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Lucknow News: बिल्डरों पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, हर्जाना जमा नहीं करने वालों का बैंक खाता सीज
Lucknow News: लखनऊ के उन बिल्डरों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रूप अपनाया है, जिन्होंने पैसे लेकर लोगों को उनके घर या दुकान बनाकर नहीं दिए। खरीदारों की शिकायत पर रेरा ने इन बिल्डर्स को जल्द से जल्द पैसा ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया था।
Lucknow News: राजधानी लखनऊ के उन बिल्डरों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रूप अपनाया है, जिन्होंने पैसे लेकर लोगों को उनके घर या दुकान बनाकर नहीं दिए। खरीदारों की शिकायत पर रेरा ने इन बिल्डर्स को जल्द से जल्द पैसा ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया था। लेकिन बिल्डरों ने इसे हल्के में लिया और आदेश के प्रति तनिक गंभीरता नहीं दिखाई। ऐसे में इन बिल्डरों की संपत्तियां और ऑफिस सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
20 बिल्डरों के बैंक खाते सीज
शऩिवार दोपहर को डीएम सूर्यपाल गंगवार ने कलेक्ट्रेट में इस बाबत बैठक बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने बिल्डरों को हर्जाने की रकम रात आठ बजे तक जमा करने का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद भी बकाया जमा नहीं किया गया तो तीन दिन में संपत्तियों को नीलाम कर वसूला जाएगा। देर शाम को जिला प्रशासन ने शहर के 20 बिल्डरों का बैंक खाता सीज करने का आदेश भी जारी कर दिया ।
दो बिल्डरों की संपत्तियां सील
जिलाधिकारी की बैठक में अनुपस्थित रहने वाले दो बिल्डरों पर कार्रवाई की गई है। बैठक में न आने वाले पोलार्स इंफ्राबिल्ड के तीन फ्लैट, दफ्कर और एक गोदाम कुर्क कर दिया गया। इसके अलावा राधे कृष्णा मार्केटिंग का हजरतगंज स्थित दफ्तर सीज कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, पोलार्स पर 1.09 करोड़ रूपये और राधे कृष्णा मार्केटिंग पर 55.79 लाख रूपये का बकाया है।
दो बिल्डरों ने जमा किया रकम
डीएम की फटकार के बाद दो बिल्डरों ने फौरन बकाया रकम जमा कर दिया। मिली जानकारी के मुताबिक, ओमेगा इंफ्राबिल्ड ने 28.18 लाख रूपये और होरिजॉन डेवलिंग्स ने 65 लाख रूपये का भुगतान कर दिया है। लखनऊ कलेक्टर ने बैठक में दो टूक कहा कि रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) का पैसा न देने वाली कंपनियों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।
उन्होंने आदेश दिया कि जो कंपनियां आरसी का पैसा नहीं जमा कर रही हैं, उनके निदेशकों को गिरफ्तार किया जाए। उनके बैंक खातों में जमा पैसे को निकालकर आरसी की वसूली कराया जाए। इससे भी न हो तो निदेशकों की संपत्तियों को नीलाम कर आरसी का पैसा वसूला जाए। बता दें कि रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने लखनऊ के 26 बिल्डरों को आरसी जारी किया था। इनसे करीब 132 करोड़ रूपये वसूले जाने हैं। इसके वसूली की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है।