×

Lucknow News: बोले विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित, वैदिक मधु का स्वाद अपने सामान्य जीवन में लें सभी

उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि हमारे ऋषियों और मनीषियों द्वारा अपनी जीवन भर की साधना और तपस्या के आधार पर जिस सत्य और रहस्य का साक्षात्कार किया गया वह साक्षात्कार ही वेद है

Network
Newstrack NetworkPublished By Divyanshu Rao
Published on: 3 Oct 2021 3:40 PM GMT
Lucknow
X

राष्ट्रीय पुस्तक मेला में विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित 

Lucknow News: मेले में वाणी प्रकाशन द्वारा विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की किताबें 'ज्ञान का ज्ञान, अथर्ववेद का मधु', 'ऋग्वेद: परिचय ' पर परिचर्चा हुई। कार्यक्रम में हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि वामपंथी विचारधारा के बौद्धिकजनों ने भारत के इतिहास को अंधकार काल की उपमा दी है। सत्य यह है कि इस देश का इतिहास हमेशा ज्ञान का सोपान रहा है। दीक्षित जी ने आवाह्न किया कि युवा शक्ति को अथर्ववेद के मधु को अपने जीवन में जोड़ना चाहिए।

उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि हमारे ऋषियों और मनीषियों द्वारा अपनी जीवन भर की साधना और तपस्या के आधार पर जिस सत्य और रहस्य का साक्षात्कार किया गया वह साक्षात्कार ही वेद है। उस वैदिक ज्ञान के आधार पर निर्मित दर्शन, दृष्टि और विचार हमारे सामाजिक आर्थिक राजनीतिक एवं सांस्कृतिक जीवन का आधार है। इस ज्ञान के संरक्षण और प्रचार और प्रसार के लिए दीक्षित जी द्वारा किया गया यह साहित्य सृजन सराहनीय है । इसलिए दीक्षित जी की यह रचना युवाओं एवं भावी पीढ़ियों तक पहुंचे आवश्यक है।

राष्ट्रीय पुस्तक मेला में विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित

क्योंकि सामने जो चुनौतियां खड़ी हैं, उनका एकमात्र समाधान वैदिक ज्ञान के आधार पर प्रतिष्ठित दर्शन दृष्टि और विचार है । दीक्षित जी की इस रचना से युवा इतिहासबोध के साथ सामाजिक दायित्व की ओर उन्मुख हो सकें।

अदिति माहेश्वरी ने कहा कि अन्तराष्ट्रीय बुक रिव्यु ट्रस्ट ने उनसे 'ज्ञान का ज्ञान' पर आलोचनात्मक टिप्पणी की पेशकश की। यह रिव्यु ऑनलाइन सबसे ज़्यादा पढ़े जाने वाले आलेखों में शामिल है।इस पुस्तक को वाओ लिटरेरी पुरस्कार भी प्राप्त है। वाणी प्रकाशन ग्रुप भविष्य में भी दीक्षित जी सभी पुस्तकें प्रकाशित करेगा।

मुख्य वक्ता डॉ. ओम प्रकाश पांडेय, मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी, वक्ता सर्वेश अस्थाना, अतिथि वक्ता अंशुमन द्विवेदी और संचालक वीरेंद्र सारंग रहे। प्रयागराज से विशेष रूप से पधारे प्रो अरुण कुमार त्रिपाठी भी मौजूद थे।प्रकाशन के कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी सहित अनेक साहित्यप्रेमी साथ थे।

Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

Next Story