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Lucknow: ब्रजेश पाठक की बात निकली सही, 500 डॉक्टरों के गलत तरीके से हुए ट्रांसफर
Lucknow: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जब से चिट्ठी लिखकर तबादलों में गड़बड़ी की बात कही थी और इस सम्बंध में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से जवाब मांगा था,
Lucknow: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने जब से चिट्ठी लिखकर तबादलों में गड़बड़ी की बात कही थी और इस सम्बंध में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद (Additional Chief Secretary Amit Mohan Prasad) से जवाब मांगा था, तभी से स्वास्थ्य विभाग (health Department) के आला अधिकारियों में ख़ौफ़ पैदा हो गया था। जिसके बाद, कमेटी गठित कर जांच करने के आदेश दिए गए थे। जिसका असर यह हुआ कि स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों में बड़ा खेल उजागर हुआ। जांच में यह बात निकलकर सामने आई कि लगभग 500 से ज्यादा डॉक्टरों के तबादले गलत तरीके से की गई। वहीं, सीएमओ और सीएमएस के ट्रांसफर में भी गड़बड़ी मिली है।
तत्कालीन डीजी हेल्थ वेदव्रत सिंह ने किया मनमाना खेल
तबादला कांड के बाद 30 जून को रिटायर हुए तत्कालीन डीजी हेल्थ वेदव्रत सिंह (Former DG Health Vedvrat Singh) का नाम इस मामले में सामने आ रहा है। सभी सवाल उन्हीं पर खड़े हो रहे हैं। क्योंकि, जांच कमेटी ने तबादलों में स्कैंडल पर मुहर लगा दी है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग (health Department) के निदेशक प्रशासन ने नोटिस भी जारी कर दी है। दूसरी ओर, इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा जिसके ऊपर तलवारें लटक रही हैं, उसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद का नाम है।
ब्रजेश पाठक ने पत्र लिखकर मांगा जवाब
ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद (Additional Chief Secretary Amit Mohan Prasad को एक पत्र लिख सवाल उठाते हुए पूछा था कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण किए गये हैं, उनमें स्थानांतरण नीति का पूर्णतः पालन नहीं किया गया है। अतः जिन-जिन का स्थानांतरण किया गया है उनके स्थानांतरण किए जाने का कारण स्पष्ट करते हुए उनका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जायें।
लखनऊ के बड़े अस्पतालों से विशेषज्ञों को हटाया गया
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Health Minister Brajesh Pathak) ने यह भी कहा था लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में स्थित बड़े अस्पतालों, जहाँ विशेषज्ञ डाक्टरों की अत्यन्त आवश्यकता है, से बड़ी संख्या में डाक्टरों को हटा तो दिया गया है। लेकिन उनके स्थान पर प्रतिस्थानी की नियुक्तियां नहीं की गयी हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ प्रदेश की राजधानी है, यहाँ वैसे भी विशेषज्ञ डाक्टरों की पहले से ही कमी है तथा प्रदेश के हर जनपद से गम्भीर मरीजों को लखनऊ के लिए रेफर करके भेजा जाता है, ताकि उनका समुचित इलाज सम्भव हो सके, ऐसे में इतने महत्वपूर्ण व बड़े अस्पतालों तथा अन्य जनपदों के बड़े अस्पतालों से इतनी बड़ी संख्या में डाक्टरों का स्थानातरण कर देने व उनके स्थान पर किसी को तैनात न करने के फलस्वरूप चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या किया जा रहा है, पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाये।