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संक्रामक बीमारियों में लखनऊ पहले पायदान पर, ऐसे हैं स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम
नवाबों का शहर कहे जाने वाला लखनऊ में अभी तक संक्रामक बीमारियों (डेंगू, स्वाइन फ्लू आदि) का दौर चल रहा है। वेक्टर जनित रोगों को नहीं रोक पाने के कारण राजधानी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर काफी समय से सवाल उठ रहा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक का जमावड़ा यहीं बना रहता है।
लखनऊ : नवाबों का शहर कहे जाने वाला लखनऊ में अभी तक संक्रामक बीमारियों (डेंगू, स्वाइन फ्लू आदि) का दौर चल रहा है। वेक्टर जनित रोगों को नहीं रोक पाने के कारण राजधानी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर काफी समय से सवाल उठ रहा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक का जमावड़ा यहीं बना रहता है। फिर भी संक्रामक बीमारियों में लखनऊ नंबर एक स्थान पर है। सरकार के रोजाना नए-नए दावे हो रहे हैं। लेकिन सीएमओ डॉ जी एस वाजपेयी के सरकारी आंकड़े सरकारी महकमों के दावों पर भारी पड़ रहे हैं।
जरा ध्यान दें इन आंकड़ों पर
राजधानी में शुक्रवार शाम आई सीएमओ कार्यालय की रिपोर्ट के आधार पर केवल 2154 मरीज स्वाइन फ्लू के बताए गए हैं। अभी तक स्वाइन फ्लू से 14 मरीजों की लखनऊ में मौतें भी हो चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर डेंगू ने भी राजधानी का बुरा हाल कर रखा है। यहां डेंगू के कुल 77 मरीजों की पहचान हो चुकी है। दो रोगियों की मौत डेंगू बुखार से अब तक हो चुकी है।
अन्य विस्तृत चीजों पर दें नजर
-दिनांक 1 जनवरी से आज तक कुल इन्फ्लुएन्जा ए एच1एन1 के धनात्मक रोगी-2154 विभिन्न राजकीय एवं निजी
-चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों की संख्या-05
-घर पर इलाज कर रहे मरीजों की संख्या-26
-स्वाइनफ्लू से पूर्णतः स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों की संख्या-2052
-बच्चों के लिए-एक अगस्त से 3 वर्ष से 18 वर्ष तक के इन्फ्लुएन्जा ए एच1एन1 से ग्रसित बच्चों की संख्या-615
ये हैं स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम
वेक्टर जनित रोगों से रोकथाम के लिए राजधानी के हर वार्डों में रोजाना लार्वा का छिड़काव हो रहा है। इसके अलावा हर क्षेत्र में नोडल अधिकारी लोगों को रोजाना जागरूक कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीम रोजाना निरीक्षण कर रही है। संक्रमण पाए जाने पर संबंधित लोगों को नोटिस भी दी जा रही है। हर संभव प्रयास जारी है।
सीएमओ क्या कहना है?
सीएमओ डॉ जी एस वाजपेयी का कहना है कि हमारी टीम रोजाना शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही है। वेक्टर जनित रोगों से रोकथाम के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। संक्रामक बीमारियों को लेकर लोग जागरूक नहीं है इसलिए दिक्कतें आ रही हैं। लोगों को इन बीमारियों के बारे में व उनसे बचाव के उपाय सुझाए जा रहे हैं।