Lucknow: दिवाली मनाते वक्त अगर जल जाएं, तो तुरंत यहां करें कॉल, KGMU के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

Lucknow News: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का प्लास्टिक सर्जरी विभाग विशेष जागरूकता अभियान चलायेगा। इसके अलावा बर्न हेल्पलाइन नम्बर-9415200444 भी जारी किया गया है।

Shashwat Mishra
Published on: 23 Oct 2022 3:22 PM GMT
KGMU
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KGMU। Photo- Social Media

Lucknow News Today: दीपावली (Diwali 2022) के मौके पर पटाखों के बर्न से बचने के लिए क्या करें या क्या न करें, इसके लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) का प्लास्टिक सर्जरी विभाग विशेष जागरूकता अभियान चलायेगा। पटाखों से जलने पर प्लास्टिक सर्जरी विभाग के बर्न यूनिट में विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम मौजूद रहेगी। इसके अलावा बर्न हेल्पलाइन नम्बर-9415200444 भी जारी किया गया है। इससे 24 घंटे सातों दिन फोन करके परामर्श लिया जा सकेगा।

अप्रिय घटना होने पर तुरंत करें हेल्पलाइन नंबर पर कॉल

प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. विजय कुमार ने बताया कि दीपावली दिया और पटाखों का त्योहार है। इसलिए, इस दिन दुर्घटना से बचाव के बारे में जानना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि दीपावली पर इनडोर व आउटडोर दोनों तरह के बर्न हो सकते है। उन्होंने बताया कि दीपावली पर अगर अप्रिय स्थिति का सामना होता है, तो तत्काल हेल्पलाइन पर फोन करके परामर्श लिया जा सकता है। इनडोर बर्न में मुख्यतः पूजा घर में होने की संभावना होती है। पूजा के समय सीमित मात्रा में दिये जलाना चाहिये। अधिक चहल करने वाले स्थान पर दिया न रखें।

'आंखों में बारूद जाने पर पानी की छीटें मारे'

डॉ. विजय ने बताया कि आउटडोर बर्न मुख्यतः पटाखें जलाते वक्त या झालरों के कारण होती है। इलेक्ट्रिकल बर्न से बचने के लिए बिजली की झालर में खुले स्थान पर टेपिंग करना चाहिए। तारों को जमीन पर न फैलाये दीवार पर फिक्स कर दें। शार्ट सर्किट से बचाने का उपाय करें। पटाखों को जलाते वक्त वच्चों को अकेला न छोड़े। पटाखों को पास न जलाकर, खुले में जलाये। अनार को दूर से जलाये।

इसको जलाते वक्त आंख व चेहरे में बर्न की सम्भावना ज्यादा होती है। राकेट को भी सम्हाल कर जलाये। बिना जले पटाखों को जलाने वाले स्थान से दूर रखें। जलने की स्थिति में पानी, रेत या कम्बल का प्रयोग करना चाहिए। आग बुझाने के बाद व्यक्ति के जले हुए स्थान से ज्वैलरी हटा दें। तत्काल अस्पताल जाएं, अगले दिन का इंतजार न करें क्योंकि इलाज आवश्यक होता है। आंखों में बारूद जाने पर पानी की छीटें मारें, रगड़े नहीं।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

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