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Conversion Case: वरिष्ठ IAS इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ SIT ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंपा, धर्मान्तरण के 90 वीडियो और मिले
Lucknow News: कानपुर के तत्कालीन कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ एसआइटी की जांच रिपोर्ट शासन को सौंपे जाने के बाद भी धर्मान्तरण के 90 वीडियो और मिले हैं, अब उनके खिलाफ वीडियो मिलने की संख्या 150 पहुंच गई है।
Lucknow News: कानपुर (Kanpur) के तत्कालीन कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन (iftikharuddin), वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सड़क परिवहन निगम (Road Transport Corporation of Uttar Pradesh) के चेयरमैन पद पर लखनऊ में तैनात हैं। एसआइटी (SIT) ने गत 20 अक्टूबर को उनके खिलाफ अपनी जांच पूरी कर शासन को सौंप दी है। जब एसआइटी की टीम (SIT team) ने शासन को उनके खिलाफ धर्मान्तरण (Conversion Case) के लिए लोगों के उकसाने की जांच सौंपी थी तब एसआइटी टीम के पास उनके खिलाफ प्रमाण के रूप में 60 वीडियो थे लेकिन अब इन वीडियो की संख्या बढ़कर 150 हो गई हैं।
शासन के इस वरिष्ठ आईएस ने अपने कानपुर कमिश्नर काल के पद पर रहते हुए सरकारी आवास पर धर्मान्तरण के लिये तकरीर देने के यह अन्य 90 वीडियो कानपुर की समाजसेवी संस्थाओं (Charitable Organizations Of Kanpur) ने लखनऊ आकर ये वीडियो एसआइटी को मुहैया करवाये हैं।
अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते थे वरिष्ठ आईएस
बाद में कानपुर (Kanpur news) से ही प्राप्त हुए इन 90 वीडियो में भी शासन का यह वरिष्ठ आईएएस (senior IAS) कानपुर में तत्कालीन कमिश्नर रहते हुए अपने सरकारी आवास में मौलवियों व अन्य लोगों के समक्ष इस्लाम धर्म अपनाने की खुद ही तकरीर दे रहा है। कानपुर के लोगों समाजसेवियों द्वारा मिले इन अन्य 90 वीडियो को भी एसआइटी ने सरकार तक पहुंचा दिए हैं। अब अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अपने ही सरकारी आवास को एक मदरसा का स्वरूप देने वाले इस वरिष्ठ आईएस के खिलाफ पुख्ता प्रमाण समेत मिलने वाले वीडियो की संख्या 150 के आसपास हो गयी है।
अपनी जांच के दौरान एसआइटी को मिले वीडियो के माध्यम से जो 63 कट्टपंथियों को चिन्हित किया गया था अब ये फिर मिले 90 वीडियो में कुछ अलग शक्ल व सूरत के कट्टरपंथी दिखाई दे रहे हैं जिनकी पहचान अब एसआइटी की टीम अब फिर से कर रही है। ये जानने का प्रयास कर रही है कि इन वीडियो में दिखाई देने वाले लोग कही पाकिस्तान समेत अन्य देशों के नागरिक तो नहीं हैं।
जांच में हम आगे भी मदद करेंगे- समाजसेवी भूपेश अवस्थी
कानपुर के समाजसेवी भूपेश अवस्थी (Kanpur social worker Bhupesh Awasthi) ने कहा है कि हम सभी कानपुर के लोगों ने एसआइटी की इस जांच में जितनी मदद कर सकते थे उतनी की है। उन्होंने बताया कि एसआइटी ने अपनी जांच चाहे भले ही पूरी कर जांच शासन को सौंप दी ही लेकिन कानपुर तत्कालीन कमिश्नर के द्वारा अपने कार्यकाल के समय जो कानपुर में इस्लामपंथी का जो माहौल तैयार किया था उसके अगर और भी वीडियो मिलते हैं तो वे भी एसआइटी के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम हम सभी करेंगे।
एसआइटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को दे दी
अब कानपुर के समाजसेवियों व हिन्दू संगठनों में इस बात की अब तेजी से चर्चा हो रही है कि पूरे पुख्ता प्रमाण के साथ एसआइटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को दे दी है तो अब इस वरिष्ठ आईएस के खिलाफ सरकार कोई एक्शन लेने ने देर क्यो कर रही है? जबकि योगी सरकार ने कई तरह की अन्य शिकायतें मिलने पर कई आईएएस हटाये हैं।लेकिन इस समाज में वैमनस्यता फैलाने वाले इस आईएएस अफसर योगी सरकार अभी भी उतर प्रदेश सड़क परिवहन निगम चेयरमैन बनाये हुए है। उन्हें सरकार ने निलम्बित भी करने की जहमत नहीं उठायी है।
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