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Lucknow News: BSW के प्रपत्रों की जांच करेंगे लखनऊ मंडल के फार्मासिस्ट, नियमों को ताक पर रख लगाई ड्यूटी

Lucknow News: निदेशक के आदेश के अनुसार 17,713 अभ्यर्थियों के सत्यापन 8 जून से प्रारंभ होकर 18 जून तक चलेंगे।

Shashwat Mishra
Published on: 8 Jun 2022 2:51 AM GMT
Pharmacists of Lucknow division
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BSW के प्रपत्रों की जांच करेंगे लखनऊ मंडल के फार्मासिस्ट (फोटो: सोशल मीडिया )

Lucknow News: निदेशक प्रशासन के आदेश के बाद, लखनऊ मंडल (Lucknow Division) के सभी जनपदों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के फार्मेसिस्ट (Pharmacists) 8 जून से 18 जून तक लगातार 11 दिन अपने चिकित्सालय से लखनऊ आ जाएंगे और लखनऊ में आकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता (health centers) के अभिलेखों की जांच करेंगे। इस दौरान चिकित्सालयों में दवा वितरण कार्य कैसे होगा, इसका कोई जिक्र निदेशक द्वारा नहीं किया गया है। फार्मेसी एक्ट के मुताबिक केवल फार्मेसिस्ट ही औषधि वितरण कर सकते हैं, उनकी अनुपस्थिति में कोई भी गैर फार्मेसिस्ट औषधियों का वितरण नहीं कर सकता। फार्मेसिस्ट एक टेक्निकल पोस्ट है, उन्हें मिनिस्ट्रियल कार्यों में लगाना कहां तक उचित है? निदेशक के आदेश के अनुसार 17,713 अभ्यर्थियों के सत्यापन 8 जून से प्रारंभ होकर 18 जून तक चलेंगे। 7 तारीख को 2:30 बजे सभी फार्मेसिस्ट लखनऊ आ जाएंगे।

फार्मासिस्टों के लिए नहीं रुकने व खाने-पीने की व्यवस्था

लखनऊ के 56 फार्मेसिस्ट, जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं। हरदोई के 87, रायबरेली के 84 और सीतापुर के 40 फार्मेसिस्ट लखनऊ में आकर प्रपत्रों की जांच करेंगे और सबसे बड़ी बात तो यह है कि उनके रुकने, खाने-पीने की कोई व्यवस्था का जिक्र पत्र में नहीं है। लखनऊ में ही लगभग 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी फार्मेसिस्ट ड्यूटी पर हैं। निसंदेह औषधियों का वितरण बुरी तरह प्रभावित होगा।

नियमों के विपरीत लगाई गई फार्मासिस्टों की ड्यूटी

फार्मेसिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश फार्मेसी कौंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने कहा कि बिना फार्मेसिस्ट के औषधि वितरण कराया जाना एक्ट के विपरीत है, और यह लगातार 11 दिनों में औषधि वितरण का प्रभावित होना जनता के हितों के प्रतिकूल होगा। वहीं, फार्मेसिस्ट के रहने-खाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न जनपदों के फार्मेसिस्ट लखनऊ आएंगे तो उनके रहने, खाने आदि की व्यवस्था का जिक्र इस आदेश में किया जाना चाहिए था। प्रपत्रों की जांच में मिनिस्ट्रियल संवर्ग के लोग के साथ अन्य संवर्गों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए थी। फार्मेसिस्ट की ड्यूटी लगाना नियमों के विपरीत है। सुनील यादव ने तत्काल शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए इस स्थान पर किसी अन्य कर्मी की ड्यूटी लगाए जाने की मांग की है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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