देश के हाईटेक हाईकोर्ट का हुआ उद्घाटन, बनने में खर्च हुए 1300 करोड़

Admin
Published on: 19 March 2016 4:28 AM GMT
देश के हाईटेक हाईकोर्ट का हुआ उद्घाटन, बनने में खर्च हुए 1300 करोड़
X

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के नए भवन का उद्घाटन शनिवार को हुआ। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, गवर्नर राम नाईक, पश्चिम बंगाल के गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी, सीएम अखिलेश यादव और इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी उपस्थित रहे।

CJI टीएस ठाकुर ने कहा: लखनऊ बहुत भाग्यशाली है

-देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर भी त्वरित न्याय के पक्षधर हैं।

-जस्टिस टीएस ठाकुर ने लखनऊ के गोमतीनगर में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के नये भवन का उद्घाटन किया।

-इस अवसर पर उन्होंने समारोह को संबोधित किया।

-उन्होंने कहा कि लखनऊ बहुत ही भाग्यशाली है।

-इस शहर को विश्व का सबसे शानदार तथा भव्यतम हाईकोर्ट का नया प्रांगण मिला है।

लंबित मुकद्दमों के लिए जज भी जिम्मेदार

-जस्टिस ठाकुर ने कहा 1300 करोड़ की राशि से बने इस भवन का लाभ उठाने का मौका न्यायिक सेवा से जुड़े लोगों को मिलेगा।

-हमारा लक्ष्य जनता को त्वरित न्याय देने की ओर रहना चाहिए।

-उन्होंने कहा कि लाखों मुकदमे लंबित हैं, इसके लिए हम भी जिम्मेदार हैं।

-वकील साहब को शिकायत रहती है कि जज साहब समय से नहीं आते हैं।

-अक्सर वकील केस की तारीख लेकर चले जाते हैं, जिससे मामला लंबा खिंचता जाता है।

-उन्होंने कहा कि मेरा तो यह मानना है कि दोनों पक्ष के वकील किसी भी केस को लेकर गंभीर हों, तभी केस जल्दी निपटेंगे।

-किसी भी मामले में बहानेबाजी के कारण ही मामले लटक रहे हैं।

गर्मी की छुट्टियों में काम करने को हूँ तैयार

-जस्टिस ठाकुर ने कहा कि अगर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अनुरोध करें तो मैं गर्मी की छुट्टियों में भी केस की सुनवाई कराने को तैयार हूं।

-दोनों पक्ष के वकील तैयार होने के बाद मैं संबंधित न्यायाधीश से मुकदमें की सुनवाई करने का निवेदन करुंगा।

-उन्होंने कहा कि मेरा दावा है अगर गर्मी की चट्टियों में भी मुकदमों की सुनवाई हो गई तो लंबित केसों में निश्चित कमी होगी।

न्यायिक कार्य में मिला अपेक्षित सहयोग

-इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के साथ न्यायिक कार्य में अपेक्षित सहयोग का वादा किया।

-राज्यपाल राम नाईक ने भी समय पर न्याय मिलने पर बल दिया।

-राज्यपाल ने कहा कि जब लखनऊ पीठ का नया भवन बनने की प्रक्रिया शुरू हुई तो इसकी कीमत 770 करोड़ रुपये थी।

-काम में विलंब के कारण इसकी कीमत में भी इजाफा हो गया।

-समय से और निर्बाध गति से काम होता, तो कीमत कम हो सकती थी।

-इसी तरह से ही अगर समय से सभी न्यायिक काम पूरे होंगे, तो लोगों को कम कीमत और समय में न्याय मिलेगा।।

नीचे स्लाइड्स में देखिए, उद्घाटन की फोटोज...

[su_slider source="media: 16804,16801,16809,16802,16810,16808,16807,16806,16805,16803" width="620" height="440" title="no" pages="no" mousewheel="no" autoplay="0" speed="0"] [/su_slider]

बिल्डिंग निर्माण का बजट

-बिल्डिंग को बनाने में 1300 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

-शुरुआती बजट 700 करोड़ रुपए का था, जो बाद में लगातार बढ़ता गया।

-हाईकोर्ट बिल्डिंग को बलुआ पत्थर से बनाया गया है जिसे चुनार और राजस्थान से मंगाया गया है।

-यह पत्थर 150 साल तक खराब नहीं होते।

57 कोर्ट रूम हैं

-इस बिल्डिंग में 57 कोर्ट रूम के साथ 72 चेंबर होंगे।

-एंट्री पास ऑफिस, लाइब्रेरी, रजिस्ट्रार ऑफिस, एडवोकेट जनरल ऑफिस होंगे।

-साथ ही वकीलों के लिए 1440 चेंबर हैं।

भवन की खासियत

-बिल्डिंग की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे जिस तरफ से देखा जाएगा उसी तरफ बिल्डिंग का फ्रंट दिखाई देता है।

-इसके किसी भी तरफ जाने पर लोगों को ये नहीं लगेगा कि वे बिल्डिंग के आगे हैं या पीछे।

-देश में अब तक इससे बड़ा और खूबसूरत हाईकोर्ट नहीं बना है।

संसद भवन जैसा लुक

-हाईकोर्ट बिल्डिंग 40 एकड़ के एरिया में फैला है।

-बिल्डिंग को 3 फ्लोर में बनाया गया है।

-ग्राउंड फ्लोर में रजिस्ट्रार ऑफिस के साथ कोर्ट के दूसरे ऑफिस होंगे।

-फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड फ्लोर पर कोर्ट रूम बनाए गए हैं।

-पहली नजर में बिल्डिंग को बाहर से देखने पर संसद भवन जैसा लुक दिखता है।

तीन हजार कारों के पार्किंग की व्यवस्था

-कोर्ट परिसर में तीन हजार कारों के पार्किंग की व्यवस्था है।

-जज, वकील सहित अन्य लोगों के लिए अलग-अलग पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

Admin

Admin

Next Story