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Lohia Institute: फजीहत के बाद लोहिया संस्थान ने वापस लिया फैसला, पत्रकारों पर लगा बैन हटा
Lucknow Lohia Institute: लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (RMLIMS) ने अपना फैसला वापस ले लिया है। अब किसी भी पत्रकार को संस्थान में कवरेज़ के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
Lucknow News: लोहिया संस्थान (Lohia Institute) ने अपना फैसला वापस ले लिया है। अब किसी भी पत्रकार को संस्थान में कवरेज़ के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। गोमती नगर स्थित चिकित्सा संस्थान ने सोमवार रात को जारी किये गए पत्र में कहा था कि मीडिया कर्मियों को संस्थान में कवरेज़ के लिए अनुमति की आवश्यकता होगी। लेकिन, सोशल मीडिया पर लगातार हुई ट्रोलिंग के बाद, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को अपना आदेश वापस लेना पड़ा।
'स्वघोषित पत्रकारों के लिए था आदेश'
संस्थान की जमकर फ़ज़ीहत होने के बाद, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह (Medical Superintendent Dr. Vikram Singh) ने नया पत्र जारी किया है। जिसके जरिये उन्होंने बताया कि अधोहस्ताक्षरी द्वारा अनुमति प्राप्त करने संबंधी जो पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। उसका संदर्भ मान्यता प्राप्त अथवा सम्मानित संस्थान के पत्रकारों से नहीं है। उन्होंने बताया कि पत्र का मंतव्य उन व्यक्तियों (स्वघोषित मीडियाकर्मी) के लिए अनुमति प्राप्त करने के लिए है, जिनके पास संबंधित संस्थान का पहचान पत्र नहीं होता है और स्वंय को पत्रकार बताकर यूट्यूब चैनलों की माइक आईडी लेकर संस्थान में वीडियो बनाने और कहीं पर भी खड़े होकर लाइव करने वालों के लिए ही अनुमति लेकर प्रवेश देने संबंधी पत्र संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के लिए जारी किया गया था।"
पहले यह पत्र हुआ था जारी
संस्थान ने जो पत्र पहले जारी किया था, उसमें साफ तौर पर इस बात का ज़िक्र था कि अस्पताल में आने वाले पत्रकारों को अनुमति लेनी होगी। साथ ही, अगर वह आदेश जारी रहता, तो पत्रकारों को कवरेज़ से पहले, मरीज़ अथवा पीड़ित से मिलने से पहले, सुरक्षा कर्मियों से उलझना पड़ेगा। क्योंकि, संस्थान द्वारा जारी किये गए आदेश में साफ़ तौर पर इस बात का ज़िक्र था कि यदि संस्थान में कोई भी पत्रकार, बिना अनुमति के आए। तो उसे तुरंत चिकित्सा अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
इमरजेंसी के मरीज़ों को प्राइवेट अस्पतालों में भेजा जा रहा
गौरतलब है कि लोहिया संस्थान की कई बार फ़ज़ीहत हो चुकी है। और, ऐसा मात्र इसलिए हुआ है, क्योंकि यहां पर इमरजेंसी में आने वाले मरीज़ों को, अंदर के डॉक्टरों की मिली भगत से प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा था। जिसके साक्ष्य भी मिले। उसके बाद, संस्थान को मज़बूरन कार्रवाई भी करनी पड़ी। बता दें कि संस्थान से 108 एम्बुलेंस से मरीज़ों को प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा था। ये खेल जब प्रकाश में आया, तब ही से संस्थान की सिट्टी-पिट्टी गुम है।
मीडिया पर लगा प्रतिबंध हटा
उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister and Medical Education Minister Brajesh Pathak) ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि मीडिया पर लगे प्रतिबंध संबंधी आदेश को वापस ले लिया गया है। ब्रजेश पाठक ने ट्वीट कर कहा कि मैंने निदेशक (DrRMLIMS), लखनऊ को मीडिया पर लगे प्रतिबंध के ऑर्डर को तत्काल निरस्त कर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु जरिये दूरभाष निर्देश दिये थे। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में संस्थान की ओर से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए मीडिया पर लगे प्रतिबंध के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।