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Lucknow Nagar Nigam Ward No.5: लखनऊ नगर निगम के वार्ड 05 इब्राहिमपुर प्रथम के पार्षद सुधीर कुमार राजपाल, मैं सेवा करता हूँ, राजनीति नहीं
Lucknow Nagar Nigam Ward No.5 Ibrahimpur 1st Parshad: मेरा मुख्य उद्देश्य था एक मोहल्ले को दूसरे मोहल्ले से जोड़ना । उसमें मैं कामयाब रहा
Lucknow Nagar Nigam Ward No.5 Ibrahimpur 1st Parshad: लोकतंत्र विकेंद्रीकरण का आधार नगर निकायों के चुनाव को लगभग 5 साल हो गए हैं। इन 5 सालों में पार्षदों द्वारा अपने क्षेत्र में क्या विकास कार्य किया गया? अपने क्षेत्र को स्वच्छ रखने के लिए क्या प्रमुख कार्य किए गए? राजनीतिक अनुभव कैसा रहा? इन तमाम विषयों पर बात करने के लिए Newstrack की टीम आज इब्राहिमपुर प्रथम वार्ड में गई। जहां के पार्षद सुधीर राजपाल से हमारे रिपोर्टर ने बातचीत की। प्रस्तुत है कुछ अंश-
प्रश्न- आपके मन में राजनीति में आने का पहला विचार कब आया?
उत्तर- हमारे राजनीतिक कैरियर की शुरुआत लगभग 29 साल पहले हुई थी। मैं सुरेश चंद्र तिवारी का प्रिय छात्रा रहा। उन्हीं के छत्रछाया में रहते हुए अनुसूचित मोर्चा, युवा मोर्चा में छोटे-छोटे पदों पर कार्य करते हुए राजनीतिक कैरियर की शुरुआत हुई। आज पार्षद के साथ-साथ जिला योजना समिति लखनऊ का भी सदस्य हूँ। इसके अलावा करीब 25 सामाजिक संगठनों से भी जुड़ा हूं।
प्रश्न- राजनीति में आने के बाद किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर- उस समय भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ढूंढने से भी नहीं मिलते थे। यदि भाजपा का झंडा घर पर लगा लेते थे तो 10 लोग विरोध करने के लिए खड़े हो जाते थे। उन परिस्थितियों में भी लोगों को भाजपा का सदस्य बनाया। संगठन द्वारा सौंपे गए तमाम बड़े कामों को करते हुए लोगों को पार्टी की विचारधारा से अवगत कराया और जोड़ा। जो कि उस आसान नहीं था।
प्रश्न- आपका प्रेरणा स्रोत कौन है, जिनको देखकर आप ने भी राजनीति में आने का मन बनाया?
उत्तर- पहले तो सुरेश तिवारी जी थे। दूसरे अंत्योदय की भावना। सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ गरीबों को सुचारू रूप से मिले इसके लिए लगातार प्रयत्न करता रहा। यही मेरी प्रेरणा भी रहा। इसे चाहे आप समाज सेवा समझ लें या राजनीत।
प्रश्न- जिस कार्य के लिए आप राजनीति में आए थे क्या वह काम कर पा रहे हैं?
उत्तर- जी बिल्कुल उन सभी कार्यों को कर पा रहे हैं जो हमने सोचे थे।
प्रश्न- अभी तक आपने अपने वार्ड में कौन-कौन से कार्य किए हैं?
उत्तर- मेरा मुख्य उद्देश्य था एक मोहल्ले को दूसरे मोहल्ले से जोड़ना । क्योंकि जब तक कनेक्टिविटी नहीं होती है विकास संभव नहीं हो पाता है। उसमें मैं कामयाब रहा। दूसरा निम्न वर्गों के रहन-सहन में सुधार के लिए कार्य किया। मैंने मेन रोड पर टंकी पर नाम लिखवाने के लिए कार्य नहीं किया मैंने वह कार्य किया जिससे लोगों को उसका लाभ मिले।
प्रश्न- अभी तक आपने जो भी काम किए हैं, उससे संतुष्ट हैं, कि अभी कुछ आगे और मलाल रह गया है कि यह कार्य और करना बाकी है?
उत्तर- कोरोनाकाल आने के कारण वह सारे कार्य तो नहीं कर पाए लेकिन लगभग 80 फ़ीसदी कार्य हमने कर दिया है। अभी इस कार्यकाल के 18 फाइलें हमारे पास हैं ।अगर वह सारे हो जाते हैं तो लगभग लगभग सभी काम संपन्न हो जाएंगे।
प्रश्न- स्वच्छता मिशन इस समय जोर शोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा है, आपने अपने वार्ड को स्वच्छ रखने के लिए क्या प्रमुख कार्य किए हैं?
उत्तर- पहले जो जगह-जगह कूड़े खुले में ऐसे रख दिए जाते थे, अब कूड़े डायरेक्ट नगर निगम के गाड़ियों में डाले जाते हैं । यह स्वच्छता के लिए एक बड़ा कदम है। इसके अलावा हमने लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक भी किया है।
प्रश्न- जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के साथ तालमेल के लिए आप क्या करते हैं?
उत्तर- मेरा कार्यालय सुबह 9:30 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है। मैंने अपने ऑफिस में पेड कर्मचारी रखे हैं । जो यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी व्यक्ति बिना काम कराये वापस न जाए। इसके अलावा एक दो जगह और कार्यालय है जहां पर थोड़ा थोड़ा समय देता हूं और लोगों से मिलता हूं।
प्रश्न- पार्षद पद पर रहते हुए आप जो कार्य करना चाहते हैं कर पा रहे हैं या किसी अन्य पद के लिए भी चुनाव लड़ने की सोच रहे हैं?
उत्तर- पार्षद रहते हुए जो कार्य करना था वह कार्य कर पा रहा हूं। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी पार्टी है जिसमें काम ही काम होता है। मैंने अपना पूरा जीवन सेवा कार्य में लगा दिया और आगे भी पार्टी में रहते हुए अन्य पदों के लिए चुनाव लड़ूंगा।
प्रश्न- कुछ पार्षदों का कहना है कि विपक्षी पार्टियों के पार्षदों के साथ शासन द्वारा सौतेला व्यवहार किया जाता है। उनके बजट में कटौती की जाती है । इस पर आपका क्या विचार है?
उत्तर- ऐसी कोई बात नहीं है क्योंकि जो निधि आती है वह सारे पार्षदों के लिए आती है। जो भी नीति आती हैं सभी पार्षदों के लिए समान आती हैं । किसी पार्षद के लिए विशेष तौर पर नहीं लाई जाती हैं।
प्रश्न- वर्तमान राजनीति से आप कितना संतुष्ट हैं?
उत्तर- वर्तमान राजनीति से हम पूरी तरह संतुष्ट हैं । संगठन पर पूरा विश्वास है और हर एक को करना चाहिए। पार्षद की राजनीति पहले से अच्छी हो गयी है। क्योंकि पहले भारतीय जनता पार्टी में बड़े आसानी से पद मिल जाते थे । लेकिन वर्तमान में कोई भी व्यक्ति जिस पद के लिए दावा करता है उसके लिए संगठन पहले सर्वे करता है। वहां की जनता से पूछता है। अगर अच्छी छवि है उसके पश्चात टिकट दिया जाता है। अब फर्जी लोग नहीं आ पाते हैं राजनीति में जो समाज सेवक हैं वही आ सकते हैं।
प्रश्न- समाज सेवा और राजनीति में क्या अंतर होता है। क्योंकि लोग समाज सेवा करते-करते राजनीति में आ जाते हैं और राजनीतिक करते हुए अपने आपको समाजसेवी भी कहते हैं?
उत्तर- दोनों में बहुत अंतर है । राजनीति कहीं ना कहीं अपने लिए की जाती है। जबकि समाज सेवा जनता के लिए की जाती है। राजनीति में भी आकर सेवा कार्य किया जा सकता है बशर्ते की दोनों में सामंजस्य बैठा सकें।
प्रश्न- वर्तमान राजनीति में यदि आप को मौका मिले तो क्या सुधार करना चाहेंगे?
उत्तर- भारतीय जनता पार्टी की नीतियां इतनी अच्छी हैं, सोची-समझी हैं कि उसमें अपना सुझाव देना चांद को दिया दिखाने जैसा है।