Lucknow News: दिवाली पर सावधान हार्ट व फेफड़े के मरीज, KGMU के डॉक्टरों ने दी ये सलाह

Lucknow News: केजीएमयू डॉक्टरों के अनुसार पटाखों के धुंए के कारण अस्थमा के मरीजों की सांस की नलियों में सूजन आने की आशंका रहती है।

Shashwat Mishra
Published on: 23 Oct 2022 3:14 PM GMT
KGMU
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किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (photo: social media ) 

Lucknow News: दिवाली पर्व (Diwali 2022) में फेफड़े और हार्ट के मरीज विशेष सावधानी बरतें। पटाखों के धुएं से फेफड़ों के मरीजों को दिक्कत होने के साथ ही संक्रमण भी हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार पटाखों के धुंए के कारण अस्थमा के मरीजों की सांस की नलियों में सूजन आने की आशंका रहती है, इससे मरीजों को अस्थमा का अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है। तेज आवाज के पटाखे हार्ट के मरीजों को परेशानी हो सकती है।

'प्रदूषित हवा से गले व फेफड़ों में संक्रमण का खतरा'

केजीएमयू स्थित पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय का कहना है कि प्रदूषित हवा से गले में संक्रमण होने की आशंका रहती है। इसके कारण फेफड़ों में भी परेशानी हो सकती है। उन्होंने बताया कि ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही है। ऐसे में घातक प्रदूषण के कण वातावरण के निचली सतह पर रहते है। प्रदूषण के महीन कण सांस के माध्यम से शरीर में दाखिल हो जाते है। ऐसे में सांस की नली संक्रमित हो सकती है। फेफड़ों में भी संक्रमण हो सकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से फेफड़ों की क्रियाशीलता पर भी प्रभाव पड़ा है। इस लिए सावधानी वरतना चाहिए।

'पटाखों का प्रदूषण आंख, नाक, गले व फेफड़ों को करता है प्रभावित'

केजीएमयू पल्मोनरी एंड क्रिटकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. वेद प्रकाश का कहना है कि पटाखों का प्रदूषण आंखों के साथ ही नाक और गले के अलावा फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। इसलिए अभी भी मास्क लगा करके प्रदूषण की समस्या से खुद का किसी हद तक बचाव किया जा सकता है। इसलिए कोशिश करना चाहिए कि जहां पटाखे जलाए जा रहे है, वहां दूर रहने में ही भलायी है।

सांस के मरीज मास्क का करें इस्तेमाल

केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉ. संतोष कुमार बताते हैं कि श्वसन तंत्र की किसी भी बीमारी के मरीज दिवाली में सावधानी बरतें। डा. कुमार का कहना है कि बढ़ती ठंड के साथ पटाखे के धुंआ से बीमारी उभरने की संभावना रहती है। श्वसन बीमारी के मरीज मास्क का प्रयोग करें, ताकि प्रदूषण से खुद को बचा सकें।

Deepak Kumar

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