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लखनऊ में प्रशासन ने एम्बुलेंस के फिक्स किए रेट, सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया

ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस में ले जाने पर 1500 रुपए प्रति 10 किलोमीटर की दर तय की गयी है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Dharmendra Singh
Published on: 7 May 2021 6:05 PM GMT
Ambulance
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एम्बुलेंस (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

लखनऊ: लखनऊ के जिला प्रशासन ने एंबुलेंस के रेट तय कर दिए हैं जिसके पीछे तर्क ये है कि इस प्रकार एंबुलेंस चालकों के मनमाने किराए पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है। ये सब जनता की सुविधा के लिए किया गया है। इससे अनावश्यक लूट खसोट पर रोक लगने की बात कही जा रही है। आदेश के मुताबिक बिना ऑक्सीजन एंबुलेंस में मरीज को ले जाने पर ₹1000 प्रति 10 किलोमीटर देना होगा, जबकि 10 किलोमीटर से आगे ले जाने पर प्रति किलोमीटर ₹100 की दर से किराया देना होगा।

ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस में ले जाने पर 1500 रुपए प्रति 10 किलोमीटर की दर तय की गयी है, जबकि 10 किलोमीटर से आगे ले जाने पर ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस को ₹100 प्रति किलोमीटर के हिसाब से देना होगा। वेंटिलेटर सपोर्टेड एंबुलेंस की दर 2500 रुपए प्रति 10 किलोमीटर होगी, जबकि 10 किलोमीटर से आगे ले जाने पर ₹200 प्रति किलोमीटर के हिसाब से देना होगा। जिलाधिकारी के इस आदेश पर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।
वरिष्ठ पत्रकार कुं. अशोक राजपूत ने इस पर अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि लखनऊ में दिल्ली के बराबर दरों पर मेंहगी एम्बुलेंस सेवा क्यों? पोस्ट में लिखा गया है-अफसर अफसर ही होते हैं उनमें भी आईएएस तब क्या खुदा भगवान से बढ़कर ऐंठन से भरपूर जनता की परेशानी गरीबी हकीकत से पूरी तरह से बेखबर रहते निर्णयों फैसलों से साबित कर देते हैं.....जी हां,लखनऊ के कलेक्टर डीएम ने कोरोना त्रासदी के समय में मरीज के लिये जरूरी प्राइवेट-एम्बुलेंस सेवा की दरें 15 दिनों की लूट-लपाट बाद शुक्रवार 7 मई को घोषित की गयीं है। अरे कलेक्टर यह तो यूपी का लखनऊ है दिल्ली का सदर, ग्रेटर कैलास, कनाट प्लेस के लिये दिल्ली आप सरकार के मुख्यसन्त्री खेजरी द्वारा घोषित एम्बुलेंस दरों को लखनऊ वासियों को लखनऊ वासियों को हड़बड़ी में थमा दिया। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है जबकि लखनऊ देश के एक राज्य की राजधानी है। वैसे भी 50 रुपये किलो वाली ऑक्सीजन का सिलेंडर इन दिनों लखनऊ में जरूरतमंद को 15,20 हजार में खरीदने को बाध्य होना पड़ा है। इसलिये प्राइवेट-एम्बुलेंस ऑक्सीजन ICU की दरों को जनहित में अबिलम्ब संसोधित करिये: 10 किलोमीटर का 500 रुपये अतिरिक्त किलोमीटर 50 रुपये प्रति किलोमीटर, ICU सपोर्ट 10 किलोमीटर 1000 रुपये व अतिरिक्त प्रति किलोमीटर रुपये 70-75 पर्याप्त दरें रहेंगी।
इसके जवाब में आर्तिमान त्रिपाठी का कहना है मेरे विचार में यह कोई सवाल नहीं हुआ। कतिपय मानकों के आधार पर ही इस तरह की दरें तय की जाती हैं। जो आदेश हैं, वे सुविचारित ही होंगे, ऐसा हमें विश्वास करना ही होगा। इसमें बहुत सारे फैक्टर्स भी जुड़े होते हैं, जिसमे एम्बुलेंस के कार्मिकों का जीवन भी शामिल है। वे अपनी जीविका कमा रहे हैं, समाज सेवा सेकंडरी है। किराया दर तय हो जाने से कम से कम यह तो होगा कि अनाप-शनाप किराया चार्ज करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लग सकेगा। जो पानी की तरह साफ़ है, फिर किसी को कोई आपत्ति क्यों हो।
इस पर सोनल ठाकुर का कहना है ₹100 प्रति किलोमीटर ज्यादा है इस तरह लखीमपुर से फोर्टिस हॉस्पिटल गाजियाबाद ले जाने का ₹33000 लेने वाला जो वीडियो वायरल हुआ वह तो जस्टिफाई हो गया जबकि देखा जाए तो बहुत ज्यादा किराया है। अतः जो प्रति किलोमीटर का दर है वह ज्यादा है। किंतु आपकी बात भी सही है कि यह फैसला तमाम बिंदुओं को विचार उपरांत ही लिया गया होगा इससे अंधाधुंध जो लूट मची थी उस पर अंकुश लगेगा।


Dharmendra Singh

Dharmendra Singh

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