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Lucknow Fire Case: खुला लेवाना होटल में कमरा नंबर 206 का राज, लापता युवक ने Newstrack को बताई सच्चाई
Lucknow Fire Levana Hotel Video: लेवाना होटल के कमरा नंबर-206 का रहस्य अग्निकांड के बाद से ही गहरा गया था।इस कमरे में ठहरा उज्जवल मिश्रा नाम एक व्यक्ति गायब था। मगर, अब सामने आकर उसने newstrack.com को सच्चाई बताई।
Lucknow Levana Hotel Fire Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित लेवाना होटल में सोमवार को हुए अग्निकांड की जांच तेज हो गई है। अग्निशमन विभाग (Fire Department) की तरफ से तीन सदस्यीय 'फैक्ट फाइंडिंग कमेटी' गठित कर जांच प्रारंभ कर दी गई है। दूसरी ओर, एक शख्स सामने आया है जिसे अब तक लापता बताया जा रहा था। इस युवक ने हादसे के वक्त की जो कहानी बयां की, उससे घटना के समय की भयावहता सामने आई।
आपको बता दें कि, लेवाना होटल के कमरा नंबर- 206 का रहस्य अग्निकांड के बाद से ही गहरा गया था। इस कमरे में उज्जवल मिश्रा नाम का एक व्यक्ति ठहरा था ,आग लगने के बाद से इस शख्स से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद जिलाधिकारी (DM) ने कहा था, इनके मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन कुछ पता नहीं चला। इस स्थिति में उनके उज्जवल के नंबर को सीडीआर पर लगवाया गया। जिससे पता करने की कोशिश की जा रही थी कि अंतिम बार इस नम्बर पर किन लोगों से बात हुई।
खुद की लापता वाली खबर से दंग हैं उज्जवल
मंगलवार का दिन उज्जवल मिश्रा के परिवार के लिए जरूर 'मंगल' खबर लेकर आया। लखनऊ के लेवाना होटल के कमरा नंबर- 206 में ठहरे उज्जवल जब सामने आए। newstrack.com से उन्होंने बताया कि उस अग्निकांड के दौरान क्या हुआ था। उस वक्त क्या भयावहता थी। उज्जवल बताते हैं कि आज उन्होंने समाचार माध्यमों में खुद के लापता बताए जाने की खबर पढ़ी। ये पढ़ते ही वो चौंक गए। उन्होंने कहा, जबकि अग्निकांड के बाद लोग फंसे थे, तब मैं अपने साथ 4-5 लोगों को लेकर बाहर निकला था।
फंसे लोगों को निकालने में प्रशासन की मदद की, मगर..
उज्जवल ने बताया कि, 'जब आग लगी थी, तब दरवाजा तोड़कर मैंने कई लोगों को निकाला था। वो बताते हैं, कि उसके बाद अग्निशमन विभाग का दस्ता आया था और दीवार तोड़कर निकाला जा रहा था तब भी मैं यहीं मौजूद था। उन्होंने कहा, दीवार तोड़कर फंसे लोगों को निकालने में भी मैं प्रशासन का हाथ बंटा रहा था। उसके बाद भी मैं यहां करीब 5-6 घंटे रहा था। बावजूद आज के अख़बारों सहित अन्य समाचार माध्यमों में खुद के लापता होने की खबर पढ़ी है। मैं तो दंग रह गया।'
होटल मैनेजमेंट के प्रति उज्जवल की नाराजगी
उज्जवल मिश्रा बताते हैं कि, 'वो होटल लेवाना में बीते एक हफ्ते से ठहरे थे। अग्निकांड के बाद बाहर निकलकर तमाम मीडिया संस्थानों के लिए काम करने वाले पत्रकारों को बाईट दी है। उन्हें उस वक्त के हालात को बताया। बावजूद होटल मैनेजमेंट ने मेरे बारे में गलत सूचना दी। मुझे लापता और संदिग्ध बताया जाता रहा।' उज्जवल की नाराजगी होटल मैनेजमेंट के प्रति दिखी। newstrack.com से बात करते वक्त उन्होंने होटल से जुड़े दस्तावेज भी दिखाए।
3 दिनों से एक ही कपड़े में हैं, सब खाक
उज्जवल ने newstrack.com को बताया कि, 'अब न उनके पास कपड़े हैं और न कुछ और। वो गाड़ी में सो रहे हैं। तीन दिनों से एक ही कपडे में हैं। जब उनसे ये पूछा गया कि, क्या प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई मदद मिली है? उन्होंने बताया कि प्रशासन ने कहा, पहले आपके मिसिंग की खबर मिली थी। अब हमने आपका नंबर सहित अन्य जानकारियां अपडेट कर दी है।' लेकिन, उज्जवल की नाराजगी होटल मैनेजमेंट को लेकर है जिस वजह से मीडिया में उनके लिए लापता होने और संदिग्ध जैसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ।
आपको बता दें कि, मंगलवार सुबह पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर जांच करने लेवाना होटल पहुंचे। तब उनके साथ डीसीपी सेंट्रल अपर्णा कौशिक (DCP Central Aparna Kaushik), फायर टीम के साथ फॉरेंसिक की टीम भी साथ थी। इस दौरान पुलिस कमिश्नर ने बताया कि, हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। फायर विभाग की NOC के साथ सुरक्षा के इंतजामों को लेकर भी जांच की जा रही है।