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Uttar Pradesh Ki GDP: यूपी की जीडीपी पिछले 6 महीनों में 19 प्रतिशत बढ़ी, बोले डा. नवनीत सहगल
Uttar Pradesh Ki GDP: आज वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के विषय पर हिल्टन गार्डन इन में "इंडिया वित्तीय साक्षारता संगोष्ठी" का आयोजन किया गया । जिसमें पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा वित्तीय साक्षरता से ही देश से गरीबी को दूर किया जा सकता है।
Uttar Pradesh Ki GDP: अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल (Dr. Navneet Sehgal) ने कहा कि कोविड (Covid-19) के समय में एमएसएमई (MSME) को मजबूत करने के लिए सरकार ने 35 हजार करोड़ आवंटित किए हैं। डॉ. सहगल ने कहा कि विगत साढ़े चार साल में लगभग 70 लाख में नये एमएसएमई पंजीकृत हुये हैं। इस दौरान एमएसएमई और स्टार्टअप्स को लगभग 16 हजार करोड़ रूपये का ऋण प्रदान किया गया है। एवोक इंडिया फ़ाउंडेशन (Evok India Foundation) की तरफ से आज वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के विषय पर हिल्टन गार्डन इन में "इंडिया वित्तीय साक्षारता संगोष्ठी" का आयोजन किया गया था ।
उन्होंने कहा कि यूपी की जीडीपी (GDP) पिछले 6 महीनों में 19 प्रतिशत बढ़ी है। डॉ. सहगल ने कॉन्क्लेव के दौरान यूपी इंडस्ट्रियल्स और बीएसई-एनएसई के साथ एमओयू की भी घोषणा की है। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि क्षेत्रीय निदेशक, आरबीआईआर लक्ष्मीकांत राव ने कहा कि वित्तीय साक्षरता, सरकार एवं रिजर्व बैंक दोंनो की नीतिगत प्राथमिकता में है।
वित्तीय साक्षरता से ही देश से गरीबी को दूर किया जा सकता है- आलोक रंजन
उत्तर प्रदेश में सिर्फ 21 प्रतिशत लोग ही वित्तीय रुप से साक्षार है, जो कि राष्ट्रीय औसत का 27 प्रतिशत से काफी कम है। इसलिए हमें इस दिशा में और कार्य करने की आवश्यकता है।पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा वित्तीय साक्षरता (financial literacy) से ही देश से गरीबी को दूर किया जा सकता है और इसके लिये एवोक इण्डिया को और प्रयास करने चाहिये। आईआईए के अध्यक्ष अशोक कुमार अग्रवाल ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बैंको में लम्बी लाइन लगती है और ग्राहको को सुविधाए नहीं मिलती है, इस दिशा में और कार्य करने चाहिए।
फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर, डा. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) की डीन श्रीमती वंदना सहगल ने महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना काल में लोगों को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। अब धीरे-धीरे हालात में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि बाजार की मंदी का असर घरों में देखा गया है। कोविड के दौरान आर्थिक तंगी ही नहीं आई, बल्कि लोगों की नौकरियां भी चली गई। इसीलिए महिलाओं को खासतौर से फाइनेंशियल प्लानिंग करने की आवश्यकता है। कोविड ने सिखाया है कि हर समय एक जैसा नहीं होता। इसलिए आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए धन की बचत आवश्यक है।
वित्तीय साक्षरता महत्वपूर्ण है- सेबी ईडी जी.पी. गर्ग
सेबी ईडी जी पी गर्ग ने अपने विचार साझा करते हुये कहा कि सेबी निवेशकों (SEBI Investors) के संरक्षण के लिए भी काम कर रहा है और मुझे लगता है कि वित्तीय साक्षरता महत्वपूर्ण है और हमें इसे बढ़ाने के लिए युवाओं को शिक्षित करना शुरू करना चाहिए। केवल 16 प्रतिशत के पास अपने वित्त के लिए कार्य योजना और लक्ष्य हैं जो कि बहुत कम हैं।सीनियर प्रेसिडेंट सुरेश शुक्ला, ने बताया कि 2 वर्ष पहले मात्र 4-5 लाख प्रतिमाह डिमेट खाते खुलते थे जो कि अब बढ़कर 35 लाख प्रतिमाह हो चुके है।एवोक इण्डिया फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार द्विवेदी ने बताया कि एवोक इण्डिया फाउण्डेशन 500 से अधिक सदस्यों के साथ उत्तर प्रदेश में सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त एकमात्र निवेशक संघ है। यह पिछले नौ वर्षों से वित्तीय साक्षरता, जागरूकता, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में काम कर रहा है।
कार्यक्रम में एवोक इंडिया जनरल एवं सोवेनियर का विमोचन भी किया गया
कार्यक्रम में आर्थिक सशक्तिकरण (economic empowerment) की वृद्धि विषय पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन विजेताओं को वार्षिक फाइंनेंसिल इंक्लूजन एंड लिटरेसी लीडरशिप अवार्डस से सम्मानित किया गया। साथ ही कार्यक्रम में एवोक इंडिया जनरल एवं सोवेनियर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर एवोक के चेयरमैन प्रो0 सुब्रत चक्रवर्ती सहित आदि उद्यमी उपस्थित थे।
इस समारोह के मुख्य अतिथि आर लक्ष्मीकांत राव, क्षेत्रीय निदेशक, आरबीआई तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव, कृषि शिक्षा एवं शोध, देवेश चतुर्वेदी तथा पूर्व मुख्य सचिव अलोक रंजन सम्मिलित हुए। इस एक दिवसीय संगोष्ठी में "आर्थिक सशक्तिकरण में वृद्धि" के लिए महत्वपूर्ण 5 विषयों पर जिसमें महिला सशक्तिकरण (women empowerment), युवा, सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग एवं स्टार्टअप, कृषि एवं बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं तथा बीमा क्षेत्र पर पैनल डिस्कशन हुआ।
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