Lucknow Nagar Nigam Ward No.31: लखनऊ नगर निगम के शंकर पूर्वा द्वितीय वार्ड संख्या 31 की पार्षद अनिता पाल, अधिकारी चपरासी जैसा व्यवहार करते हैं

Lucknow Nagar Nigam Ward No.31 Parshad: लगभग लगभग वह सभी कार्य जो हम सोच के राजनीति में आए थे पूर्ण कर लिए हैं।

Anant kumar shukla
Published on: 12 Oct 2022 1:05 PM GMT
Lucknow nagar nigam ward number 31 Shankar Poorva II Parshad
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Lucknow nagar nigam ward number 31 Shankar Poorva II Parshad Anita Pal 

Lucknow Nagar Nigam Ward No.31 Shankar Poorva II Parshad: बड़ी से बड़ी योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए नगर निकाय चुनाव में चुने गए पार्षदों का अहम रोल होता है। नगर निकाय चुनाव को लगभग 5 साल हो गए है। पार्षदों द्वारा अपने क्षेत्र में क्या विकास कार्य किया गया? स्वच्छता के लिए क्या कदम उठाए गए? उनका राजनीतिक अनुभव कैसा रहा? उनके राजनीतिक प्रेरणा कौन हैं? जैसे तमाम विषयों पर बात करने के क्रम में Newstrack की टीम शंकरपूर्वा द्वितीय वार्ड में पहुंची जहां के पार्षद अनिता पाल से हमारे रिपोर्टर ने बातचीत की। बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार हैं-

प्रश्न- आपके मन में राजनीति में आने का पहला विचार कब आया?

उत्तर- गांव में छोटी-छोटी समस्याओं के लिए लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती थी । पार्षद यहां के लोगों की अर्जी नहीं सुनते थे। तो उस समय क्षेत्र में पानी की समस्या से निपटने के लिए बदलू दादा के नेतृत्व में हम लोगों ने मिलकर एक समिति बनाई ।समिति के माध्यम से लोगों से चंदा लेकर एक ट्यूबवेल बनवाया गया और घर-घर पानी सप्लाई के लिए लाइनें बिछाई गई। लेकिन बदलू दादा की मृत्यु के बाद समिति का दुरुपयोग होने लगा । जिसके लिए चुनाव की आवाज उठी और लोगों ने हमें अध्यक्ष बनाने का फैसला किया और इसी तरह हमारी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत हुई।

प्रश्न- राजनीति में आने के बाद मुख्य रूप से किन किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?

उत्तर- 10 सालों में कोई राजनीति कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ा था। चाहे वह सपा हो या बसपा सभी ने सपोर्ट किया। हम लोगों ने भी खूब काम किए। लेकिन इधर 5 सालों से अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रोड जर्जर हैं। नाले टूट गए हैं। लेकिन हम मजबूर हैं फंड नहीं मिल रहा है बनवाने के लिए।

प्रश्न- आप के प्रेरणा स्रोत कौन रहे हैं?

उत्तर- पूर्व विधायक राजेंद्र यादव हमारे प्रेरणा स्रोत रहे हैं

प्रश्न- जिन कार्यों के लिए आप राजनीति में आए क्या वह कार्य आप कर पा रहे हैं?

उत्तर- लगभग लगभग वह सभी कार्य जो हम सोच के राजनीति में आए थे पूर्ण कर लिए हैं। जो थोड़े बहुत बचे हैं इसके लिए मैंने जनता से निवेदन किया है कि यह मेरा आखरी पार्षद का चुनाव है। 5 साल का एक और मौका दें जिससे हम बचे हुए कार्य को अच्छे से कर सकें। इसके बाद हम उच्च चुनाव की तैयारी करेंगे।

प्रश्न- अभी तक आपने अपने वार्ड में क्या-क्या कार्य करवाएं हैं?

उत्तर- जब मैं पार्षद बनकर आयी। उस समय इस क्षेत्र में ढाई रोड के अलावा कोई रोड नहीं थी। यहां पर जितने भी रोड हैं हमने बनवाई हैं। पावर हाउस का निर्माण कराया। पानी की टंकी का निर्माण कराया। सीवर लाइन लगवाए। 7-8 ट्यूबवेल लगवाए। पार्कों को कब्जा मुक्त करवाया।

प्रश्न- वार्ड को स्वच्छ रखने के लिए अभी तक आपने क्या कार्य किए?

उत्तर- स्वच्छ कॉलोनी के लिए आवश्यक है कि वहां पर जल निकासी की उचित व्यवस्था हो, सड़कें अच्छी हो, पेयजल की व्यवस्था हो, बिजली की व्यवस्था हो, लेकिन जब से प्राइवेटाइजेशन हुआ है, तब से कोई भी कार्य सही से नहीं हो पा रहा है। हमने अपने वार्ड में स्वच्छता के लिए सीवर लाइन डलवाई और लोगों को जागरूक किया। शौचालयों का निर्माण करवाया अब हमारे वार्ड में कोई भी खुले में शौच नहीं करता है।

प्रश्न- एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के साथ तालमेल कितना जरूरी है और आप इसके लिए क्या करती हैं?

उत्तर- मैं जनता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहती हूँ । रही बात तालमेल की तो सबके पास हमारा नंबर है । अगर रात के 12:00 बजे भी फोन आता है तो मैं समस्या का समाधान करने के लिए उचित कार्यवाही करता हूं। और हमें अच्छा भी लगता है।

प्रश्न- पार्षद पद पर रहकर कार्य करते हुए आप संतुष्ट हैं या किसी अन्य पद के लिए भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं?

उत्तर- पार्षद का यह मेरा आखरी चुनाव होगा इसके बाद अगर पार्टी द्वारा हमें किसी अन्य पद के लिए टिकट दिया जाएगा तो अवश्य चुनाव लड़ूंगीं।

प्रश्न- वर्तमान राजनीति से आप कितना संतुष्ट हैं?

उत्तर- वर्तमान राजनीति से हम संतुष्ट नहीं हैं प्रशासन के अधिकारी पार्षदों की बात नहीं सुनते हैं उनके साथ चपरासियों जैसा व्यवहार किया जाता है।

प्रश्न- आपके हिसाब से राजनीति में कैसा बदलाव होना चाहिए?

उत्तर- अभी हम लोग बहुत छोटे पद पर हैं इसलिए इस विषय पर बात करना अभी उचित नहीं होगा।

प्रश्न- महिलाओं का राजनीति में आना आपके हिसाब से कितना उचित है?

उत्तर- हमारे हिसाब से महिलाओं को राजनीति में आना चाहिए वार्ड की बहुत सी महिलाओं की समस्याएं होती हैं जो वह पुरुष पार्षदों से नहीं कह पाती हैं।वह महिला पार्षदों के साथ अधिक स्पष्टता के साथ अपनी बात को रख पाती हैं।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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