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Lucknow News: चौराहों से हटाया तो गली-नुक्कड़ में बनाया बसेरा, इस तरह डग्गामार वाहन तक पहुंच रही सवारी

Lucknow News: सख्ती के बाद अब डग्गामार बसों ने अपना अड्डा गली-नुक्कड़ पर बना लिया, जहां वो सवारियों को बेधड़क बैठा कर अपने गंतव्य स्थान तक बे-रोक-टोक भेज रहे हैं।

Shiva Sharma
Published on: 28 May 2022 12:54 PM GMT
Lucknow News: चौराहों से हटाया तो गली-नुक्कड़ में बनाया बसेरा, इस तरह डग्गामार वाहन तक पहुंच रही सवारी
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डग्गामार वाहन (फोटो- न्यूजट्रैक)

Lucknow News Today: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सख्ती के बावजूद भी डग्गामार वाहनों (Daggamar Vahan) के रुकने का नाम नहीं है। राजधानी लखनऊ (Lucknow) के कई अलग-अलग इलाको में अवैध डग्गामार बसों (Duggar Buses) पर शासन की सख्ती के बाद कार्यवाई हुई तो उन्होंने अपना अड्डा गली-नुक्कड़ पर बना लिया, जहां वो सवारियों को बेधड़क बैठा कर अपने गंतव्य स्थान तक बे-रोक-टोक भेज रहे हैं।

पुलिस अफसरों की मानें तो बार वो कहते हैं कि हमने डग्गामार बसों पर लगाम लगाई है और कड़ी कार्यवाई के साथ हम उसे शून्य के आकड़े तक लाएंगे लेकिन लोकल स्तर पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं और होना लाज़मी है क्योंकि अफसरों ने कार्यवाई का पूरा ज़िम्मा लोकल पुलिस को ही सौंप रखा है।

(फोटो- न्यूजट्रैक)

सवारियों के "पिक एन ड्राप" का नया रास्ता

पहले डग्गामार वाहन चाहे वो ट्रैवलर, बस या फिर सूमो हो सभी लोग चौराहे या तिराहे पर खड़ा कर सवारियां ढोते थे लेकिन अफसरों के फरमान के बाद वो लोग गली-नुक्कड़ में अपना वाहन खड़ा कर अपना धंधा बखूबी चला रहा है। बाकायदा इन्हें इसकी रकम भी अदा करनी पड़ती है। गली नुक्कड़ में तो सवारियां पहुंचना मुश्किल है ऐसे में बस संचालको ने ई-रिक्शा और ऑटो को सेट कर चौराहे वा तिराहे की सवारियां मंगवाते हैं जिसके बदले में उन्हें ज़्यादा पैसा भी मिलता है।

सूत्रों की मानें तो इई-रिक्शा व ऑटो चालक सवारियों के पास जाकर पूछते हैं कि उन्हें कहा जाना है, अगर वो पूर्वांचल की ओर जाने की बात कहते हैं तो उन्हें बस तक पहुंचाने का दावा करते हुए गली-नुक्कड़ में खड़ी बस तक पहुंचा देते हैं, जहां बस चालक द्वारा उन्हें सवारियों का पैसा मिल जाता है।

एक फ़ोन कॉल पर चलता है यह खेल

बस ड्राइवर व कंडक्टर ई-रिक्शा चालक के संपर्क में रहते हैं और दिन भर बसों की सेवा की बात कहते हैं, ऐसे में ई-रिक्शा चालक कम दूरी में सवारियों को ढोने का ठेका स्वीकार कर लेता है जिसके बाद चौराहों या तिहारे से जैसे ही सवारी मिल कर ई-रिक्शा फुल होने लगता है वैसे ही बस संचालक को कॉल कर इसकी जानकारी दे दी जाती है कि वो 5-6 सवारी ला रहा है।

कई इलाको में खड़े होते हैं वाहन

पोलीटेक्निक व कामता चौराहे से बड़े स्टैंड पर कार्यवाई होने के बाद स्टैंड संचालकों ने इंदिरानगर, विभूतिखंड, बीबीडी वं मल्हौर जैसे अलग-अलग इलाकों में अपना डेरा जमा रखा है। ऐसे में ये डग्गामार वाहन यहां से संचालित होते हैं और फिर यहां से सवारियां भरकर अपने-अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचते हैं, मगर इनको यहां पर कोई रोकने वाल नहीं है।

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Shreya

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