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हसनगंज टार्चर: आयोग ने DGP से मांगा जवाब, पुलिसवालों ने ड्राइवर से की थी मारपीट
आयोग ने डीजीपी को भेजे अपने आदेश में कहा है कि यह शिकायत एक कर्मी को पैसे नहीं देने तथा पुलिस की सहायता से उसे थर्ड डिग्री टार्चर करने से सम्बंधित है।
लखनऊ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ड्राइवर को थर्ड डिग्री उत्पीड़न मामले में डीजीपी से जवाब मांगा है। इसके लिए आयोग ने डीजीपी को चार हफ्ते का वक्त दिया है। बता दें कि यह मामला साल 2018 का है, जब पुलिसवालों ने ड्राईवर ओमजी के साथ मारपीट की थी।
क्या है मामला
आपको बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा ड्राइवर ओमजी रस्तोगी को लखनऊ के थाना हसनगंज में दिए गए थर्ड डिग्री उत्पीड़न की शिकायत के संबंध में डीजीपी, उत्तर प्रदेश से 4 सप्ताह में जवाब माँगा है। नूतन के मुताबिक, ओमजी रस्तोगी डॉ. अंकुर सिंह के यहाँ ड्राईवर का काम करता था। इस काम के लिए पैसे नहीं दिए जाते थे। वहीं 22 अगस्त 2018 की रात में पुलिसवालों ने उसे बुलाकर बुरी तरह पीटा था, साथ ही फर्जी कट्टा दिखाते हुए चालान काटने की धमकी दी। दुबारा 10 फ़रवरी 2021 को पट्टा और डंडों से बेरहमी से मारे जाने के सम्बन्ध में शिकायत की थी।
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डीजीपी को भेजा गया आदेश
आयोग ने डीजीपी को भेजे अपने आदेश में कहा है कि यह शिकायत एक कर्मी को पैसे नहीं देने तथा पुलिस की सहायता से उसे थर्ड डिग्री टार्चर करने से सम्बंधित है। अतः डीजीपी इस सम्बन्ध में कृत कार्यवाही से 4 सप्ताह में आयोग को अवगत कराएं। आयोग ने डीजीपी को यह भी अवगत कराने को कहा कि क्या इस मामले में उन्हें राज्य मानवाधिकार आयोग से भी कोई नोटिस प्राप्त हुआ है। साथ ही राष्ट्रीय आयोग ने राज्य मानवाधिकार आयोग को भी इस प्रकरण में शिकायत प्राप्त होने तथा उसका संज्ञान लेने के सम्बन्ध में 4 सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया है।
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