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Lucknow Hotel Levana: हाईकोर्ट ने LDA वीसी को किया तलब, पूछा- कैसे बन जाते हैं ऐसे भवन?

Lucknow Hotel Levana: अदालत ने सख़्त रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों व ओहदेदार जिम्मेदारो से अपेक्षा की है कि भविष्य में इस प्रकार की घटना फिर न हो।

Shashwat Mishra
Published on: 9 Sep 2022 5:58 AM GMT
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होटल लेवाना, लखनऊ : Photo- Newstrack

Lucknow Hotel Levana: हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने हाल ही में राजधानी के होटल लेवाना में हुए भीषण अग्निकांड मामले का स्वयं संज्ञान लेकर एलडीए के वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी को 22 सितंबर को सभी ब्यौरे के साथ तलब किया है। अदालत ने उनको हलफनामे पर शहर के उन सभी भवनों, व्यवसायिक जगहों, अस्पतालों का ब्यौरा पेश करने का आदेश दिया, जो भवन अग्नि व अन्य सुरक्षा परमिट के बगैर चल रहे है। यह भी पूछा है कि इनके परमिट सही है या फिर गैर कानूनी ढंग से प्राप्त कर लिए गए हैं।

दोषी अफसर के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई?

अदालत ने सख़्त रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों व ओहदेदार जिम्मेदारो से अपेक्षा की है कि भविष्य में इस प्रकार की घटना फिर न हो। अदालत ने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि इतने पाश इलाको में बिना मैप, व एनओसी के सुरक्षा मानकों को धता बताते हुए ऐसे व्यवसायिक भवन कैसे बन जाते है? साथ ही, ऐसे भवनों के भू उपयोग (लैडयूज) की जानकारी भी कोर्ट ने तलब की है। कोर्ट ने पूछा है कि ऐसे मामलों में अगर कोई अफसर दोषी पाया गया हो तो उसके खिलाफ अबतक क्या कार्रवाई की गई? साथ ही, कोर्ट ने चीफ फायर अफसर से भवनों, अस्पतालों, व्यावसायिक जगहों में अग्निशमन सुरक्षा उपायों का ब्यौरा हलफनामे पर तलब किया।

स्वीकृति नक्शे के तहत अनापत्ति दी गई?

यह भी पूछा है कि ऐसे भवनों में अग्निशमन को लेकर कितने गलत अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किए गए। साथ ही, पूछा है कि क्या स्वीकृत नक्शे के तहत अनापत्ति दी गई। कोर्ट ने मामले में सहयोग के लिए दो स्थानीय अधिवक्ताओं को बतौर न्यायमित्र नियुक्त कर घटना की रिपोर्टिंग करने वाले प्रमुख अखवारों व टीवी चैनलों को खबरों की सामग्री पेश करने का आदेश दिया है।

22 सितंबर को पेश होना होगा

न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति वृजराज सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश "इंसिडेंट्स ऑफ फायर एट लेवाना सूट्स होटल" शीर्षक से दर्ज कराई गई पीआईएल पर दिया। कोर्ट ने याचिका में राज्य सरकार को जरिए एसीएस होम और एलडीए को जरिए वीसी पक्षकार बनाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न होना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। अदालत ने इस आदेश के साथ मामले को अगली सुनवाई के लिए 22 सितंबर को समुचित बेंच के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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