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Lucknow News: आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में बोले कर्नल भरत सिंह, देश को आगे बढ़ाने के लिए अनुशासन सबसे जरूरी
Lucknow News: आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 15वें अंक में कर्नल भरत सिंह ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए अनुशासन सबसे जरूरी है। राष्ट्रहित सर्वोपरि को ध्यान में रखकर अनुशासन के साथ समाज को जागरूक करने का कार्य करें।
Lucknow News: देश को आगे बढ़ाने के लिए अनुशासन सबसे जरूरी है। राष्ट्रहित सर्वोपरि को ध्यान में रखकर अनुशासन के साथ समाज को जागरूक करने का कार्य करें। हमें वैमनस्यता और भेदभाव की भावना को खत्म करना होगा, तभी हमारा देश और समाज आगे बढ़ सकता है। हमारे देश की युवा पीढ़ी को बलिदानियों और शूरवीरों की शौर्यगाथाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो ऐसे कार्यक्रमों से ही मिलती है।
उक्त उद्गार मुख्य अतिथि कर्नल भरत सिंह (Col. Bharat Singh) ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 15वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।
सैन्य सेवाओं में अनुशासन और देश के प्रति जुनून देखने को मिलता है: कर्नल
मुख्य अतिथि कर्नल भरत सिंह (Col. Bharat Singh) ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए युवा पीढ़ी को सैन्य सेवाओं में जाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सैन्य सेवाओं में अनुशासन और देश के प्रति जुनून देखने को मिलता है। ऐसे में ही प्रत्येक क्षेत्र में हमें अनुशासन और जुनून के साथ कार्य करना चाहिए, जिससे हमारे देश को मजबूती मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करना और उन्हें शिक्षित बनाना हमारा कर्तव्य होना चाहिए। हमारे देश में जब सभी शिक्षित और जागरूक होंगे तभी हमारा देश आगे बढ़ सकेगा।
युवा पीढ़ी को अमृत महोत्सव जैसे कार्यक्रमों से जोड़ने की आवश्यकता
विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अशोक श्रोती (Regional Director Dr. Ashok Shroti) ने कहा कि युवा पीढ़ी को अमृत महोत्सव जैसे कार्यक्रमों से जोड़ने की आवश्यकता है, क्योंकि आज का युवा ही देश में परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में विचार परिवर्तन की आवश्यकता है, अभी तक जो विचार देश के युवाओं को दिया गया, वह लोक कल्याण के लिए श्रेष्ठ नहीं था। उन्होंने कहा कि देश सेवा के लिए कोई भी क्षेत्र चुनें, लेकिन हमारे लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।
सैन्य क्षेत्र में 14 प्रकार के सम्मान वीर सपूतों को दिए जाते है: ब्रिगेडियर रवि
मुख्य वक्ता सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, उत्तर प्रदेश के निदेशक ब्रिगेडियर रवि (Brigadier Ravi) ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि हमारे में देश मे अनेक प्रकार के सम्मान दिए जाते हैं, जिसमें देश के लिए लड़ने और बलिदान देने वाले वीरों को भी सम्मानित किया जाता है। उन्होंने कहा कि सैन्य क्षेत्र में 14 प्रकार के सम्मान वीर सपूतों को दिए जाते हैं। हमें गर्व होना चाहिए कि सिर्फ उत्तर प्रदेश के वीरों को 1653 सम्मान मिले हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई वीर सपूतों को मरणोपरांत भी सम्मानित किया गया, जो हमें ये बताता है कि देश के लिए सर्वस्व बलिदान करने वाले हमारे असली नायक आज भी हमारे दिल में जिंदा हैं। उन्होंने कहा कि जिन वीर सपूतों ने हमारे देश के लिए प्राण दिये, अपना जीवन समर्पित कर दिया, उनकी वीर गाथा देश के प्रत्येक नागरिक और छात्र के पास पहुंचे, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हम इस वर्ष को आज़ादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो युवा अपने जीवन में देश के लिए कुछ करने की लालसा रखते हैं और जिनमें कुछ कर गुजरने की चाह है, ऐसे लोगों को सैन्य सेवाओं में जरूर जाना चाहिए।
युवाओं को सही दिशा देने की आवश्यकता: क्षेत्रीय संगठन मंत्री
कार्यक्रम अध्यक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, पूर्वी उत्तर प्रदेश (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad Eastern Uttar Pradesh) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम शाही (Regional Organization Minister Ghanshyam Shahi) ने कहा कि युवा को उलटकर लिखें तो वायु होता है, इसलिए युवाओं के वेग को कोई नहीं रोक सकता है, लेकिन उनको सही दिशा देने की आवश्यकता होती है। अगर युवाओं को सही दिशा मिला जाए तो वह एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में जब जागरूक नागरिक होंगे, तभी हमारा राष्ट्र सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि आप किसी क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो आपके अंदर उसे पाने के लिए लालसा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा बहुत जरूरी है, जो आपको सही और गलत का बोध कराती है। उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि एकल अभियान के अखिल भारतीय महामंत्री माधवेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रखी। विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर ने अतिथियों का परिचय भी कराया। इतिहास संकलन समिति, अवध प्रांत की सदस्य डॉ. दीप्ति जायसवाल ने सभी अतिथियों को आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया।
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