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Lucknow News: एके शर्मा ने कहा- कोरोना से बचाव में वैक्सीन सुरक्षा कवच का काम करेगी
Lucknow News: एके शर्मा ने कोरोना से बचने के लिए सरकार और चिकित्सकों द्वारा दी जा रही सलाह पर ध्यान देने की बात कही।
Lucknow News: कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर या नवम्बर में संभावित है, यह वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की राय है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि यह कितनी कमजोर या भयावह होगी। इसलिये अभी से उसकी तैयारी की जाए, खासकर बच्चों को दैनिक क्रियाओं में योग व व्यायाम को शामिल करने, मास्क पहनने, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने और जंक फूड से दूर रहने की सीख दी जाए। यह बातें विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ आईएएस प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव एवं विधान परिषद सदस्य एके शर्मा ने मंगलवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित 'बच्चे हैं अनमोल' कार्यक्रम में कहीं। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।
विशिष्ट वक्ता पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा ने कोरोना से बचने के लिए सरकार और चिकित्सकों द्वारा दी जा रही सलाह पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें अपनी दिनचर्या में मास्क, सोशल डिस्टेसिंग को अनिवार्य बना लेना चाहिए। कोरोना से बचाव में वैक्सीन सुरक्षा कवच का काम करेगी। अभिभावकों को वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए ताकि वह आने वाली चुनौतियों से लड़ सकें और अपने बच्चों को भी सुरक्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि हमें पहली और दूसरी लहर से सीख लेते हुए तीसरी लहर के आने से पहले ही तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए, चाहे वह सरकारी तंत्र हो या स्वास्थ्य व्यवस्था। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए हमें स्वास्थ्यकर्मी ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति को प्रशिक्षण देने की जरूरत है। उन्होंने विद्या भारती की ओर से चलाए जा रहे अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि हम हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं और इस अभियान को जन अभियान बनाने की जरूरत है, तभी हम इस महामारी से मुक्ति पा सकते हैं।
मुख्य वक्ता केजीएमयू के पूर्व कुलपति एवं आरोग्य भारती अवध प्रांत के अध्यक्ष डॉ एमएलबी भट्ट ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में हुई गलतियों से सबक लेते हुए तीसरी लहर से पहले हमें तैयार रहना चाहिए। उन्होंने सभी वयस्कों से वैक्सीन लगवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में 12 फीसदी बच्चे प्रभावित हुए। बच्चों में किसी प्रकार का लक्षण नहीं दिखता है, ऐसे में कोई ध्यान नहीं देता है। बच्चे कोरोना के बाहक बन सकते हैं और परिजनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। कुपोषण, मोटापा, डाइबटीज, किडनी या कैंसर से ग्रसित बच्चों का विशेष बचाव करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि म्यूटेशन से संक्रमण के प्रसार की क्षमता बढ़ जाती है। डबल म्यूटेंट वैरिएंट की वजह से हमारे देश में बीमारी ज्यादा बढ़ी है। डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट ज्यादा खतरनाक है, इसलिए बचाव ही सुरक्षा है। मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेन्स रखें और हाथ को बार-बार धुलें। उन्होंने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग, व्यायाम करें और स्वस्थ भोजन लें। उन्होंने कहा कि अगर संक्रमण के कोई लक्षण दिखें तो पर्याप्त नींद ले, पर्याप्त आराम करें, ताजा और सुपाच्य भोजन करें। डर, चिंता और तनाव को करीब न आने दें, ये संक्रमण से लड़ने में हमारी मदद करेगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती के काशी प्रांत के संगठन मंत्री डॉ. राम मनोहर ने कहा कि शिक्षकों और अभिभावकों को सुझाव देते हुए कहा कि बच्चों को तनाव और नकारात्मकता से मुक्त वातावरण दें। बच्चों का मनोबल हमेशा बढ़ाते रहें। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार तो अपनी तैयारी कर ही रही है, लेकिन समाज की भी ज़िम्मेदारी बनती है कि वह अपनी तैयारी रखे। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना से घबराने की आवश्यकता नहीं है निर्भीक और सबल बनें। अपनी इम्यूनिटी को और मजबूत बनाएं।
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