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Lucknow News: शिक्षकों के 2 लाख से ज़्यादा पद खाली, छात्र नेता विपिन बोले- 'हर साल हो रहा TET, मग़र भर्ती नहीं'
Lucknow News: राज्य में शिक्षकों के 2 लाख से अधिक पद खाली हैं। इतनी बड़ी संख्या में पद खाली होने के बावजूद भी राज्य सरकार ने कोई नई वैकेंसी नहीं निकाली है।
Lucknow News: "उत्तर प्रदेश में प्राइमरी शिक्षकों के लाखों पद खाली हैं, लेकिन इन्हें भरने के लिए विभाग की ओर से कोई नई भर्ती पिछले 4-5 सालों से नहीं आई है। यहां लाखों युवाओं को नई प्राइमरी शिक्षक भर्ती का इंतजार हैं। वो हर दिन सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक अभियान चलाकर इसकी मांग कर रहें हैं। यूपी में पिछले 4 सालों से प्राइमरी शिक्षकों की नई भर्ती निकाले जाने की मांग हो रही है। लाखों युवा सालों से नई भर्ती का इंतजार कर रहे हैं।" ये बातें आम आदमी पार्टी से ताल्लुक रखने वाले छात्र नेता विपिन राठौर ने कही।
विपिन ने बताया कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में शिक्षकों के 2 लाख से अधिक पद खाली हैं। इतनी बड़ी संख्या में पद खाली होने के बावजूद भी राज्य सरकार ने कोई नई वैकेंसी नहीं निकाली है। उन्होंने बताया कि संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, यूपी के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के 2,17,481 पद खाली हैं। वहीं, शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से आए आरटीआई के जवाब का हवाला देते हुए अभ्यर्थी प्राथमिक स्कूलों में 1.7 लाख शिक्षकों के खाली पद होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, ये आंकड़ा 2019-20 का है।
'हर साल हो रहा टीईटी, मग़र भर्ती नहीं'
विपिन ने छात्रों की ओर से बात रखते हुए बताया कि योगी सरकार ने पिछले 4 सालों में कोई भर्ती नहीं निकाली है, जबकि हर साल करीब 2 लाख प्रशिक्षु ट्रेनिंग लेकर तैयार हो रहे हैं। इसके अलावा हर साल टीईटी भी हो रहा हैं। छात्रों का कहना है कि जब आपको वैकेंसी निकालनी ही नहीं है तो फिर ये सब क्यों? क्योंकि बिना भर्ती के इस सबका कोई मतलब ही नहीं है। आपके पास पात्रता परीक्षा कराने के लिए समय है लेकिन भर्ती कराने के लिए नहीं है।
15 दिनों में जुटाना था ब्यौरा
विपिन राठौर ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते साल सितम्बर में एक समिति बनाई। इस समिति को 15 दिन में प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा जुटाना था। अधिकारियों की कार्यकुशलता का आलम यह है कि अभी तक यह संख्या सामने नहीं आ पाई है।
42 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं
छात्र नेता ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों का बहुत ही ज्यादा अभाव है। प्रदेश में बहुत से स्कूल ऐसे हैं, जहाँ एक भी शिक्षक नहीं है, वहाँ स्कूलों में ताला लटका दिया गया है। बहुत से स्कूल शिक्षामित्रों के सहारे चल रहें हैं। एक शिक्षक या एक शिक्षा मित्र बहुत से स्कूलों में 5-5 कक्षाओं को पढ़ा रहा हैं। कई स्कूल उत्तर प्रदेश में ऐसे हैं, जो शिक्षक विहीन हैं, वहाँ रसोईया तक छात्रों को विद्यालय में पढ़ा रहीं हैं। उन्होंने बताया कि अभी गोंडा का मामला सुर्खियों में रहा। जहाँ 42 स्कूलों में 1 भी शिक्षक नहीं है। जबकि 131 स्कूलों में सिर्फ 1 शिक्षक है। यह हाल सिर्फ 1 जिले का है और ऐसी स्थिति लगभग हर जिलों की है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती करने में आनाकानी कर रही है। जिसके कारण शिक्षक भर्ती की राह देख रहें अभ्यर्थियों में काफी रोष है। 2021 में प्राथमिक विद्यालयों में 1.80 करोड़ छात्रों ने एडमिशन लिया, शिक्षक भर्ती नहीं हुई तो इन्हें पढ़ायेगा कौन? शिक्षक भर्ती न होने के कारण शिक्षक अभ्यर्थियों की उम्र सीमा पार करने लगी है। आखिर सरकार शिक्षक अभ्यर्थियों और छात्रों का भविष्य क्यों खराब कर रही यह समझ से परे है।