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गुजरात के सहयोग से अपराधियों को पकड़ने के लिए फॉरेंसिक लैब की स्थापना

अपराध रोकने के लिए अब जांच के स्तर को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाना होगा: योगी आदित्यनाथ

Shreedhar Agnihotri
Published on: 29 May 2021 6:18 AM GMT
गुजरात के सहयोग से अपराधियों को पकड़ने के लिए फॉरेंसिक लैब की स्थापना
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लखनऊ। आपराधिक मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए प्रदेश में एक फाॅरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की आवश्यकता देखते हुए लखनऊ में इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज इंस्टीट्यूट को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। पुलिस प्रशासन एवं फाॅरेंसिक साइंस के क्षेत्र में अध्ययन के लिए लखनऊ की तहसील सरोजनीनगर में 50 एकड़ भूमि में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज का निर्माण कराया जा रहा है। एनएफएसयू द्वारा वैज्ञानिक अपराध जांच के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है, जो इस संस्थान के परिसर में पांच एकड़ भूमि पर अलग इकाई के रूप में होगा। यह सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस, डीएनए परीक्षण के क्षेत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय के सहयोग से अलग से स्थापित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज एवं डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उप्र, लखनऊ के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह संस्थान संयुक्त रूप से पुलिस और फाॅरेंसिक विज्ञान में नवीनतम प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के तरीकों को विकसित करने और मानक संचालन प्रक्रियाओं को तैयार करने का कार्य करेंगे।




अब अपराध के तरीके बदलकर अपराधी तकनीकी का इस्तेमाल कर रहे हैं: सीएम योगी

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपराध अनुसंधान के मामले में फाॅरेंसिक साइंसेज की महत्वपूर्ण भूमिका को पुलिस तथा न्यायालयों ने स्वीकार किया है। अब अपराध के तरीके बदल गए हंै। अपराधी तकनीकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में अपराध अनुसंधान तथा अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए जांच के स्तर को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाना होगा। इसका एफीलिएशन गुजरात में स्थापित नेशनल फाॅरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू से करने के भी निर्देश दिए। अपराध अनुसंधान की आवश्यकताओं के अनुरूप कोर्सों को डिजाइन किया जाए, ताकि सक्षम मैनपावर तैयार की जा सके, जो आपराधिक केसों को साॅल्व करने में मददगार साबित हो। इस इंस्टीट्यूट में एक साल के अन्दर कोर्सेज शुरू किए जाएं।




प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर फोकस

उन्होंने इंस्टीट्यूट के लिए अच्छी फैकल्टी की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर भी फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना के उपरान्त, इसके फंक्शनल होने पर इसकी कार्यप्रणाली का असर फील्ड में भी परिलक्षित होना चाहिए, ताकि अपराधों को तीव्र गति से सुलझाया जा सके।

ज्ञातव्य है कि इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य पुलिस प्रशासन, फाॅरेंसिक साइंस, व्यावहारिक विज्ञान, प्रौद्योगिकीय एवं प्रबन्धन के क्षेत्र में नवीन शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करना है। इस एमओयू से समाज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में लाभप्रद अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान प्रदान किया जा सकेगा। संस्थान एवं विश्वविद्यालय के छात्रों एवं संकाय के लाभ के लिए उत्कृष्टता केन्द्र, नवाचार केन्द्र तथा अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इससे विभिन्न प्रौद्योगिकी का पारस्परिक लाभ भी मिलेगा।

Pallavi Srivastava

Pallavi Srivastava

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