वालों ने लिखित मांग की है कि उनके निर्माण तोड़े जाने के आदेश के खिलाफ कोर्ट में अपील की गई है। इनके निस्तारित होने तक कार्रवाई नहीं की जाए। जिसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से पत्र जारी कर कार्रवाई रोके जाने की जानकारी दी गई।
बता दें इससे पहले सोमवार को मंडलायुक्त रोशन जैकब, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी के साथ सचिव पवन गंगवार समेत तमाम एलडीए के अफसर चित्ताखेड़ा का दौरा कर वहां रहने वाले लोगों से बात की थी। सुबह 10:30 बजे मुनादी कर लोगों को घरों को खाली करने की चेतावनी भी दी गई थी। जिससे 200 से ज्यादा परिवार सकते में आ गए और इन परिवारों ने भी न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो मंगलवार को होने वाली कार्रवाई पर फिलहाल विराम लग गया।
ये है पूरा मामला?
अब जरा इस पूरे मामले को समझने की कोशिश करिए कैसे एलडीए के पूर्व अधिकारियों ने सांठगांठ कर बिल्डर को ऐशबाग की 500 करोड़ की जमीन मात्र 50000 रूपये में लीज पर दे दी गई। ऐशबाग इंडस्ट्रियल एरिया चित्ताखेड़ा कि 1.70 लाख वर्गमीटर जमीन सांठगांठ कर बिल्डर को दे दी गई। 2016 में तत्कालीन एलडीए उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह यादव के समय यह कारनामा हुआ था। अब एलडीए की अध्यक्ष व मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने मामले में केस कराते हुए जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों पर भी कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही मंडलायुक्त ने कौशल किशोर अग्रवाल के पक्ष में की गई लीज डीड को भी निरस्त करने का आदेश दिया है।
दरअसल ऐशबाग इंडस्ट्रियल एरिया की भूखंड संख्या 3/ 2 और 3/3 की जमीन की लीज 3 जून 2016 को की गई थी. इस दौरान कई तथ्य छिपाए जाने के आरोप हैं। लीज खत्म होने के अलावा 2016 में लीज डीड से पहले ही आगे इसे बेच दिए जाने के लिए विक्रय अनुबंध हो जाने जैसे तथ्य पर ध्यान नहीं दिया गया। जिस काम के लिए जमीन का आवंटन होना था उसके विपरीत उपयोग के लिए इसकी लीज कर दी गई। मंडलायुक्त ने कहा है कि लीज किए जाने के लिए झूठी सूचनाएं तक रिकॉर्ड में दर्ज की गई। एलडीए अब एफआईआर कराएगा लीज धारक से नोटिस का जवाब मिलते ही तत्कालीन वीसी सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों कर्मियों के खिलाफ भी एक्शन होगा।